IAS Abhishek Prakash News: आईएएस अभिषेक प्रकाश ने किये कितने घोटाले... अब विजिलेंस टीम करेगी अफसर के कारनामों की जांच

IAS Abhishek Prakash News: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश(IAS Abhishek Prakash) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. अब उनकी संपत्ति की विजिलेंस जांच होगी

Update: 2025-03-22 05:23 GMT
IAS Abhishek Prakash News: आईएएस अभिषेक प्रकाश ने किये कितने  घोटाले

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IAS Abhishek Prakash News: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश(IAS Abhishek Prakash) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. अब उनकी संपत्ति की विजिलेंस जांच होगी. योगी सरकार ने आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दिए है. 

दरअसल, सचिव औद्योगिक विकास विभाग व इन्वेस्ट यूपी के CEO की जिम्मेदारी संभाल रहे सीनियर आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को कमीशनखोरी के मामले में 20 मार्च को सस्पेंड किया था. तो वहीँ उनपर भ्रष्टाचार के और भी मामले सामने हैं. आरोप है अभिषेक प्रकाश ने कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती के दौरान असीमित संपत्ति अर्जित की है. और भी कई विवादों में उनका  नाम सामने आ चुका है.

जिसके बाद योगी आदित्यनाथ ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए है. आदित्यनाथ के निर्देश के बाद नियुक्ति विभाग ने गृह विभाग को आईएएस अधिकारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच का पत्र भेजा है. संपत्ति की जांच के लिए एक टीम बनाई जाएगी. जो पूरी जांच करेगी. टीम जाँच करेगी आखिर  बरेली, लखीमपुर, हमीरपुर, लखनऊ में तैनाती के दौरान अधिकारी ने कितनी संपत्तियां बनाई हैं. टीम उनेक रिश्तेदार और करीबियों के संपत्ति की भी छानबीन करेगी. 

कमीशन मामले में हो चुके हैं ससपेंड

बता दें, 20 मार्च को SAEL Solar P6 प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि विश्वजीत दत्ता ने आईएएस अभिषेक प्रकाश के खिलाफ शिकायत की थी. शिकायतकर्ता ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश में सोलर सेल, सोलर पैनल व सोलर प्लांट के पुर्जे बनाने की फैक्ट्री लगाना चाहते हैं. इसके लिए इन्वेस्ट यूपी के ऑफिस और ऑनलाइन प्रार्थना पत्र भेजा गया था. इसके संबंध में मूल्यांकन समिति की बैठक हुई थी. इस दौरान इन्वेस्ट यूपी के वरिष्ट अधिकारी ने एक प्राइवेट व्यक्ति निकांत जैन का नंबर दिया. अधिकारी ने कहा अगर जैन जी कहेंगे तो एम्पावर्ड कमेटी और कैबिनेट से तुरंत अनुमोदित हो जाएगा. जब निकांत जैन से बात की गयी तो निकांत जैन ने पूरे मामले के लिए 5% कमिशन की मांग की. इसके लिए हमने मना कर दिया. मगर 5% कमिशन नहीं देने के कारण कमेटी की संस्तुति के बावजूद पत्रावली में प्रकरण टाल दिया गया. कंपनी ने कमीशन नहीं दिया तो 12 मार्च 2025 को हुई बैठक में मूल्यांकन समिति ने कंपनी को Letter of Comfort की संस्तुति भी कर दी, लेकिन अभिषेक प्रकाश ने इसे को Reevaluate करने के लिए कह दिया. 

जब मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आया तो उन्होंने पूरी पत्रावली मंगवाई और जांच के आदेश दिए. जांच के बाद IAS अभिषेक प्रकाश को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और लखनऊ के गोमती नगर थाने में निकांत जैन के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई. पुलिस ने निकांत जैन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. 

कौन है आईएएस अभिषेक प्रकाश

आईएएस अभिषेक प्रकाश सीएम योगी के करीबी अधिकारी माने जाते थे. आईएएस अभिषेक प्रकाश लंबे समय तक लखनऊ के डीएम रह चुके हैं. वो हमीरपुर, बरेली और अलीगढ़ जिले में डीएम और कलेक्टर की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. इससे पहले भी उनपर अनियमितताओं का आरोप लग चूका है. तो चलिए आईये जानते हैं उनके बारे में...

आईएएस अभिषेक प्रकाश 2006 बैच के अधिकारी हैं. वो बिहार के रहने वाले हैं उनका जन्म 21 दिसंबर 1982 में हुआ था. उन्होंने आईआईटी रुड़की से बीटेक की पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और पब्लिक पॉलिसी में एमए किया. उन्होंने 2005 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की. जिसमे उन्होंने ऑल इंडिया आठवीं रैंक हासिल की थी. अभिषेक प्रकाश को नागालैंड कैडर मिला. बाद में उन्होंने अपना कैडर उत्तरप्रदेश करा लिया.

उत्तरप्रदेश ने उन्होंने कई बड़ी जिम्मेदारी संभाली है. साल 2011-12 में लखीमपुर खीरी जिले में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट रह चुके हैं. वो लखनऊ, हमीरपुर, बरेली और अलीगढ़ जिले में डीएम और कलेक्टर की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. वित्त विभाग और स्वास्थ्य विभाग में विशेष सचिव भी रह चुके हैं. 2020 से 25 जुलाई 2021 तक लखनऊ डीएम के साथ ही एलडीए वीसी की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.

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