Chhattisgarh News: नगरीय निकाय चुनाव के बीच प्री बोर्ड परीक्षा की आहट, जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू होगी परीक्षा
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर संशय की स्थिति अब भी बनी हुई है। महापौर पद के लिए आरक्षण की तिथि में जिस तरह बदलाव किया गया है उसे लेकर अब निकाय चुनाव के टलने के आसार नजर आने लगा है। निकाय चुनाव आगे टलने के पीछे 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा को बड़ा कारण बताया जा रहा है। जनवरी के पहले सप्ताह से सीजी बोर्ड की प्री बोर्ड एग्जाम प्रारंभ हो जाएगा। मार्च में वार्षिक परीक्षा का कैलेंडर पहले ही जारी कर दिया है।
Chhattisgarh News: बिलासपुर। प्रदेश में नगरीय चुनाव को लेकर एक बार फिर चर्चा का दौर-दौरा प्रारंभ हो गया है। महापौर के आरक्षण के लिए पहले से तय तिथि में रद्दोबदल के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि तीन या फिर चार महीने के लिए चुनाव को आगे टाला जाएगा। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण 10वीं व 12 वीं बोर्ड परीक्षा के नजदीक होने को माना जा रहा है। सीजी बोर्ड द्वारा तय एजुकेशनल कैलेंडर पर गौर करें तो जनवरी के पहले सप्ताह से प्री बोर्ड एग्जाम प्रारंभ हो जाएंगे। राज्य सरकार भी नहीं चाहेगी कि महत्वपूर्ण परीक्षा के स्टूडेंट्स को किसी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़े।
10 जनवरी के आसपास विज्ञान संकाय के छात्रों के लिए प्रैक्टिल परीक्षा प्रारंभ हो जाएगी। प्रैक्टिल एग्जाम विज्ञान संकाय के स्टूडेंट्स के लिए कितना महत्वपूर्ण है यह सभी जानते हैं। प्रैक्टिल एग्जाम का मार्क्स मुख्य परीक्षा के विषयों के साथ जुड़ते हैं और यही मार्क्स रिजल्ट बनाने में बेहतर साबित होता है। जाहिर सी बात है कि पहले प्री बोर्ड एग्जाम की तैयारी और उसी बीच प्रैक्टिल एग्जाम और फिर एक महीने बाद एनुअल एग्जाम। सब-कुछ जल्दी-जल्दी बितने वाला है। नए साल के शुरुआती तीन महीने बोर्ड एग्जाम के स्टूडेंट्स के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। लिहाजा सरकार भी नहीं चाहेगी कि किसी तरह का अनावश्यक परेशानी का सामना स्टूडेंट्स को करना पड़े। बिना बाधा की परीक्षा की तैयारी में जुटना और अच्छे मन से परीक्षा में शामिल होना। सरकार भी यही चाहेगी। इन सब कारणों को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है, या यूं कहें कि इस बात की संभावना बनती जा रही है कि निकाय चुनाव चार महीने पीछे खींच सकता है। निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग के साथ ही जिला प्रशासन की अपनी तैयारी चल ही रही है। वार्डों के आरक्षण के बाद अब नगर निगम के महापौर, नगरपालिका व नगर पंचायतों के अध्यक्षों के आरक्षण का दौर भी पूरा हो गया होता यदि एनवक्त पर राज्य सरकार द्वारा इसे रद्द ना किया गया होता।
पंचायत चुनाव को लेकर संशय कायम
निकाय चुनाव में विलंब होने की स्थिति में त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत के चुनाव के तय समय पर होने की संभावना कम ही बन रही है। पंचायत चुनाव के भी आगे टलने के आसार दिखाई दे रहा है।