छत्तीसगढ़ ब्रेकिंग : डायरिया और पेट की बीमारी भी है कोरोना का लक्षण…. स्वास्थ्य विभाग ने दी चेतावनी… कोरोना का बदला लक्षण, भ्रम की स्थिति, पैरों में सूजन व आँखों में जलन-खुजलाहट को हल्के में न लें

Update: 2020-12-23 08:49 GMT

दुर्ग, 23 दिसंबर-2020। कोविड-19 अब अपने प्रारंभिक लक्षणों जैसे- सर्दी-खांसी, जुकाम-बुखार व सांस लेने में तकलीफ के अलावा कई अन्य लक्षणों के साथ सामने आ रहा है। अब इन लक्षणों के अलावा पेट सम्बन्धी (गैस्ट्रो) या आँख सम्बन्धी समस्या होती है तो भी कोरोना की जांच कराने की जरूरत हो सकती है।
सीएमएचओ डॉ. गम्भीर सिंह ठाकुर का कहना है,

“इस समय डायरिया, पेट दर्द, भ्रम की स्थिति, पैरों में अचानक सूजन व आँखों में जलन आदि की समस्या को लेकर अस्पतालों में पहुँच रहे बहुत से लोगों की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद अधिक सावधान रहने की जरूरत महसूस की जा रही है । कोरोना वायरस के दो नए लक्षणों का पता चला है जिसमें मरीज को उल्टी और दस्त की समस्या हो रही है। ऐसे में साफ है कि कोरोना इंसान के फेफड़ों के अलावा पेट को भी अपना निशाना बना रहा है यानी कोरोना संकट अभी टला नहीं है| ऐसे में किसी प्रकार के बीमारी का प्रकोप शरीर में इम्यूनिटी सिस्टम को कमजोर कर कोरोना वायरस का शिकार बना सकती है।“

राज्य कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (कोविड-19) के मीडिया प्रभारी डॉ. सुभाष पांडेय का कहना है,

“कोरोना फेफड़ों के साथ ही शरीर के कई अन्य अंगों पर भी असर डाल रहा है। इसमें हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे, लीवर, पेट और आँख सम्बन्धी दिक्कतें भी अब शामिल हो गयी हैं। उनका कहना है अभी हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया कि एक व्यक्ति को कई दिनों से दस्त (डायरिया) की शिकायत लेकर आया और जब कोरोना की जांच हुई तो उसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई । इसी तरह कोरोना के शुरूआती लक्षणों के इतर शरीर में कोई नया परिवर्तन या दिक्कत महसूस हो तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें और परामर्श के मुताबिक़ जांच भी कराएं ।‘’

डॉ. पांडेय का कहना है अस्पताल में मतली, उल्टी और भूख न लगने की शिकायत वाले मरीजों की कोविड जांच कराई जाएगी। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि गैस्ट्रोइंटेसटाइनल लक्षण कोरोना संक्रमण का एक चेतावनी संकेत हो सकता है।

घर पर रहने में ही है भलाई

कोविड-19 की शुरुआत से ही ऐसे लोगों को घर पर ही रहने की सलाह सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जा रही है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है । इनमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग, गर्भवती और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे शामिल हैं, क्योंकि इनकी रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर होती है । इसलिए इनको फिर से सलाह दी जा रही है कि अभी कोरोना ख़त्म नहीं हुआ है, ऐसे में उनका घर पर रहना ही परिवार व अन्य की भलाई के लिए जरूरी है ।

कोरोना को देने को मात – अब भी याद रखो तीन जरूरी बात

पिछले नौ महीने के दौरान कोरोना को मात देने के लिए अपनाये जा रहे तीन मूल मन्त्रों को मानना अब भी बहुत जरूरी है। यह तीन मूल मन्त्र हैं – घर से बाहर निकलने पर मुंह व नाक को मास्क से अच्छी तरह से ढककर रखना, एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाकर रखना और बार-बार हाथों को साबुन-पानी से अच्छी तरह से साफ़ करना। सर्दियों में कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका के बीच इन मूल मन्त्रों को मानना खुद के साथ दूसरों को भी सुरक्षित बनाने के लिए बहुत ही जरूरी हैं।
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