DA News: जानिये 4 परसेंट डीए बढ़ने पर पौने 4 लाख कर्मचारियों पर कितना बढ़ता है व्यय, क्या है डीए का इतिहास, कब शुरू हुआ?
DA News: छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि अगले सप्ताह स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय डीए बढ़ाने की घोषणा कर सकते हैं। डीए बढ़ाए जाने से सरकारी खजाने पर भार बढ़ जाएगा।
DA News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों को खिलाफ 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) मिल रहा है। कर्मचारी इसे बढ़कार 50 प्रतिशत करने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दे रखी है। राज्य में करीब 4 महीने पहले मार्च 2024 में 4 प्रतिशत डीए बढ़ाने का आदेश जारी हुआ था। ऐसे में सवाल उठता है कि डीए किस आधार पर बढ़ाया जाता है। डीए बढ़ाने के लिए हर बार कर्मचारियों को राज्य सरकार पर इतना दबाव क्यों बढ़ाना पड़ता है और इससे सरकारी खजाने पर कितना भार पड़ता है। इन सवालों का सिलसिलेवार जवाब जातने हैं।
छत्तीसगढ़ में डीए के दायरे में करीब 5 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी आते हैं। इनमें 3 लाख 90 हजार मौजूदा कर्मचारी और 1 लाख 20 पेंशनर शामिल हैं। 4 प्रतिशत डीए बढ़ाए जाने से राज्य सरकार पर हर महीने 68 करोड़ और सालाना करीब 816 करोड़ रुपये का भार बढ़ता है। इससे पहले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मार्च 2024 में डीए 4 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की थी। सीएम की इस घोषणा से राज्य के कर्मचारियों का डीए 42 से बढ़कर 46 प्रतिशत हो गया था, इसके बावजूद यह केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता से 4 प्रतिशत कम है। ऐसे में राज्य के कर्मचारी डीए बढ़ाने की मांग लगातार कर रहे हैं।
केंद्र और राज्य के कर्मियों के डीए में 12 प्रतिशत का अंतर
कर्मचारी नेताओं के अनुसार प्रदेश में पिछली सरकार के दौरान सबसे अधिक डीए प्रभावित। मई 2022 में राज्य सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों के डीए में एक मुश्त 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। इससे प्रदेश के कर्मचारियों को मिलने वाला डीए 22 प्रतिशत हो गया था, लेकिन उसी दौरान केंद्रीय कर्मचारियों को 34 प्रतिशत डीए मिल रहा था। यानी दोनों सरकार के डीए में 12 प्रतिशत का अंतर था।
केंद्रीय कर्मियों का फिर बढ़ने वाला है डीए
केंद्रीय कर्मचारियों को अभी 50 प्रतिशत डीए मिल रहा है। केंद्र सरकार जल्द ही उनका डीए बढ़ाने की घोषणा कर सकती है। केंद्रीय कर्मियों के डीए में फिर से 4 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इससे उनका डीए बढ़कर 54 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। वहीं, राज्य के कर्मियों का अभी 4 प्रतिशत डीए बढ़ भी जाता है तो फिर वे केंद्रीय कर्मियों से 4 प्रतिशत पीछे हो जाएंगे।
जानिए DA का इतिहास और भारत में कब से प्रारंभ हुआ...
देश में अक्सर सरकारी कर्मचारियों के लिए डीए चर्चा में रहता है। डीए कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता है। यह नौकरीपेशा लोगों के लिए किसी पुरस्कार से कम नहीं है। देश में बढ़ रही महंगाई से कर्मचारियों को राहत दिलाने व महंगाई के अनुरूप अपना जीवन स्तर उठाएं रखने के लिए कर्मचारियों को वेतन के अलावा महंगाई भत्ता दिया जाता है। महंगाई से आंकड़ों की तुलना कर उसी के अनुपात में वेतन के अनुसार डीए बढ़ाया जाता है।
महंगाई भत्ते का कॉन्सेप्ट द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शुरू किया गया था। तब इसे भोजन भत्ता के नाम से जाना जाता था। शुरुआत में डीए कर्मचारियों की वेतन संशोधन की मांगों के जवाब में दिया गया था। बाद में इसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़कर दिया जाने लगा। भारत में साल 1972 में सबसे पहले महंगाई भत्ते की शुरुआत हुई। चौथे वेतन आयोग ने वर्ष में दो बार डीए भुगतान की सिफारिश की। सिफारिश के अनुसार 1 जनवरी और 1 जुलाई को डीए का भुगतान होना तय किया गया। महंगाई भत्ते को कर्मचारियों के लिए मुआवजे के एक रूप के आधार में मुद्रास्फीति के प्रभाव को संबोधित करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें कोई भत्ते का अनुपात तय नहीं किया गया है। बल्कि यह ग्राहक मूल्य सूचकांक के आधार पर बदलता रहता है।
महंगाई भत्ता ( DA) है क्या?
डीए नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को मूल वेतन में एक अतिरिक्त भुगतान है। यह जीवनयापन की लागत का समायोजन है जो कर्मचारियों की सुविधा के लिए मुद्रास्फीति द्वारा निर्धारित किया जाता है। यह एक कर योग्य भत्ता है जो सकल वेतन के साथ आता है। यह केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों, राज्य सरकार के कर्मचारियों व सरकारी उपक्रमों के कर्मचारियों को ही मिलता है। इसके अलावा पेंशनधारियों को भी पेंशन के साथ डीए प्राप्त होता है। निजी क्षेत्रों के कर्मचारियों को डीए का भुगतान नहीं किया जाता। सरकार हर 6 महीने में एक बार डीए की गणना करती है। डीए के विषय में और डिटेल में जानने के लिए यहां क्लिक करें