Election of the Mayor: मेयर को जनता ही चुनेगी और वही हटाएगी: सरकार ने जारी किया अध्यादेश, जानिये.. क्या- क्या बदला
Election of the Mayor: विष्णुदेव साय सरकार ने प्रदेश में महापौर के चुनाव की प्रक्रिया बदल दी है। राज्य सरकार ने इस संबंध में आज अध्यादेश जारी किया है। इममें मेयर के चुनाव से लेकर हटाने तक की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है।
Election of the Mayor: रायपुर। छत्तीसगढ़ में फिर एक बार शहर सरकार चुनने की पूरी जिम्मेदारी जनता के हाथों में आ गई है। नगर पालिकों में पार्षद से लेकर महापौर और अध्यक्ष का चुनाव अब सीधे जनता के वोट से होगा। राज्य में नगरीय निकाय चुनाव में बदलाव को लेकर राज्य सरकार ने अध्यादेश जारी किया है। इमसें वार्डों के आरक्षण के साथ ही मेयर के चुनाव की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है।
राज्य सरकार की तरफ से जारी अध्यादेश के अनुसार मेयर का चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 25 वर्ष और पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए यह सीमा 21 वर्ष तय कर दी गई है। कोई भी व्यक्ति एक साथ मेयर और पार्षद का चुनाव लड़ सकता है, लेकिन दोनों चुनाव जीतने के सात दिन के भीतर एक पद छोड़ना होगा।
महापौर का चुनाव जनता करेगी और उसे हटाने का अधिकार भी वोटरों को ही दिया गया है। हालांकि इसके लिए निर्वाचित पार्षदों को पहल करनी पड़ेगी। महापौर को कार्यकाल पूरा होने से पहले हटाने की प्रक्रिया (अविश्वास प्रस्ताव) पदभार ग्रहण करने के 2 वर्ष से पहले शुरू नहीं की जा सकती है।
किसी भी महापौर को कार्यकाल से पहले पद से हटाने के लिए निर्वाचित पार्षदों को तीन चौथाई बहुमत से प्रस्ताव पास करना होगा। यह प्रस्ताव संभागीय आयुक्त को भेजा जाएगा। संभागीय आयुक्त संतुष्ट होंगे तो आगे की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके तहत जनता महापौर को हटाने के लिए मतदान करेगी। यह मतदान गोपनीय होगा। वहीं, उप चुनाव के जरिये मेयर बनने वालों को खिलाफ तभी अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है, जबकि उन्होंने आधा कार्यकाल पूरा कर लिया हो।