Arvind Kejriwal Profile: मैकेनिकल इंजीनियर से मुख्यमंत्री और जेल तक का सफर, पूरी फिल्मी है अरविंद केजरीवाल की जिंदगी

Arvind Kejriwal Profile: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों आबकारी घोटाले को लेकर सुर्खियों में हैं। ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर सलाखों के भीतर पहुंचा दिया है। केजरीवाल ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है, जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई।

Update: 2024-05-10 05:03 GMT

Arvind Kejriwal Profile: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों आबकारी घोटाले को लेकर सुर्खियों में हैं। ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर सलाखों के भीतर पहुंचा दिया है। केजरीवाल ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है, जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच बिना कोई फैसला दिए उठ गई। केजरीवाल को जमानत मिलेगी या उन्हें फिलहाल जेल में ही रहना होगा, ये फैसला अदालत अगली तारीख पर सुना सकती है। ED द्वारा गिरफ्तार होने वाले केजरीवाल दूसरे मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले 31 जनवरी को झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। हालांकि सोरेन ने पहले राज्यपाल को इस्तीफा दिया, फिर ED ने उन्हें गिरफ्तार किया था। अरविंद केजरीवाल की पूरी जिंदगी फिल्मी है। हरियाणा के एक आम युवा का मैकेनिकल इंजीनियर से मुख्यमंत्री बनने तक का सफर रोमांचक भी है और कई मायनों में ये कुछ सीख भी देता है।

अरविंद केजरीवाल का निजी जीवन

  • जन्म- 16 अगस्त 1968, सिवानी, हरियाणा
  • माता-पिता- गीता देवी और गोविंद राम केजरीवाल
  • पत्नी- सुनीता केजरीवाल
  • बच्चे- बेटा पुलकित और बेटी हर्षिता
  • शिक्षा- 1989 में IIT खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक
  • 1995 में UPSC क्रैक किया, IRS में जॉब

केजरीवाल की 3 पीढ़ी इंजीनियर

अरविंद केजरीवाल का जन्म हरियाणा के हिसार जिले में 16 अगस्त 1968 को एक संपन्न परिवार में हुआ। उनके पिता गोविंद राम केजरीवाल भी इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे। अरविंद ने 1985 में IIT-JEE परीक्षा पास की और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में IIT खड़गपुर से ग्रेजुएशन किया। 1989 में कॉलेज से निकलने के बाद केजरीवाल ने करीब 3 साल तक जमशेदपुर के टाटा स्टील में नौकरी भी की। इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए 1992 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया। 1995 में केजरीवाल ने UPSC एग्जाम पास किया।

वे IRS के लिए चुने गए, लेकिन IAS में जाने की इच्छा की वजह से उन्होंने दोबारा प्रयास किया। दूसरी बार भी उन्हें IRS में ही सफलता मिली और 1995 में आयकर विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर बनाए गए। इसके बाद उन्होंने सुनीता केजरीवाल से प्रेम विवाह किया। केजरीवाल दंपति के दोनों बच्चे हर्षिता केजरीवाल और पुलकित केजरीवाल भी IIT ग्रेजुएट हैं।


केजरीवाल की दिलचस्प लव स्टोरी

अरविंद केजरीवाल की सुनीता से मुलाकात IRS की ट्रेनिंग के दौरान हुई थी। यहां दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई, हालांकि दोनों ने काफी समय तक प्यार का इजहार नहीं किया। एक बार अरविंद केजरीवाल ने एकेडमी में ही सुनीता के रूम का दरवाजा खटखटाकर प्रपोज कर दिया। पहली पोस्टिंग के पहले ही दोनों पारिवारिक रजामंदी से वैवाहिक गठबंधन में बंध गए।


मैकेनिकल इंजीनियर से मुख्यमंत्री तक का सफर

मैकेनिकल इंजीनियर से राजस्व अधिकारी बन चुके केजरीवाल यहीं नहीं रुके। उन्होंने 2006 में आयकर विभाग की नौकरी छोड़ दी और पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की। 2006 में अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

2011 में इंडिया अगेंस्ट करप्शन ग्रुप बनाया

साल 2011 में केजरीवाल ने जाने-माने समाजसेवी अन्ना हजारे के साथ मिलकर जन लोकपाल विधेयक को लागू करने की मांग करते हुए इंडिया अगेंस्ट करप्शन ग्रुप (IAC) का गठन किया। जन लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर 16 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना हजारे भूख हड़ताल पर बैठ गए। ये आंदोलन 28 अगस्त तक चला। इस आंदोलन के दौरान साल 2011 में अरविंद केजरीवाल पहली बार सुर्खियों में आए।


अन्ना का आंदोलन खत्म होने के बाद इससे जुड़े अरविंद केजरीवाल, कुमार विश्वास, मनीष सिसोदिया और प्रशांत भूषण जैसे कुछ लोगों ने मिलकर 2 अक्टूबर 2012 को आम आदमी पार्टी बनाई। अरविंद केजरीवाल इस पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक बनाए गए। यहीं से केजरीवाल का राजनीतिक सफर शुरू हुआ।

दिल्ली के सबसे युवा मुख्यमंत्री

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013 में आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे। अरविंद केजरीवाल ने तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित को हराकर अपना लोहा मनवाया। 28 दिसंबर 2013 को उन्होंने पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। महज 45 साल के केजरीवाल केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री थे।


अरविंद केजरीवाल को तब 49 दिन सत्ता में रहने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि इसके बाद 2015 और 2020 के चुनावों में आम आदमी पार्टी को बड़ी सफलता मिली और अरविंद केजरीवाल को 3 बार मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। साल 2015 में चुनाव हुआ और आम आदमी पार्टी रिकॉर्ड 67 सीटें जीतकर विधानसभा में पहुंची थी। वहीं 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में भी केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें जीतीं। केजरीवाल ने 16 फरवरी 2020 को रामलीला मैदान में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

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