Bihar Speaker 2025: बिहार में BJP का दबदबा, गृह मंत्रालय के बाद अब अध्यक्ष की कुर्सी पर भी किया कब्जा! प्रेम कुमार ने दाखिल किया नामांकन
Bihar Speaker 2025: बिहार में BJP का पावर गेम तेज गृह मंत्रालय के बाद विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी भी भाजपा के खाते में। वरिष्ठ विधायक प्रेम कुमार ने NDA की ओर से नामांकन किया। जानें पूरा राजनीतिक अपडेट।
Bihar Speaker 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आने के बाद आज सोमवार को पहला सत्र शुरू हुआ, और इसके साथ ही राज्य की राजनीति में भाजपा का पावर गेम खुलकर सामने आ गया है। दो दशक बाद वह गृह मंत्रालय अपने नाम करने में सफल रही, और अब विधानसभा अध्यक्ष का पावरफुल पद भी लगभग भाजपा के कब्जे में माना जा रहा है। एनडीए के भीतर भाजपा की बढ़ती ताकत ने विधानसभा के समीकरण पूरी तरह बदल दिए हैं।
गृह मंत्रालय के बाद अब स्पीकर की कुर्सी भी BJP के खाते में
2025 में भाजपा की ऐतिहासिक जीत ने सरकार और सत्ता संरचना में पार्टी की पकड़ को पहले से कहीं अधिक मजबूत बना दिया है। नीतीश कुमार ने अपने कार्यकाल में पहली बार गृह विभाग छोड़कर भाजपा को सौंपा और अब विधानसभा अध्यक्ष पद पर भी भाजपा का ही नाम आगे बढ़ चुका है। विभागों के बंटवारे से लेकर राजनीतिक फैसलों तक हर जगह भाजपा का क्लियर वर्चस्व दिखाई देने लगा है।
कौन होगा बिहार विधानसभा का नया अध्यक्ष?
गया शहर से नौ बार के विधायक और बिहार कैबिनेट में कई विभागों का नेतृत्व कर चुके वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम कुमार ने एनडीए की ओर से अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। नामांकन के वक्त उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद थे। विपक्ष के पास केवल 35 विधायक हैं, इसलिए प्रेम कुमार का विधानसभा अध्यक्ष चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है।
स्पीकर चुनाव की प्रक्रिया: कब होगा औपचारिक ऐलान?
नामांकन दाखिल करने की अंतिम समय सीमा सोमवार शाम 3 बजे थी। उम्मीदवार मंगलवार तक नाम वापस ले सकते हैं। इसी दिन विधानसभा में स्पीकर का औपचारिक चुनाव भी होगा, जिसकी अध्यक्षता प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव करेंगे। एनडीए ने पहले ही यह सहमति बना ली है कि स्पीकर पद भाजपा को मिलेगा और उप-सभापति का पद जदयू के हिस्से में जाएगा यानी सत्ता संतुलन अब पूरी तरह NDA के मुताबिक तय है।
तीन दशक से बिहार की राजनीति में अजेय चेहरा प्रेम कुमार
प्रेम कुमार 1990 में पहली बार गया शहर से विधायक बने और उसके बाद से लगातार हर चुनाव जीतते रहे हैं। इस बार वे लगातार 9वीं बार विधायक बने हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। वे नीतीश सरकार में महत्वपूर्ण विभागों कृषि, वन एवं पर्यावरण, सहकारिता, पीएचईडी और पीडब्लूडी का सफलतापूर्वक नेतृत्व कर चुके हैं।