Bilaspur News: CG आंगनबाड़ी केन्द्रों में बनेंगे बच्चों के जाति प्रमाण पत्र
Bilaspur News: राज्य सरकार की एक योजना है, स्कूल में पढ़ाई प्रारंभ करने से पहले बच्चों के हाथों में उनका खुद का जाति प्रमाण पत्र हो। इस पर अब छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में शुरुआत हो रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के जाति प्रमाण बनाए जाएंगे।कलेक्टर अवनीश शरण ने राज्य शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना पर तत्काल अमल करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है।
Bilaspur News: बिलासपुर। राज्य सरकार की एक योजना है, स्कूल में पढ़ाई प्रारंभ करने से पहले बच्चों के हाथों में उनका खुद का जाति प्रमाण पत्र हो। इस पर अब छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में शुरुआत हो रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के जाति प्रमाण बनाए जाएंगे।कलेक्टर अवनीश शरण ने राज्य शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना पर तत्काल अमल करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है।
कलेक्टर अवनीश शरण ने अधिकारियों की बैठक लेकर राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं में कार्य प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि स्कूल आने के पूर्व बच्चों के हाथों में जाति प्रमाण पत्र होने चाहिए। लिहाजा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ही उनका प्रमाण पत्र तैयार किया जाये। इस संबंध में राजस्व अफसरों की बुधवार को आयोजित बैठक में विस्तृत रूपरेखा तैयार किया जायेगा।
कलेक्टर ने सिकल सेल की जांच के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों पर फोकस करने के निर्देश दिए। शुरूआत में ही बीमारी पकड़ में आ जाने पर इलाज आसान हो जाता है। कलेक्टर ने नगरीय निकाय क्षेत्रों में स्वीकृत तमाम विकास कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगले 10 दिनों के भीतर कार्य शुरू कर सूचित किया जाये। कलेक्टर ने पीएम आवास योजना की प्रगति की समीक्षा भी की। उन्होंने धीमी कार्य प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए तेजी लाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बैठक में राजस्व सहित आयुष्मान कार्ड, चिरायु, एनआरसी,पीएमश्री स्कूल लोक सेवा गारण्टी सहित अन्य प्रमुख योजनाओं की समीक्षा कर निर्देश दिए।
सरकार की एक योजना पर हो रहा अमल
राज्य शासन ने बच्चों व पालकों काे जाति प्रमाण पत्र बनवाने में आने वाली दिक्कतों को देखते हुए स्कूलों में ही बच्चों से आवेदन पत्र जमा कराने का निर्देश डीईओ को दिया है। इसके तहत स्कूल में ही बच्चों के आवेदन जमा कराने के बाद हेड मास्टर इसे राजस्व अफसरों को सौंप दे रहे हैं। तहसीलदार कार्यालय से जाति प्रमाण पत्र बनने के बाद इसे संबंधित स्कूलों को दे दिया जाता है। हेड मास्टर के माध्यम से इसे बच्चों को वितरित कर दिया जाता है।