CG ACB Raid 2024: 200 अफसरों और सिपाहियों की टीम और 4 राज्यों में छापा, गुप्त ठिकानों से ऐसे रवाना हुई ACB की पार्टी...
CG ACB Raid 2024: छत्तीसगढ़ एसीबी ने पहली बार आईएएस अधिकारियों और पूर्व मुख्यमंत्री के विश्वस्त अधिकारी से जुड़े ठिकानों पर रेड किया है। एसीबी चीफ अमरेश मिश्रा ने छापे की ऐसी फुलप्रूफ प्लान बनाया कि 200 से अधिक अधिकारी, सिपाही और गवाह होने के बाद भी किसी को भनक नहीं लग पाई।
CG ACB Raid 2024: रायपुर। एसीबी की मेगा छापेमारी की खबर ने आज सुबह-सुबह लोगों को चौंका दिया। चौंकाया इसलिए क्योंकि राज्य निर्माण के बाद एसीबी ने पहली बार इतने बड़े स्तर पर कार्रवाई की। पहली बार दो आईएएस अधिकारी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री से जुड़े अधिकारी के यहां छापा मारा गया। आईएएस अधिकारियों ने यहां ईडी ने छापा मारा था, मगर एसीबी ने एफआईआर दर्ज करने के बाद उनके घरों और ठिकानों पर रेड नहीं किया था।
ज्ञातव्य है, आय से अधिक अधिक संपत्ति मामले में छत्तीसगढ़ एसीबी ने आज तड़के जेल में बंद आईएएस समीर विश्नोई, रानू साहू और राप्रसे अधिकारी सौम्या चौरसिया के 19 ठिकानों पर छापा मारा है। तीनों के खिलाफ एसीबी में आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज है।
फुलप्रूफ प्लान
एसीबी चीफ अमरेश मिश्रा पहले एनआईए में रहे हैं। सीएम विष्णुदेव साय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात कर उन्हें फरवरी में वापिस बुलाया था। तीनों अफसरों के यहां छापे का उन्होंने ऐसा प्लान बनाया कि कहीं से सूचना लीक नहीं हो पाई। एसीबी ने छत्तीसगढ़ के भिलाई, कोरबा और रायगढ़ के साथ ही कर्नाटक, राजस्थान और झारखंड के 19 जगहों पर एक साथ छापा मारा। सूत्रों का कहना है, इतनी बड़ी टीम बनाने में एसीबी को काफी मशक्कत करनी पड़ी। एसीबी के अधिकारियों के साथ पुलिस पार्टी, गवाह, वीडियो रिकार्डिंग के लिए टीम। सभी मिलाकर करीब 200 से अधिक लोगों की पार्टी।
गुप्त स्थान पर प्लानिंग?
एसीबी ने इन अफसरों के यहां छापा मारने के लिए 19 स्पेशल टीम तैयार की थी। हालांकि, एसीबी के पास इतनी बड़ी टीम नहीं है। सो समझा जाता है कि राज्य पुलिस से भी फोर्स लिया गया होगा। मगर कार्रवाई इतनी गोपनीय रखी गई कि किसी को कानो कान खबर नहीं हो पाई। एसीबी की 19 टीमें 14 अगस्त को राजस्थान और झारखंड के लिए रवाना हो गई थी। रायगढ़ और भिलाई के लिए कल देर रात रायपुर एयरपोर्ट के एक सूनसान जगह पर एसीबी के अधिकारी एकत्रित हुए और वहां से भी टारगेट के लिए रवाना हुए। मगर जानकारी यह भी है कि छापे की प्लानिंग किसी गुप्त स्थान पर बनाई गई। क्योंकि, एसीबी मुख्यालय में इतने हाई प्रोफाइल छापे की योजना तैयार की जाएगी, सूत्रों को ऐसा प्रतीत नहीं होता।
समीर के ससुराल में
एसीबी ने आज सुबह पांच बजे छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस समीर विश्नोई के राजस्थान के अनूपगढ़ स्थित ससुराल में दबिश दी। वहां समीर के साले का परिवार रहता है। एसीबी टीम ने जब वहां पहुंची तो रिमझिम बारिश हो रही थी। लिहाजा, पूरा परिवार गहन निद्रा में था। कॉलबेल बजाने पर उनके परिवार की एक महिला बाहर आई, तो छत्तीसगढ़ की टीम ने अपना परिचय दिया। उनके साथ राजस्थान पुलिस भी सादे ड्रेस में थी। एसीबी के अधिकारियों ने दो दिन पहले ही राजस्थान पुलिस ने लाइनअप कर लिया था। बता दें, समीर की पत्नी प्रीति गोदारा की मां जयपुर की महापौर रह चुकी है। समीर विश्नोई के यहां ईडी ने छापा मारा था, उस समय उनके आवास से 4 किलो सोना, 20 कैरेट का हीरा और 47 लाख नगद बरामद हुआ था। बाद में समीर की सास ने कहा था कि सोना उनका है। बहरहाल, इसी मामले में एसीबी टीम ने आज रेड किया है।
तीनों अधिकारी जेल में
आईएएस समीर विश्नोई, रानू साहू और छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं। बहुचर्चित कोल स्कैम में इन तीनों अधिकारियों के यहां ईडी ने छापा मारा था। इसमें समीर विश्नोई के यहां 4 किलो सोना और 47 लाख रुपए मिले थे। रानू साहू और सौम्या चौरसिया के यहां कोल स्कैम में लेनदेन के काफी साक्ष्य मिले थे। इस आधार पर ईडी ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, बाद में ईडी ने इस केस को छत्तीसगढ़ के एसीबी को सौंप दिया।
2009 और 2010 बैच के आईएएस
समीर विश्नोई 2009 बैच और रानू साहू 2010 बैच की आईएएस हैं। समीर कोंडगांव के कलेक्टर रहने के बाद माईनिंग कारपोरेशन के एमडी रहे। वहीं, रानू साहू कांकेर, बालोद और कोरबा की कलेक्टर रहीं। रायगढ़ कलेक्टर रहने के दौरान ही उनके यहां ईडी का छापा पड़ा था।