CG News-तहसीलदार की छुट्टी मामला: कार्रवाई के विरोध में अवकाश लेकर प्रदर्शन कर रहे थे कर्मचारी, इधर तहसीलदार को कर दिया गया रिलीव, निंदा प्रस्ताव पारित

Update: 2023-04-01 09:42 GMT

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CG News-बलौदाबाजार- भाटापारा। रेत से भरे ट्रक को पकड़ कर कार्यवाही करने के मामले में तहसीलदार के हुए तबादले में विरोध का स्वर तेज हो गया है। तहसीलदार की स्थानांतरण का विरोध करते हुए कल तहसील दफ्तर के सभी कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए स्थानांतरण का विरोध किया। उनका साथ देते हुए तहसील के सभी पटवारी, आरआई व कोटवारों ने भी अपना काम बंद रखा। इसके साथ ही अधिवक्ता संघ ने भी आंदोलन को समर्थन दिया। एक तरफ कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर ट्रांसफर निरस्त करने के लिए नारेबाजी करते रह गए दूसरी तरफ आदेश निकाल कर तहसीलदार को रिलीव भी कर दिया गया। इससे नाराज होकर कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने ट्रांसफर के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया है।

बलौदा बाजार के तहसीलदार नीलमणि दुबे,डिप्टी कलेक्टर अंशुल वर्मा व आरआई प्रीतम चंद्राकर ग्राम मुहाने में नदी के कटाव से किसानों की जमीन के क्षरण के मामले में दौरा कर स्थिति का जायजा लेने के लिए निकले थे। वापसी में उन्हें घोटिया से सिरपुर जाने वाले रास्ते में घोटिया मोड़ पर रेत से भरी हुई हाईवा ट्रक दिखाई दी। हाईवा के पिछले हिस्से से नीचे पानी भी टपक रहा था जिससे स्पष्ट हो गया कि इसमें थोड़ी देर पहले ही रेत लोड हुई होगी। तहसीलदार ने जब जाकर हाईवा चलावे वेदुराम यादव से रायल्टी पर्ची पूछी तब उसने पर्ची नहीं होने की बात कही। साथ ही संसदीय सचिव शकुंतला साहू के समर्थक का ट्रक होने की बात कही। तहसीलदार ने रायल्टी पर्ची नहीं होने पर विधिवत कार्यवाही की बात कही और उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने रायल्टी पर्ची नहीं होने की स्थिति में विधिवत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिसके बाद तहसीलदार नीलमणि दुबे ने ट्रक क्रमांक सीजी 22 0293 का पंचनामा बना दिया। यह घटना बुधवार 29 मार्च दोपहर 2:00 बजे की है। जिसके बाद तहसीलदार जब तहसील दफ्तर पहुंचे तभी अचानक दोपहर 3 बजे संसदीय सचिव शकुंतला साहू भी तहसील दफ्तर पहुंच गई। उन्होंने तहसीलदार नीलमणि दुबे को अपने समर्थकों की गाड़ियों में कार्यवाही करने को लेकर जमकर फटकार लगाई साथ ही संसदीय सचिव सचिव ने 24 घंटे के अंदर ही तहसीलदार को तबादला करवा देने की धमकी भी दी। जिसके महज 2 घंटे बाद ही सिंगल आदेश निकालकर तहसीलदार को प्रतिनियुक्ति में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय रायपुर भेज दिया गया।

मामले में तहसीलदार नीलमणि दुबे ने बताय कि 29 मार्च को वह और डिप्टी कलेक्टर अंशुल वर्मा तथा आरआई प्रीतम चंद्राकर ग्राम मुहाने में नदी के कटाव से किसानों के जमीन के क्षरण का जायजा लेने निकले थे। वापसी में उन्हें अवैध उत्खनन से रेत निकाल कर लोड हुई हाईवा दिखी जिसे रोक कर रॉयल्टी पर्ची पूछी गई। जिसके नहीं होने की स्थिति में अधिकारियों के संज्ञान में लाकर हाईवा का विधिवत पंचनामा मेरे द्वारा बना दिया गया। तहसीलदार ने बताया कि ड्राइवर ने कार्यवाही के दौरान संसदीय सचिव का ट्रक होने की बात कही और उनसे बात करवाने की कोशिश भी की तब मेरे द्वारा बात करने के लिए मना कर दिया गया और गाड़ी का पंचनामा बनाने के बाद ही बात करने की बात कही गई थी। इस बीच संसदीय सचिव मैडम का कई बार फोन मुझे आया और मैंने फोन रिसीव नहीं किया। पंचनामा बनाने के बाद जब मैं वापस तहसील दफ्तर आया तब तहसीलदार मैडम गुस्से से तमतमाते हुए आ गई और अपने समर्थकों की गाड़ियों में कार्यवाही करने पर जमकर नाराजगी जताते हुए मुझे 24 घंटे में तबादला करवा देने की धमकी दी। इस दौरान तहसील दफ्तर में अन्य कर्मचारी अधिवक्ता एवं पक्षकार भी उपस्थित थे। तहसीलदार ने बताया कि 24 घंटे में तबादले की धमकी देने के 2 घंटे बाद ही सिंगल आदेश निकाल कर मुझे प्रतिनियुक्ति में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय रायपुर बुलवा लिया गया।

तबादले से नाराज तहसील दफ्तर के सारे कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी करते हुए स्थानांतरण का विरोध किया उनके साथ पलारी तहसील के पटवारी,आरआई और कोटवारों ने भी काम बंद कर उनका समर्थन किया। आंदोलन को अधिवक्ता संघ का भी साथ मिला। सभी ने एक सुर में तबादलें को निरस्त करने की मांग की। एक तरफ वे तबादले को निरस्त करने के लिए आंदोलन ही करते रह गए वहीं दूसरी तरफ आंदोलन की जानकारी लगते ही कल दोपहर को ही तहसीलदार को रिलीव करने के आदेश जारी कर दिए गए। इसके साथ ही लवन के तहसीलदार सौरभ चौरसिया को पलारी का तहसीलदार बना दिया गया। हालांकि सौरभ चौरसिया के साथ जिले में चार तहसीलदारों का तबादला आदेश निकाला गया जिससे यह न लगे कि तहसीलदार को रिलीव करने के ही क्रम में यह आदेश जारी किया गया है। अमूमन देखा जाता है कि सरकारी अधिकारी कर्मियों के तबादले के बाद इतनी जल्दी उन्हें जनरली रिलीव नहीं किया जाता। पर जिस तरह से तबादले के दूसरे दिन ही एकाएक उन्हें रिलीव किया गया उससे तो यही लगता है कि जैसे ही कर्मियों ने स्थानांतरण का विरोध कर आंदोलन शुरू किया वैस ही तत्काल रिलीविंग आदेश निकालकर कर्मियों के मांग को दबाने का प्रयास किया गया। जारी चर्चाओं के अनुसार कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन करने की जानकारी मिलते ही राजनीतिक दबाव के तहत तहसीलदार को रिलीव कर दिया गया।

निंदा प्रस्ताव हुआ पारित

तहसीलदार के तबादले और तत्काल रिलीविंग के खिलाफ छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ इकाई बलौदा बाजार ने निंदा प्रस्ताव पारित किया है। निंदा प्रस्ताव में कहा गया है कि अवैध रेत परिवहन पर छत्तीसगढ़ गौण खनिज अधिनियम की कार्यवाही की गई थी। जिसके 1 घंटे बाद कसडोल विधायक शकुंतला साहू तहसील दफ्तर पहुंची थी व तहसीलदार को तबादला करवाने की धमकी देते हुए दुर्व्यवहार किया था। अवैध परिवहन पर विधिवत की गई कार्यवाही को भी रोकने के लिए दबाव बनाया गया एवं अवैध माइनिंग को संरक्षण देते हुए 3 घंटे के भीतर ही राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा करवाई करने वाले तहसीलदार का स्थानांतरण मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय रायपुर में किया जाना अनुचित एवं एकपक्षीय कार्यवाही है। इससे समस्त राजस्व विभाग का मनोबल गिरेगा एवं अवैध माइनिंग करने वालों के हौसले बुलंद होंगे। ट्रांसफर की कार्यवाही का छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ इकाई बलौदाबाजार ने घोर निंदा करते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया है

तहसीलदार बोले जाएंगे हाईकोर्ट

मामले में कसडोल विधायक शकुंतला साहू के कोप का भाजन बने तहसीलदार नीलमणि दुबे ने कहा कि उनका केवल 4 महीना पहले ही गरियाबंद से यहां तबादला हुआ था। अवैध रेत परिवहन के खिलाफ कार्यवाही करने पर राजनीतिक दबाव में आकर उन्हें प्रतिनियुक्ति पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय भेज दिया गया। साथ ही तत्काल रिलीव भी कर दिया गया। इसके खिलाफ वह हाईकोर्ट जाएंगे और वहां आदेश के खिलाफ याचिका लगाकर चुनौती देंगे।

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