What is EVM: EVM मशीन क्या होती है, यह कैसे काम करती है? जानिए क्या है इसके फायदे और नुकसान

जानिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (What is EVM) क्या है, यह कैसे काम करती है और इसके फायदे व नुकसान। भारतीय चुनावों में ईवीएम का महत्व और इसके सुरक्षा पहलुओं पर एक विस्तृत गाइड...

Update: 2025-09-17 13:27 GMT
EVM Kya Hota Hai: 1990 के दशक तक भारत में चुनावों (elections in India) में कागजी मतपत्रों (Paper Ballots) का ही इस्तेमाल किया जाता था, जिससे चुनाव में धांधली और आपराधिक गतिविधियों की संभावना बनी रहती थी। इस समस्या को हल करने के लिए भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (electronic voting machine-EVM) का उपयोग करना शुरू किया। 1999 में पहली बार गोवा राज्य विधानसभा चुनावों में इन मशीनों का प्रयोग किया गया। इसके बाद से ईवीएम ने चुनावों के संचालन में सुधार किया और भारत में चुनावों की पारदर्शिता और सुरक्षा को बेहतर बनाया।
आइए जानते हैं EVM के बारे में विस्तार से, इसकी कार्यप्रणाली, फायदे और नुकसान।

EVM क्या है? (What is an EVM)
EVM, यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, एक पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जिसे चुनावों में मतदान प्रक्रिया को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें दो मुख्य यूनिट्स होती हैं:
बैलेटिंग यूनिट – इसमें उम्मीदवारों के नाम और चुनाव चिन्ह होते हैं।
कंट्रोल यूनिट – इसे चुनाव अधिकारी द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो मतदान प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
ईवीएम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदान प्रक्रिया में किसी प्रकार की धोखाधड़ी या हेराफेरी न हो और चुनाव निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो।

EVM कैसे काम करती है? (How does EVM work?)
ईवीएम का काम करना बेहद सरल है। मतदान करने के लिए कुछ आसान चरणों का पालन किया जाता है:
स्टेज 1: जब कोई मतदाता मतदान केंद्र में प्रवेश करता है, तो चुनाव अधिकारी बैलेटिंग यूनिट को एक्टिवेट करता है।
स्टेज 2: मतदाता को अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम और चिन्ह पर स्थित नीले बटन को दबाना होता है।
स्टेज 3: बटन दबाने के बाद, लाल बत्ती जलती है और एक लंबी बीप की आवाज आती है, जो मतदान की पुष्टि करती है।
स्टेज 4: मतदान के बाद मतदाता को कोई कागजी स्लिप या प्रिंटआउट नहीं मिलता, लेकिन यह पुष्टि होती है कि मतदान सफलतापूर्वक हुआ है।

EVM के फायदे (Advantages of EVM)
EVM के कई महत्वपूर्ण फायदे हैं, जो इसे भारतीय चुनावों में प्रभावी और सुरक्षित बनाते हैं:
समय की बचत: ईवीएम में मतदान और परिणामों की गिनती बेहद तेज़ होती है, जिससे चुनाव परिणाम जल्दी घोषित होते हैं।
पारदर्शिता: क्योंकि ईवीएम में सीलबंद सुरक्षा चिप होती है, इसलिए इससे किसी प्रकार की छेड़छाड़ संभव नहीं होती।
विश्वसनीयता: प्रत्येक ईवीएम में 64 उम्मीदवारों तक को फीड किया जा सकता है और 10 वर्षों तक इसका डेटा संरक्षित रहता है।
धोखाधड़ी की रोकथाम: ईवीएम में एक मतदाता केवल एक बार वोट डाल सकता है, जिससे हेराफेरी या डबल वोटिंग की संभावना खत्म हो जाती है।
बिजली का कोई मुद्दा नहीं: ईवीएम बैटरी से चलती है, इसलिए बिजली की कमी होने पर भी यह काम करती रहती है।
नोटा (None of the Above) बटन: यह बटन मतदाता को किसी भी उम्मीदवार के लिए वोट न डालने का विकल्प देता है, जिससे अधिक पारदर्शिता आती है।



EVM के नुकसान (Disadvantages of EVMs)

ईवीएम के कई फायदे हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं:
भाषा की समस्या: ईवीएम में उम्मीदवारों के नाम राज्य की भाषा में होते हैं। यदि मतदाता उस भाषा से परिचित नहीं है, तो उसे चुनाव चिन्हों को याद रखना पड़ता है।
सीमा: ईवीएम में अधिकतम 64 उम्मीदवारों को फीड किया जा सकता है। यदि उम्मीदवारों की संख्या इससे अधिक हो, तो मैन्युअल वोटिंग प्रणाली का सहारा लेना पड़ता है।
मतदान की सीमा: प्रत्येक ईवीएम में अधिकतम 3840 वोट तक रिकॉर्ड किए जा सकते हैं, जो सामान्यत: पर्याप्त होते हैं। हालांकि, बड़े निर्वाचन क्षेत्रों में यह सीमा बाधक हो सकती है।

क्या ईवीएम सुरक्षित हैं?
भारत में चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि ईवीएम में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ या धोखाधड़ी की संभावना न हो। इन मशीनों में सुरक्षा के लिए कई उपाय किए गए हैं, जैसे:
सीलबंद सुरक्षा चिप: यह सुनिश्चित करती है कि मशीन में किसी प्रकार की छेड़छाड़ न हो सके।
मशीन की नियमित जांच: चुनावों से पहले और बाद में ईवीएम की जांच की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह ठीक से काम कर रही है।
ट्रांसपेरेंसी और निगरानी: चुनाव आयोग ईवीएम के उपयोग के दौरान पूरी निगरानी करता है और किसी भी अनियमितता को रोकता है।
ईवीएम ने भारतीय चुनावों में तकनीकी सुधार और सुरक्षा की नई दिशा दी है। इसके प्रयोग से चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा मिला है। हालांकि, इसके कुछ सीमित पहलू और खामियां हैं, लेकिन चुनाव आयोग इसके कामकाजी तरीके और सुरक्षा के बारे में निरंतर सुधार करता रहता है। ईवीएम का भविष्य भारतीय लोकतंत्र में अहम भूमिका निभाएगा, क्योंकि यह न केवल चुनाव प्रक्रिया को तेज करता है, बल्कि चुनावों को अधिक सुरक्षित और प्रभावी भी बनाता है।
Tags:    

Similar News