बलि का बकराः बलौदा बाजार-02 के भय से कलेक्टर ने अधिकारी को बलि का बकरा बना दिया!...

बिलासपुर कमिश्नर ने आज कलेक्टर के लेटर पर रजिस्ट्री अधिकारी को सस्पेंड कर दिया। इसमें चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। बताते हैं कि बलौदा बाजार जैसी घटना सक्ती में न हो जाए, इसलिए आनन-फानन में डिप्टी रजिस्ट्रार को सस्पेंड कर दिया गया।

Update: 2024-12-14 15:30 GMT

रायपुर। बलि का बकरा, मुहावरे का यह सटीक उदाहरण है। बिलासपुर के कमिश्नर महादेव कांवड़े ने आज सक्ती के पूर्व डिप्टी रजिस्ट्रार को आदिवासी जमीन की बिना कलेक्टर की अनुमति के बिना रजिस्ट्री करने के मामले में सस्पेंड कर दिया।

इसमें अब जो जानकारी आ रही है, उसमें कलेक्टर ने खुद ही यह कहते हुए आवेदन खारिज कर दिया था कि डायवर्टेड ट्राईबल लैंड में अनुमति की जरूरत नहीं पड़ती। कलेक्टर कोर्ट के इस आदेश के बाद रजिस्ट्री अधिकारी ने जमीन की रजिस्ट्री कर दी।

इस मामले में बवाल मच गया। पता चला है कि उस जमीन पर सक्ती के कुछ और लोगों की नजरें थी मगर उन्हें मिल नहीं पाई। सो, वे इसे लगे हवा देने। इसमें गोंडवाना पार्टी की इंट्री हो गई। आदिवासी जमीन की बिना अनुमति रजिस्ट्री के विरोध में पार्टी ने आज 13 दिसंबर को कलेक्ट्रेट का घेराव करने की चेतावनी दी थी।

कलेक्ट्रेट के घेराव के अल्टीमेटम पर कलेक्टर हड़बड़ा गए। उन्होंने कल शाम उल्टे रजिस्ट्री अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने पत्र लिख दिया। कलेक्टर ने अपने पत्र में भू-राजस्व संहिता और आदिवासी जमीन बिक्री के नियमों का हवाला देते हुए लिखा कि बिना कलेक्टर की अनुमति जमीन की रजिस्ट्री कर पंजीयन अधिकारी ने घोर अनियमितता की है। उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके बाद कमिश्नर ने रजिस्ट्री अधिकारी को सस्पेंड कर दिया।

बताते हैं, गोंडवाना पार्टी के अल्टीमेटम से सक्ती जिला प्रशासन घबरा गया। उसे लगा कि एक तो आदिवासी मुख्यमंत्री हैं, दूसरा बलौदा बाजार जैसी कोई घटना हो गई, तो वे निबट जाएंगे।

इसलिए, अधिकारी को बलि का बकरा बनाते हुए बिना कसूर के निलंबित करने का ड्राफ्ट तैयार कर दिया। कलेक्टर को इसका फायदा यह मिला कि गोंडवाना पार्टी का घेराव स्थगित हो गया। मगर एक अफसर बिना कसूर के सस्पेंड हो गया।

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