CG Education News: कैसे पढ़ाई करें स्पेशल चाइल्ड: सुप्रीम कोर्ट ने 2 साल पहले सभी राज्यों स्पेशल टीचर्स की नियुक्ति करने दिया है निर्देश

CG Education News: छत्तीसगढ़ के स्कूलों में स्पेशल एडुकेटर टीचर्स की भर्ती ना होने के कारण स्पेशल बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। आरटीई एक्ट में प्रावधान है कि पहली से आठवीं तक 10 बच्चों के पीछे एक और नवमीं से 12 वीं तक हर 15 बच्चों के पीछे एक स्पेशल टीचर्स की भर्ती की जानी है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने और छह सप्ताह मामले की सुनवाई करने का निर्देश दिया है।

Update: 2024-08-22 14:42 GMT

CG Education News: बिलासपुर। प्रदेश के स्कूलों में स्पेशल टीचर्स की भर्ती मामले में सुनवाई करते हुए आज हाई कोर्ट ने कहा कि,सुप्रीम कोर्ट से इस संबंध में जैसे ही कोई आदेश आता है,तो इसकी जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता दोबारा यहां आए, तब मामले में सुनवाई की जाएगी। आज गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट से संबंधित आदेश आने पर उसे मेंशन करने को कहा, उसी समय याचिका पर सुनवाई की जाएगी।

हाई कोर्ट में स्कूलों में विशेष शिक्षकों की भर्ती पर आरसीआई ट्रेंड टीचर्स एसोसिएशन की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने हाई कोर्ट को जानकारी दी थी कि सुप्रीम कोर्ट में यह मामला लंबित है। डीविजन बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की बात कही और अगली सुनवाई के लिए छह सप्ताह बाद की तिथि तय कर दी है।

आरसीआई ट्रेंड टीचर्स एसोसिएशन ने अधिवक्ता पलाश तिवारी के माध्यम से जनहित याचिका दायर कर कहा कि छत्तीसगढ़ की स्कूलों में राज्य सरकार स्पेशल एडुकेटर नियुक्त नहीं कर रही है। 60 हजार से ज्यादा विशेष ज़रूरतों वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रदेश में 2021 तक सिर्फ़ 888 विशेष शिक्षक ही थे। जबकि छत्तीसगढ़ में सरकारी आंकड़ों के हिसाब से वर्तमान में दो हजार से ज्यादा शिक्षकों की जरुरत है। हाई कोर्ट में इससे पहले हुई सुनवाई के दौरानअधिवक्ता तिवारी ने बताया था कि,यही मामला सुप्रीम कोर्ट दायर किया गया है। था। इसमें जस्टिस रजनीश पाण्डेय ने सभी राज्य सरकारों को स्कूलों में स्पेशल एडुकेटर नियुक्त करने का निर्देश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से इस संबंध में कंप्लायंस रिपोर्ट भी मंगाई थी।

सुप्रीम कोर्ट केआदेश के दो साल बाद भी कुछ नहीं हुआ

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को बताया कि याचिका की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दो साल पहले देशभर के राज्य सरकारों को स्पेशल एडुकेटर टीचर्स रखने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आजतलक राज्य सरकार द्वारा स्पेशल टीचर्स की भर्ती नहीं की गई है। स्पेशल टीचर्स ना होने के कारण स्पेशल बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद केंद्र सरकार ने आरटीई एक्ट में बदलाव करते हुए बात का उल्लेख है किया है कि स्पेशल बच्चों की पढ़ाई के लिए राज्य सरकारें स्कूलों में स्पेशल टीचर्स की भर्ती करेंगी।

एक्ट में है प्रावधान

आरटीई एक्ट में प्रावधान है कि 10 बच्चों के पीछे एक स्पेशल एडुकेटर टीचर्स की नियुक्ति होगी। जो पहली से आठवीं कक्षा की पढ़ाई कराएंगे। इसी प्रकार हर 15 बच्चों के पीछे कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक एक स्पेशल टीचर्स की नियुक्ति को अनिवार्य किया गया है।

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