CG Journalism University News: पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति बनने के लिए अब सिर्फ पत्रकार होना जरूरी नहीं, कैबिनेट ने विवि अधिनियम संशोधन को दी मंजूरी...
CG Journalism University News: विष्णुदेव साय मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय अधिनियम, 2004 में संशोधन विधेयक के प्रारूप को आज अनुमोदन किया गया।
CG Journalism University News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार बनने के बाद 2004 में उच्च शिक्षा मंत्री अजय चंद्राकर ने तीन नए राज्य विश्वविद्यालय खोलने का दूरदर्शी फैसला किया था, उनमें एक पत्रकारिता विश्वविद्यालय भी शामिल था। हालांकि, सिस्टम में बैठे लोग इस पक्ष में नहीं थे कि एक साथ तीन-तीन नई यूनिवर्सिटी खोला जाए। लिहाजा, अजय चंद्राकर को मुख्यमंत्री डॉ0 रमन सिंह से गुहार लगानी पड़ी। रमन सिंह के हस्तक्षेप के बाद स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी, तकनीकी विश्वविद्यालय और पत्रकारिता विश्वविद्यालय का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया गया। और फिर पारित भी हुआ।
कुलपति नियुक्ति की शर्तों में ढील
पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्ति के लिए अधिनियम बनाया गया, उसमें यूजीसी के मापदंड में ढील दी गई। यूजीसी के नियम पैरा 3.4 में कहा गया है कि विश्वविद्यालय के कुलपति बनने के लिए कम-से-कम 10 साल की प्रोफेसरी जरूरी है। या फिर उसके समकक्ष किसी इंस्टिट्यूट या रिसर्च संस्थान के डायरेक्टर का अनुभव होना चाहिए। मगर 2004 में इस शर्त को विशेष केस मानते हुए हटा दिया गया। इसका मकसद यह था कि 10 बरस की प्रोफेसरी की शर्त की वजह से कोई ठीकठाक पत्रकार कुलपति नहीं बन सकेगा। कालांतर में कुछ ऐसे भी लोग विश्वविद्यालय के कुलपति बन गए, जो विवि के कुलपति जैसे सम्मानित पद के लिए एकेडमिक दृष्टि से डिजर्व नहीं करते थे या फिर पत्रकारिता में भी उनको वो मुकाम हासिल नहीं था, जो एक कुलपति बनने के लिए होनी चाहिए।
विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन
विष्णुदेव कैबिनेट ने आज कुशाभाउ पत्रकारिता विश्वविद्यालय अधिनियम विधेयक में संशोधन के प्रारूप को हरी झंडी दे दी। इसके अनुसार पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति बनने के लिए अब यूजीसी का 10 साल की प्रोफेसरी वाला नियम को अनिवार्य कर दिया गया है। विधानसभा के मानसून सत्र में इस विधेयक को पारित कर दिया जाएगा। उसके बाद कुलपति बनने के लिए एकेडमिक क्वालिफिकेशन अनिवार्य हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ के बाहर से बनेगा कुलपति
पत्रकारिता विश्वविद्यालय बनने के बाद छत्तीसगढ़ का कोई भी व्यक्ति इस यूनिवर्सिटी का कुलपति नहीं बन पाया है। और अब आगे भी नहीं बन पाएगा। क्योंकि, यहां 10 साल की प्रोफेसरी वाला कोई मिलेगा नहीं। भोपाल के माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के किसी प्रोफेसर को विवि का नया कुलपति बनाने की चर्चा जरूर है। यद्यपि, विश्वविद्यालय जैसे शीर्ष संस्थानों को लोकल और बाहरी से मुक्त रखनी चाहिए। कुलपति सलेक्शन का क्रायटेरिया योग्यता होनी चाहिए।
चार महीने से पद खाली
बल्देव शर्मा का फरवरी 2025 में कार्यकाल समाप्त होने के बाद से पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति का पद खाली है। रायपुर के डिवीजनल कमिश्नर महादेव कांवरे को राज्य सरकार ने इस विश्वविद्यालय के कुलपति का अतिरिक्त प्रभार दिया है। समझा जाता है, इस महीने विधानसभा में पत्रकारिता विश्वविद्यालय अधिनियम संशोधन विधेयक पारित हो जाने के बाद कुलपति के लिए विज्ञापन निकाला जाएगा।