IPS Kamal Lochan Biography in Hindi: 137 मुठभेड़ों में 75 नक्सलियों का एनकाउंटर, कौन हैं रियल लाइफ "सिंघम" IPS कमल लोचन? पढ़ें बस्तर से DIG तक का सफर!

IPS Kamal Lochan Kashyap Biography in Hindi: IPS कमल लोचन की पूरी जीवनी। जानें बस्तर से DIG दंतेवाड़ा रेंज तक का सफर, नक्सल ऑपरेशन, पुरस्कार और प्रोफाइल।

Update: 2025-12-31 13:40 GMT

Biography of IPS Kamal Lochan Kashyap in Hindi: छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल से निकलकर देश के सबसे कठिन नक्सल प्रभावित इलाकों में लंबे समय तक मोर्चा संभालने वाले वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कमल लोचन को ज़मीनी स्तर पर काम करने वाले अफसर के तौर पर जाना जाता है। आदिवासी क्षेत्र से आने वाले कमल लोचन ने बिना किसी दिखावे के फील्ड में रहकर पुलिस सेवा में अपनी अलग पहचान बनाई।

गांव से अफसर बनने तक का सफर

कमल लोचन का जन्म 1 जनवरी 1966 को छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के कोठियागुड़ा गांव में हुआ। उनके पिता का नाम सुखदेव है। वे मुरिया आदिवासी समाज से आते हैं। शुरुआती पढ़ाई उन्होंने गांव के सरकारी स्कूल से की। इसके बाद माध्यमिक और हायर सेकेंडरी शिक्षा लोहंडीगुड़ा में पूरी की। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने जगदलपुर स्थित शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से ग्रेजुएशन किया और फिर रायपुर के रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया।


IPS कमलोचन कश्यप का प्रोफाइल

  • नाम: कमल लोचन (भारतीय पुलिस सेवा)
  • पिता का नाम: सुखदेव
  • जन्म तिथि: 01 जनवरी 1966
  • जाति: मुरिया

स्थायी पता:

ग्राम कोठियागुड़ा, तहसील – लोहंडीगुड़ा, जिला – बस्तर, छत्तीसगढ़

शैक्षणिक योग्यता

  • प्राथमिक शिक्षा – प्राथमिक शाला, कोठियागुड़ा, जिला बस्तर (छ.ग.)
  • माध्यमिक शिक्षा – पूर्व माध्यमिक शाला, कोठियागुड़ा, जिला बस्तर (छ.ग.)
  • हायर सेकेंडरी शिक्षा – शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला, लोहंडीगुड़ा, जिला बस्तर (छ.ग.)
  • स्नातक शिक्षा – शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जगदलपुर (छ.ग.)
  • स्नातकोत्तर शिक्षा – रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, यू-टीडी (University Teaching Department), रायपुर (छ.ग.)

1994 से पुलिस सेवा में

वर्ष 1994 में उन्होंने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर उप पुलिस अधीक्षक (DySP) के रूप में पुलिस सेवा जॉइन की। उनकी पहली पोस्टिंग मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में हुई। इसके बाद उज्जैन, राजनांदगांव और रायगढ़ जैसे जिलों में उन्होंने SDOP और CSP के तौर पर काम किया। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद उनका कैडर यहीं रहा और यहीं से उनका असली फील्ड करियर शुरू हुआ।


मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में पोस्टिंग

  • प्रथम पदस्थापना – उप पुलिस अधीक्षक, जिला खरगोन (म.प्र.)
  • एसडीओपी, तराना – जिला उज्जैन (म.प्र.)
  • एसडीओपी, खैरागढ़ – जिला राजनांदगांव (म.प्र.)
  • नगर पुलिस अधीक्षक, रायगढ़ शहर – जिला रायगढ़ (म.प्र.)
  • एसडीओपी, आवापल्ली – जिला बीजापुर (छ.ग.)
  • पुलिस अधीक्षक, गरियाबंद – जिला गरियाबंद (छ.ग.)
  • पुलिस अधीक्षक, दंतेवाड़ा – जिला दंतेवाड़ा (छ.ग.)
  • पुलिस अधीक्षक, राजनांदगांव – जिला राजनांदगांव (छ.ग.)
  • पुलिस अधीक्षक, बीजापुर – जिला बीजापुर (छ.ग.)
  • पुलिस अधीक्षक, एसआईबी एवं एसटीएफ – छत्तीसगढ़
  • वर्तमान पद: उप पुलिस महानिरीक्षक (DIG), दंतेवाड़ा रेंज, दंतेवाड़ा (छ.ग.)

नक्सल इलाकों में लंबा अनुभव

छत्तीसगढ़ में गरियाबंद, दंतेवाड़ा, राजनांदगांव और बीजापुर जैसे संवेदनशील जिलों में पुलिस अधीक्षक रहते हुए कमल लोचन कश्यप ने नक्सल विरोधी अभियानों की कमान संभाली। दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे इलाकों में उन्होंने जवानों के साथ जंगलों में रहकर ऑपरेशन किए।

उनके कार्यकाल में दर्जनों मुठभेड़ हुईं जिनमें कई हार्डकोर माओवादी मारे गए और बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए गए। पुलिस विभाग में उन्हें शांत रणनीतिक और अनुशासित अधिकारी माना जाता है।

DIG के तौर पर मौजूदा जिम्मेदारी

वर्ष 2022 से कमल लोचन कश्यप दंतेवाड़ा रेंज के उप पुलिस महानिरीक्षक (DIG) के पद पर तैनात हैं। इस रेंज में दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिले आते हैं। DIG रहते हुए भी वे फील्ड पर फोकस रखने वाले अधिकारियों में शामिल हैं।

देश-विदेश में ट्रेनिंग, कई बड़े सम्मान

कमल लोचन कश्यप को भारत सरकार की ओर से अमेरिका और सिंगापुर में विशेष प्रशिक्षण मिला है। उनके लंबे और चुनौतीपूर्ण सेवा कार्य को देखते हुए उन्हें कई बड़े राष्ट्रीय सम्मान दिए गए हैं। उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक (सराहनीय सेवा), राष्ट्रपति पुलिस पदक (वीरता) दो बार राष्ट्रपति पुलिस पदक (विशिष्ट सेवा) और केंद्रीय गृह मंत्री दक्षता पदक से सम्मानित किया जा चुका है।

पदक एवं सम्मान

  • स्वतंत्रता दिवस 2016 –राष्ट्रपति का पुलिस पदक (सराहनीय सेवा)
  • स्वतंत्रता दिवस 2021 –राष्ट्रपति का पुलिस पदक (वीरता)
  • गणतंत्र दिवस 2022 –राष्ट्रपति का पुलिस पदक (वीरता) — दूसरी बार
  • स्वतंत्रता दिवस 2023 –राष्ट्रपति का पुलिस पदक (विशिष्ट सेवा)
  • 31 अक्टूबर 2025 –लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर
  • केंद्रीय गृह मंत्री दक्षता पदक

पहचान: कम बोलना, ज़्यादा काम

पुलिस महकमे में कमल लोचन कश्यप को ऐसे अफसर के तौर पर देखा जाता है जो प्रचार से दूर रहते हैं और काम को प्राथमिकता देते हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों में अनुशासन रणनीति और धैर्य के साथ काम करना उनकी पहचान रही है।

तीन जिलों के SP, एक रेंज में DIG

आईपीएस कमललोचन कश्यप नक्सल प्रभावित तीन जिलों के पुलिस अधीक्षक रहे। इनमें दंतेवाड़ा, बीजापुर और गरियाबंद शामिल है। वे 2022 से दंतेवाड़ा में DIG की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। बस्तर में नक्सलियों के साथ सर्वाधिक मुठभेड़ इसी दौरान हुई है।

माओवादी विरोधी अभियानों में प्रमुख उपलब्धियाँ

वर्ष 2014 से अति संवेदनशील माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में पदस्थ रहते हुए, सटीक सूचना संकलन, विश्लेषण एवं ठोस कार्ययोजना के आधार पर फील्ड में जवानों के साथ रहकर बिना प्रचार-प्रसार के कुशल रणनीति के साथ माओवादियों के विरुद्ध आक्रामक अभियानों का संचालन किया।


पुलिस अधीक्षक के रूप में:

  • दंतेवाड़ा जिले में 78 मुठभेड़ों में 45 हार्डकोर माओवादी ढेर।
  • राजनांदगांव जिले में 2 मुठभेड़ों में 8 हार्डकोर माओवादी ढेर।
  • बीजापुर जिले में 57 मुठभेड़ों में 22 हार्डकोर माओवादी ढेर।
  • इन अभियानों में बड़ी मात्रा में आधुनिक हथियार एवं गोला-बारूद बरामद।

DIG (दंतेवाड़ा रेंज) के रूप में (वर्ष 2022 से):

दंतेवाड़ा, बीजापुर एवं सुकमा जिलों में निरंतर आक्रामक अभियानों के परिणामस्वरूप अनेक माओवादी मारे गए, गिरफ्तार हुए तथा हथियारों सहित आत्मसमर्पण किया।

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