IPS Ajay Yadav Biography in Hindi: आईपीएस अजय यादव का जीवन परिचय ( जीवनी),जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अजय यादव?

IPS Ajay Yadav Biography Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth: अजय यादव छत्तीसगढ़ कैडर के 2004 बैच के आईपीएस हैं। वे मूलतः छत्तीसगढ़ के ही रहने वाले हैं। इंटेलिजेंस चीफ समेत कई पदों पर रहे हैं। उन्हें गैलेंट्री अवार्ड समेत सराहनीय सेवा पदक भी मिल चुका है।

Update: 2024-06-13 13:54 GMT

IPS Ajay Yadav

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एनपीजी। अजय यादव छत्तीसगढ़ कैडर के 2004 बैच के आईपीएस है। वे मूलतः छत्तीसगढ़ के ही रहने वाले है। आईपीएस बनने से पहले उनका चयन आईडीएएस में हुआ था। अजय यादव को दबाव में नहीं आने व अपने मातहतों के पक्ष में स्टैंड लेने वाला अफसर माना जाता है। लो प्रोफाइल काम करने वाले अजय यादव ने यूपीएससी की प्राथमिकता क्रम में आईपीएस ही पहले लिखा था। नक्सल मोर्चे में काफी मजबूती से काम अजय यादव ने किया है। मैनुअल पुलिसिंग में भी अजय यादव को महारत हासिल है। आइए जानते हैं उनके बारे में...

जन्म और शिक्षा:–

अजय यादव का जन्म 1 अगस्त 1976 को हुआ है। उनके पिता कृषि विभाग में कर्मचारी थे जबकि उनकी माता गृहणी हैं। अजय यादव की एक बहन वसुंधरा यादव शिक्षिका है जबकि उनका भाई बिजनेस करता है। अजय यादव की स्कूलिंग बस्तर में अलग-अलग जगहों से हुई है। उन्होंने पहली व दूसरी कक्षा की पढ़ाई दोरनापाल से की है। फिर तीसरी से आठवीं तक बस्तर से पढ़ाई की है। नौवीं से बारहवीं उन्होंने बीजापुर से पास की। अजय यादव की पूरी स्कूलिंग सरकारी स्कूलों से ही हुई। दसवीं में उनका 81% तो 12वीं में गणित विषय के साथ 68% था। फिर उन्होंने शासकीय पोस्ट ग्रेजुएशन कॉलेज जगदलपुर से मैथ्स में 57% के साथ उत्तीर्ण की। बीएससी की डिग्री लेने के बाद पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन एमएससी फिजिक्स से 59.6% अंको के साथ उत्तीर्ण किया।

यूपीएससी में सलेक्शन:–

एमएससी के बाद अजय यादव ने बिलासपुर आकर यूपीएससी की तैयारी शुरू की। पीएससी की परीक्षा भी उन्होंने दिलाई। राज्य बनने के साथ ही तत्काल हुए पीएससी की परीक्षा ( सन 2000 पीएससी) में साक्षात्कार तक अजय यादव पहुंचे पर अंतिम चयन से चूक गए। यूपीएससी का फर्स्ट अटेम्प्ट उन्होंने एंथ्रोपोलॉजी सब्जेक्ट के साथ दिलाया था। प्रथम प्रयास में अजय यादव का 300 रैंक रहा। उन्हें इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विस एलॉट हुआ था। जिसे अजवाइन कर अजय यादव फिर से यूपीएससी के लिए प्रयास करते रहे। सफलता नहीं मिल पाई। तीसरे प्रयास में अजय यादव 207 रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस बनने में सफल हुए। उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर एलॉट हुआ। तीसरे प्रयास में अजय यादव का वैकल्पिक विषय लोक प्रशासन व समाज शास्त्र रहा। जिस साल अजय यादव यूपीएससी सलेक्ट हुए उसी साल स्टेट पीएससी में भी वे साक्षात्कार तक पहुंचे थे पर सलेक्ट नही हो पाए।

प्रोफेशनल कैरियर:–

अजय यादव ने 6 सितंबर 2004 को आईपीएस की सर्विस ज्वाइन की। लाल बहादुर शास्त्री अकादमी में ट्रेनिंग के पश्चात प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर उन्होंने 2006 में बिलासपुर जिले के बिल्हा थाने के थाना प्रभारी का चार्ज तीन माह तक सम्हाला था। जिसके बाद रायगढ़ जिले में एसडीओपी धर्मजयगढ़ रहे। फिर दंतेवाड़ा जिले में एडिशनल एसपी नक्सल ऑपरेशन रहें।

एसपी के तौर पर उनका पहला जिला नारायणपुर रहा। उनके कार्यकाल में यहा 8 नक्सली मारे गए। फिर वे कांकेर एसपी बने। उनके कार्यकाल के दौरान यहां 15 नक्सली मारे गए। अजय यादव का तीसरा जिला बिलासपुर था। बिलासपुर के बाद वे जगदलपुर फिर जांजगीर व दुर्ग के एसएसपी रहे। दुर्ग के बाद वे राजधानी रायपुर के एसएसपी रहे। रायपुर के बाद अजय यादव सरगुजा आईजी बने। फिर रायपुर रेंज आईजी रहने के साथ ही आईजी इंटेलिजेंस बने। इसके बाद में बिलासपुर रेंज के आईजी बने। वर्तमान में अजय यादव पुलिस मुख्यालय रायपुर में पदस्थ है।

बिलासपुर जिले से प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर नौकरी की शुरुआत करने वाले अजय यादव ने बस्तर के नक्सल इलाकों में पांच साल से अधिक सेवाएं दी है। बस्तर के नारायणपुर से ही उन्होंने एसपी की पारी की शुरूआत की। नारायणपुर में उनके नेतृत्व में चलाए गए विभिन्न आपरेशनों में सुरक्षा बलों ने आठ नक्सलियों को मार गिराए। 2008 के विधानसभा चुनाव से पहले हुई मुठभेड़ के लिए उन्हें वीरता पदक मिला था। इसमें तीन नक्सलियों के शव के साथ हथियार भी मिले थे। 2008 के विधानसभा चुनाव में नारायणपुर में पहली बार ऐसा हुआ कि बिना किसी भी इंज्युरी या नुकसान के विधानसभा चुनाव संपन्न करवाया गया।

नारायणपुर के बाद अजय यादव कांकेर एसपी बनें। इस दौरान उनके कार्यकाल में 15 नक्सलियों को एनकाउंटर में मारा गया। 2009 में अजय यादव ने कांकेर में लोकसभा चुनाव शान्तिपूर्ण ढंग से संपन्न करवाया। पहली बार वहां रिपोलिंग नही करवानी पड़ी। यहां बीएसएफ़ के 27 कैम्प व 5 बटालियन हेडक्वार्टर भी बनाये थे। फिर जगदलपुर एसपी रहने के दौरान झीरम घाटी में दो कैंप खुलवाए। जगदलपुर में आमचो बस्तर, आमचो पुलिस...उन्हीं के कार्यकाल में प्रारंभ किया गया। अजय यादव नारायणपुर, कांकेर, बस्तर, बिलासपुर, जांजगीर, दुर्ग और रायपुर को मिलाकर सात जिलों के एसपी रह चुके हैं।

अजय यादव सरगुजा रेंज के आईजी भी रहे हैं। इसके अलावा राजधानी रायपुर रेंज व बिलासपुर रेंज के आईजी रहे हैं। रायपुर रेंज आईजी रहते हुए उन्होंने इंटेलिजेंस चीफ की जिम्मेदारी भी सम्हाली है। अजय यादव को राष्ट्रपति वीरता पदक व सराहनीय सेवा पदक भी मिल चुका है।

बेसिक पुलिसिंग पर फोकस करने वाले अजय यादव ऐसे अफसर हैं, जिन्हें अपने मातहत अधिकारियों के पक्ष में स्टैंड लेने वाला अफसर कहा जाता है। इसके लिए उन्हें कई बार हटना भी पड़ा। बिलासपुर में तत्कालीन सांसद दिलीप सिंह जूदेव के धरने पर बैठने का मामला हो या रायपुर के पुरानी बस्ती थाने में पादरी के साथ मारपीट का मामला हो। दोनों ही मामले में अपने थानेदार को सस्पेंड करने पर उनकी कुर्सी बच सकती थी, लेकिन दोनों ही बार उन्हें हटना पड़ा था। नक्सल जिले में पदस्थ रहते हुए उन्होंने मुकेश गुप्ता जैसे तेजतर्रार अधिकारी को मूलभूत सुविधाओं के बिना फोर्स को जंगल में भेजने से इंकार कर दिया था।

लो प्रोफाइल रहकर काम करने वाले अफसर:–

अजय यादव लो प्रोफाइल रहकर काम करने वाले अफसर माने जाते हैं। उनका विवाह प्रभावशाली राजनीतिक परिवार में हुआ है पर फिर भी उनके व्यवहार में इसका असर कहीं नहीं झलकता। सहज सरल ढंग से वे अपने करीबियों से मिलते हैं। जिसके चलते पुलिस व प्रशासन के अलावा हर फील्ड में उनको चाहने वालों की संख्या काफी है। अपने सीनियर अफसरों के भी अजय यादव करीबी है। वर्तमान डीजीपी अशोक जुनेजा जब इंटेलिजेंस चीफ हुआ करते थे तब अजय यादव डीआईजी सुरक्षा थे।

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