IPS Amitabh Yash: 150 से अधिक एनकाउंटर करने वाले IPS अमिताभ यश से माफिया और अपराधी थर-थर कांपते हैं, दी गई यूपी के लॉ एंड आर्डर की जिम्मेदारी, जानिये उनके बारे में
IPS Amitabh Yash: 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी अमिताभ यश से न केवल अपराधी भय खाते हैं बल्कि माफिया अपना कार्यक्षेत्र बदल लेते हैं। उन्होंने दुर्दांत डकैत ददुआ गैंग का सफाया किया। वहीं विकास दुबे और अतीत अहमद के बेटे का एनकाउंटर भी।
IPS Amitabh Yash: लखनऊ। उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एसटीएफ चीफ अमिताभ यश को एडीजी लॉ एंड आर्डर बनाया है। अमिताभ एनकांउटर के नाम से चर्चित हैं। उनका नाम सुनकर माफिया और अपराधी के पसीने छूटने लगते हैं। क्योंकि, वे न केवल 150 से अधिक एनकाउंटर किए हैं बल्कि कुख्यात डकैत ददुआ को मार गिराया था। अमिताभ बिहार के रहने वाले हैं। इससे पहले यूपी सरकार ने बिहार के मूल निवासी प्रशांत कुमार को यूपी का कार्यवाहक डीजीपी बनाया है।
पिता पुलिस अधिकारी
बिहार के भोजपुर जिला में 11 अप्रैल 1971 में अमिताभ का जन्म हुआ। उनके पिता राम यश सिंह पुलिस अधिकारी थे। अमिताभ का बचपन पुलिस परिसरों में गुजरा। क्योंकि, पिता की पोस्टिंग के दौरान पुलिस परिसर में उनका सरकारी आवास होता था। सो, अमिताभ बचपन ने बचपन से पुलिस की वर्किंग देखा और उसी समय उन्होने ठान लिया कि पुलिस में अफसर बनकर वे नाम कमाएंगे। तभी पिता की इच्छा के विपरीत वे पुलिस सेवा में आए। पुलिस का कठिन काम देखकर उनके पिता नहीं चाहते थे कि उनके बाद उनका बेटा भी पुलिस की सेवा में आए।
आईआईटी से पढ़ाई
अमिताभ की स्कूलिंग जरूर बिहार के विभिन्न स्कूलों में हुई। मगर उसके बाद ग्रेजुएशन दिल्ली के नामी सेंट स्टीफेंस कॉलेज से किया। इसके बाद कानपुर आईआईटी से केमेस्ट्री में एमटेक किया। अमिताभ पढ़ाई में मेधावी थे। उन्होंने यूपीएससी का एग्जाम क्रेक किया और उन्हें 1996 बैच मिला। चूकि आईपीएस बनना उनका शौक था, इसलिए फिर आईएएस बनने के लिए उन्होंने ट्राई नहीं किया। वे संत कबीर नगर बाराबंकी महाराजगंज, हरदोई, जालौन, बुलंदशहर, सहारनपुर, नोएडा व कानपुर जैसे जिलों के एसपी, एसएसपी रह चुके हैं।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट
चंबल में जब ददुआ गैंग का आतंक सिर चढ़का बोल रहा था तो उससे यूपी का सीमावर्ती इलाका भी कराह रहा था। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने अमिताभ यश को एसटीएफ का आईजी बनाया और उन्हें ददुआ गैंग के सफाए का दायित्व सौंपी। तब ददुआ आतंक का पर्याय बन चुका था। नेता, विधायक, सांसद बिना ददुआ के इजाजत के चुनाव नहीं लड़ सकते थे। चुनाव लड़ने के लिए उन्हें ददुआ को बड़ी रकम रंगदारी के तौर पर देनी होती थी। कहा जाता है ददुआ ने करीब 150 लोगों को मौत के घाट उतारा होगा। इनमें पुलिस के साथ पंच, सरपंच और बड़े ठेकेदार, नेता भी शामिल हैं। अमिताभ ने मुख्यमंत्री मायावती के भरोसे पर खरा उतरते हुए ददुआ को एक मुठभेड़ में मार गिराया। कानपुर के बिकरू कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे की कार पलटने के बाद एनकाउंटर की चर्चित घटना हुई थी, उसमें भी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश का हाथ था। इसके बाद अतीक अंसारी के बेटे और उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद अहमद को भी मार गिराया।
दो बार गैलेंट्री अवार्ड
एक जनवरी 2021 को उन्हें यूपी एसटीएफ का एडीजी बनाया गया था। अब उन्हें लॉ एंड ऑर्डर एडीजी का भी प्रभार सौंपा गया है। वे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से जाने जाते है। दो बार गैलेंट्री अवार्ड पा चुके अमिताभ यश ने कई दुर्दांत डकैतो और अपराधियों का एनकाउंटर किया है।