CG Liquor Scam: CG शराब घोटाला के इस आरोपी ने मांगी इच्‍छा मृत्‍यु: जानिए...विशेष कोर्ट से क्‍या मिला जवाब....

CG Liquor Scam: छत्‍तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाला में ईओडब्‍ल्‍यू ने अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए इन आरोपियों में से एक ने कोर्ट से इच्‍छा मृत्‍यु मांग की है।

Update: 2024-04-19 06:11 GMT

CG Liquor Scam: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए कथित शराब घोटाला की जांच अब ईओडब्‍ल्‍यू-एसीबी कर रही है। केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आवेदन के आधार पर दर्ज इस मामले में ईओडब्‍ल्‍यू-एसीबी अब इस मामले में जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ कर चुकी है। तक तीन लोगों को गिरफ्तार करने के साथ ही कई आरोपियों और संदेहियों के ठिकानों पर छापा मार चुकी है।

शराब घोटाला में ईओडब्‍ल्‍यू ने जिन 3 लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, कारोबारी अरविंद सिंह और आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव एपी त्रिपाठी शामिल हैं। कल (18 अप्रैल) को रिमांड पूरी होने पर ईओडब्‍ल्‍यू ने तीनों आरोपियों को रायपुर की विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने 3 में से 2 आरोपियों को जेल भेजने का आदेश दिया है, जबकि एक आरोपी त्रिपाठी को फिर से ईओडब्‍ल्‍यू की रिमांड देने का आदेश दिया है।

कोर्ट के सूत्रों के अनुसार कल पेशी के दौरान इन तीन आरोपियों में से एक ने इच्‍छा मृत्‍यु का आवेदन कोर्ट में दिया है। इच्‍छा मृत्‍यु का आवेदन देने वाले शराब घोटाला के आरोपी का नाम अरविंद सिंह है। अरविंद ने पेशी के दौरान कहा कि वह इस सबसे तंग आ चुका है और वह इच्‍छा मृत्‍यु की अनुमति चाहता है। उसकी मांग पर कोर्ट ने वकील से प्रापर तरीके से आवेदन करने को कहा है। यह भी कहा है कि इस पर अलग से सुनवाई होगी।

गोपालगंज में छिपा बैठा था त्रिपाठी

बता दें कि टेलीकॉम सेवा के अफसर रहे त्रिपाठी छत्‍तीसगढ़ में प्रतिनियुक्ति पर आए थे। यहां वे आबकारी विभाग में विशेष सचिव सहित विभिन्‍न पदों पर काम किए। त्रिपाठी के कार्यकाल में ही शराब घोटाला हुआ है। इस मामले की पहले ईडी जांच कर रही थी अब ईओडब्‍ल्‍यू-एसीबी ने एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही है। ईओडब्‍ल्‍यू की टीम ने त्रिपाठी को बिहार के गोपालगंज से पकड़ कर लाई है।

शराब घोटाला: कौन है शराब घोटाले का मास्‍टर माइंड, किसे कितना मिलता था हिस्‍सा, पढ़ें ED के आवेदन पर EOW में दर्ज फिर

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटला का मास्‍टर माइंड कौन है। यह घोटल हुआ कैसे। ईडी की सूचना पर जिन 68 लोगों के नाम पर एफआईआर दर्ज की गई है घोटाला में उनकी भूमिका क्‍या है। शराब से हुई कमाई का कितना हिस्‍सा किस अफसर और नेता को मिला। इस पैसे को नेताओं और अफसरों ने कहां और कैसे निवेश किया। इन सभी प्रश्‍नों का जवाब एफआईआर में भी मौजूद हैं।

जानिए...कौन है शराब घोटाला का मास्‍टर माइंड

ईडी की सूचना के आधार पर ईओडब्‍ल्‍यू में दर्ज एफआईआर में अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर को शराब घोटाला का मास्‍टर माइंड बताया गया है। एफआईआर में शामिल बाकी आईएएस व अन्‍य सरकारी अफसर और लोग सहयोगी की भूमिका में थे। शराब घोटाला से होने वाली आमदनी का बड़ा हिस्‍सा इन्‍हीं तीनों को जाता था। टुटेजा आईएएस अफसर हैं, जब यह घोटाला हुआ तब वे वाणिज्‍य एवं उद्योग विभाग के संयुक्‍त सचिव थे। दूरसंचार सेवा से प्रतिनियुक्ति पर आए त्रिपाठी आबकारी विभाग के विशेष सचिव और छत्‍तीसगढ़ मार्केटिंग कार्पोरेशन के एमडी थे। वहीं, ढेबर कारोबारी हैं। एफआईआर के अनुसार ढेबर और टुटेजा ने मिलकर पूरी प्‍लानिंग की थी।

इन लोगों ने परिवार के सदस्‍यों के नाम पर किया निवेश

एफआईआर के अनुसार अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर ने शराब घोटाला से प्राप्‍त रकम को अपने परिवार वालों के नाम पर निवेश किया। टुटेजा ने अपने बेटे यश टुटेजा के नाम पर निवेश किया। वहीं, त्रिपाठी ने अपनी पत्‍नी अपनी पत्‍नी मंजूला त्रिपाठी के नाम पर फर्म बनाया जिसका नाम रतनप्रिया मीडिया प्रइवेट लिमिटेड था। वहीं, ढेबर ने अपने बेटे और भतीजों के फर्म में पैसे का निवेश किया।

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