Rohini Acharya News: लालू परिवार में फूट! RJD की हार के बाद रोहिणी आचार्य ने परिवार से नाता तोड़ा, संजय यादव और रमीज पर लगाए गंभीर आरोप, पढ़ें पूरा मामला

Rohini Acharya Update: बिहार चुनाव 2025 में राजद की हार के बाद लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने X (ट्विटर) पर राजनीति छोड़ने और परिवार से नाता...

Update: 2025-11-15 11:38 GMT

Rohini Acharya News: पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की करारी हार के बाद लालू यादव के परिवार में बड़ी दरार उभरकर सामने आई है। लालू यादव की छोटी बेटी और तेजस्वी यादव की बहन रोहिणी आचार्य ने शनिवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक चौंकाने वाला पोस्ट करते हुए राजनीति छोड़ने और परिवार से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया।

"परिवार से नाता तोड़ रही हूं…" रोहिणी का भावनात्मक पोस्ट
रोहिणी आचार्य ने अपने X अकाउंट पर लिखा, “मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।”
उनके इस पोस्ट ने न सिर्फ लालू परिवार बल्कि पूरे बिहार के सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। सोशल मीडिया पर रोहिणी के फैसले को लेकर बहस छिड़ गई है। कई यूजर्स ने उनके समर्थन में लिखा, जबकि कुछ ने इसे “राजद की अंदरूनी कलह का संकेत” बता रहे हैं।


आरजेडी की हार के बाद बढ़ा दबाव

बिहार चुनाव 2025 में आरजेडी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी महज 25 सीटों पर सिमट गई, जबकि एनडीए ने बंपर जीत दर्ज की। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह हार तेजस्वी यादव की रणनीति और संजय यादव जैसे रणनीतिक सलाहकारों के फैसलों पर जनता की नाराजगी को दिखाती है। हार के तुरंत बाद से ही लालू परिवार के भीतर असंतोष के संकेत दिखने लगे थे। रोहिणी का यह कदम उसी टूट का सार्वजनिक रूप है।
तेज प्रताप पहले ही हो चुके हैं बागी
यह पहली बार नहीं है जब लालू परिवार में मतभेद खुलकर सामने आए हैं। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पहले ही पार्टी और परिवार से अलग हो चुके हैं। उन्होंने बिहार चुनाव से पहले जनशक्ति जनता दल नाम से नई पार्टी बनाई थी और आरजेडी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि वे अपनी सीट हार गए, लेकिन उनके बयानों ने राजद नेतृत्व को असहज किया था। अब रोहिणी का परिवार से अलग होना इस पारिवारिक दरार को और गहरा कर रहा है।
संजय यादव पर सीधे आरोप
रोहिणी आचार्य ने अपने पोस्ट में बिना नाम छुपाए राजद के राज्यसभा सांसद संजय यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। संजय यादव को तेजस्वी यादव का ‘रणनीतिक मस्तिष्क’ कहा जाता है और वे लंबे समय से पार्टी के चुनावी और मीडिया प्रबंधन का हिस्सा रहे हैं।
रोहिणी का यह दावा कि “संजय यादव और रमीज ने मुझसे यह सब करने को कहा” पार्टी के भीतर गहरे असंतोष की ओर इशारा करता है। इससे राजद नेतृत्व पर दबाव बढ़ गया है कि वह स्थिति को स्पष्ट करे और परिवार के भीतर इस विवाद को सुलझाए।
क्या है राजनीतिक संदेश
राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि रोहिणी का यह फैसला सिर्फ पारिवारिक विवाद नहीं बल्कि राजद की नेतृत्व शैली पर अविश्वास का संकेत है। लालू यादव की अनुपस्थिति में पार्टी की बागडोर तेजस्वी के हाथ में है, लेकिन हार के बाद संगठनात्मक नाराजगी बढ़ी है।  विशेषज्ञों का कहना है कि यह टूट पार्टी के भविष्य के लिए बड़ा झटका हो सकती है खासकर महिला और युवा समर्थकों के बीच, जहां रोहिणी की छवि काफी साफ और सहानुभूतिपूर्ण मानी जाती है।
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