Chhattisgarh News: पूर्व गृह मंत्री कंवर ने मोदी और शाह को लिखा पत्र, कहा...जानिए क्या है मामला
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Chhattisgarh News: रायपुर। धान खरीदी और राईस मिलर्स की समस्या को लेकर पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। इसमें कंवर ने राईस मिलर्स की समस्या और उनके धान नहीं उठाने के कारण किसानों को हो रही समस्या से बारे में लिख है।
पूर्व गृह मंत्री ने लिखा है कि हमारा प्रदेश धान के कटोरा के नाम से पूरे देश में विख्यात है, अब हमारी सरकार पूरे प्रदेश में हमारे किसान अन्नदाता का एक-एक दाना खरीदने के लिए मोदी की गांरटी के साथ प्रतिबद्ध है। जिसे प्रदेश सरकार पूर्ण करने के लिए किसानों को संपूर्ण सुविधा उपलब्ध करा रही है। जिससे आज हमारे देश में के पास अकुत भंडार खाद्यान का उपलब्ध है। इसके लिए आपको और प्रदेश सरकार को सादर धन्यवाद क्योंकि जिस देश में अन्नदाता को अपने उपार्जित फसल का उचित मूल्य दिया जाता है। वहां का किसान खुश तो पूरा प्रदेश खुसहाल होगा। उसमें प्रदेश के किसान एवं शासन के बीच एक मजबूत कड़ी होता है। शासन द्वारा खरीदे गये किसान के धान को उठाव कर देश की महत्वपूर्ण व्यवस्था जिसे PDS कहते है जिससे सम्पूर्ण प्रदेश गरीबों को सस्ता अनाज उपलब्ध प्रदेश सरकार करा रही है उसे राईस मिलर कहते है। जिसको प्रदेश सरकार की उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है। यदि इन्हे अपने कार्य का पैसा दो तीन साल से नही मिलेगा तो वो इतनी बड़ी इन्डीस्ट्री कैसे चलाया जाएगा। आज से पूर्व वर्ष में पुर्व शासन के द्वारा खुद कि किसान राईस मिल डाली गई थी जो कि प्रशासन के गलत निती से बंद हो गई। अब वही गलत नीति विगत वर्षों से शासन के द्वारा राईस मिलरो के साथ अपनाई जा रही है इससे ऐसा प्रतित होता है कि राईस मिलों को बंद कराकर अप्रत्यक्ष रूप से शासन किसनों के धान को खरीदने हेतु इच्छुक नहीं है।
मेरा आपसे अपेक्षा है कि आप इस बिगड़ती व्यवस्था को स्वयं से सज्ञान लेवे, अन्याथा इस विषय में हमारी पार्टी के अप्रत्याशीत नुकसान होने कि संभावना है। क्योंकि मैं जमीन से जुडा हूँ आज जनता अपने धान का उठाव नही होने से अपना धान समिति में नहीं बेच पा रही है जिससे किसनों में सरकार के प्रति अत्यधिक आक्रोश उत्पन हो रहा है, जिसका परिणाम हमें वर्तमान निकाय चुनाव एवं पंचायत चुनाव में देखा जा सकता है।
कंवर ने लिखा है कि राईस मिलरों का बकाया राशि का भुगतान एवं गलत निती को सुधार कर सरकार एवं राईस मिलरों के बीच में सामंजस्य स्थापित करना चाहेगें।