Former IAS Manish Kumar: पूर्व IAS मनीष वर्मा बनेंगे CM नीतिश कुमार के उत्तराधिकारी? बने JDU के राष्ट्रीय महासचिव, जानिए उनके बारे में
Former IAS Manish Kumar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष कुमार वर्मा को जेडीयू का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है
Former IAS officer Manish Kumar: पटना: मंगलवार को जेडीयू में शामिल हुए पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष कुमार वर्मा को जेडीयू का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. इसे लेकर गुरुवार, 11 जुलाई को जेडीयू के महासचिव आफाक अहमद खान ने पत्र जारी किया है. मनीष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार भी रह चुके हैं.
बता दें, मनीष वर्मा नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते है. बीते मंगलवार को मनीष वर्मा जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और मंत्री विजय चौधरी के मौजूदगी में जेडीयू(जनता दल यूनाईटेड) में शामिल हुए थे. पार्टी की सदस्यता कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने दिलाई थी. पार्टी में शामिल होने के बाद मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि पहले जेडीयू मेरे दिल में था और अब मैं इस दल में आ गया हूं. इसके दो दिन बाद ही उन्हें जेडीयू का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया गया है.
कौन है मनीष वर्मा
मनीष वर्मा ओडिशा कैडर के 2000 बैच के अधिकारी थे. मनीष वर्मा 2012 में उन्हें इंटर स्टेट डेपुटेशन पर 5 साल के लिए बिहार लाया गया था. उसके बाद से बिहार में सेवा दे रहे थे. उन्होंने 2018 में स्वैच्छिक सेवानिवृति ली थी. मनीष कुमार वर्मा बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले हैं. मनीष की स्कूली पढ़ाई बिहारशरीफ के सरकारी स्कूल से हुई. उसके बाद आदर्श हाईस्कूल बिहारशरीफ से उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की. तब वे पूरे नालंदा जिले में टॉप आए थे. पटना साइंस कॉलेज से इंटर की परीक्षा पास की. उसके बाद वो IIT दिल्ली से सिविल ब्रांच से बी.टेक किया. बी.टेक पूरी होते ही मनीष डियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL) में नौकरी करने लगे. नौकरी के दौरान ही भारतीय सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करने लगे. पहली बार तो उन्हें सफलता नहीं मिली. दूसरे प्रयास में उन्होंने एग्जाम क्रैक कर लिया और आईएएस अफसर बना गए.
ओडिशा में कई जिलों में बने डीएम
मनीष वर्मा को 2000 में ओडिशा कैडर मिला. मनीष वर्मा की पहली पोस्टिंग कालाहांडी, सब-कलेक्टर के पद पर हुई थी. इसके बाद गुनपुर और रायगढ़ में SDM के पद पर रहे. पहली बार साल 2005 में उन्हें मलकानगिरी जिले का DM बनाया गया. साल 2012 तक वे ओडिशा के कई जिलों में DM पद पर रहे.
नीतीश कुमार का सेक्रेटरी बनाया गया
उड़ीसा में काम करने के बाद 2012 में आईएएस मनीष वर्मा इंटर स्टेट डेपुटेशन पर 5 साल के लिए बिहार आ गए. बिहार में समाज कल्याण विभाग में निदेशक के रूप में अपनी पहली पोस्टिंग हुई. 2012 में ही उन्हें पूर्णिया का डीएम बनाया गया. उसके बाद वो पटना के डीएम बने. इसके अलावा और भी कई बड़े पद वो रहे. पटना के डीएम रहने के दौरान उन्हें नीतीश कुमार का सेक्रेटरी बनाया गया. तब उनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीब आ गए.
मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे
5 साल बाद उनका डेपुटेशन पीरियड खत्म हो गया. जिसके बाद उन्हें वापस मूल कैडर (ओडिशा) से बुलाया गया. लेकिन वो ओडिशा जाने के इक्छुक नहीं थे. इस पर मनीष वर्मा ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाकर वॉलेंटरी रिटायरमेंट (VRS) के लिए आवेदन दिया और 2018 में नौकरी छोड़ दी. उसके बाद वो नीतीश कुमार के साथ उनकी पार्टी में रहने लगे. साल 2021 में नीतीश कुमार ने मनीष कुमार वर्मा को बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बना दिया. कुछ समय बाद 2022 में मनीष को नीतीश कुमार का अतिरिक्त परामर्शी नियुक्त किया गया. उसके बाद से मनीष मुखयमंत्री के सलाहकार के रूप मे काम करते रहे. हालाँकि जेडीयू में शामिल होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. अब उन्हें जेडीयू का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया गया है.