Bilaspur High court: फ़र्ज़ी नियुक्ति ब्रेकिंग: 110 कर्मचारियों को बहाल करने सिंगल बेंच के फैसले को डिविज़न बेंच ने किया रद्द

Bilaspur High court: जिला सरकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर के 110 कर्मचारियों को 10 वर्ष पहले बर्खास्त कर दिया गया था। जिन्हें बहाल करने के निर्देश 12 मार्च 2025 को सिंगल बेंच ने दिया था। बैंक प्रबंधन ने इसके खिलाफ डबल बेंच में अपील की थी। डबल बेंच ने हाईकोर्ट द्वारा बर्खास्त 110 कर्मचारियों को बहाल करने के दिए निर्देश को निरस्त कर दिया है।

Update: 2025-05-13 11:29 GMT

Bilaspur High court: बिलासपुर l जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सेवा से बर्खास्त किए गए 110 कर्मचारियों को बहाल करने के हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले को डिविज़न बेंच ने रद्द कर दिया है।

कर्मचारियों को बर्खास्त करने के 10 साल बाद सिंगल बेंच ने बैंक ऑफ़ स्टाफ के निर्णय को गलत ठहराते हुए उन्हें बहाल करने के निर्देश दिए थे। याचिकाकर्ता 29 कर्मचारियों की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए डिविज़न बेंच ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को संबंधित कर्मचारियों का पक्ष जानने के बाद उन्हें नौकरी पर रखना है या नहीं रखना है यह तय करने के निर्देश दिए हैं।

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष देवेंद्र पांडे के कार्यकाल में बैंक में भर्ती के नाम से धांधलियां हुई थी। बिना योग्यता बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए पिछले दरवाजे से भर्तियां कर दी गई। आरोप है कि बिना विधिवत ढंग से भर्तियों के लिए अनुमति के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में भर्तियां की गई। जो परीक्षा में नहीं बैठे उन्हें भी नौकरी दे दी गई। साक्षात्कार कमेटी ने अपने अपात्र कर्मचारियों को भी साक्षात्कार में बुलवा हाईएस्ट नंबर देकर उनका चयन कर लिया गया। इसमें लेनदेन की भी बात सामने आई थी।

वर्ष 2015 में हुई भर्तियों में गड़बड़ी की शिकायत होने पर प्रशासक के पद पर बैठे कलेक्टर ने सभी 110 भर्तियों को निरस्त कर दिया था। बाद में बैंक प्रबंधन ने भी बर्खास्तगी को उचित ठहराया था। बर्खास्तगी के खिलाफ 29 कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें रजिस्टार कोऑपरेटिव सोसाइटी इंद्रावती भवन नया रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य सचिव सहकारी समितियां, संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं बिलासपुर,आयुक्त बिलासपुर संभाग तथा अध्यक्ष निदेशक मंडल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर को पार्टी बनाया गया था।

सुनवाई के बाद 12 मार्च 2015 को जस्टिस एके प्रसाद की सिंगल बेंच ने बर्खास्त हुए सभी 110 कर्मचारियों को बिना बकाया वेतन के बहाल करने का आदेश जारी किया था। आदेश आने के बाद बर्खास्त कर्मचारी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में ज्वाइन करने पहुंचे थे। पर बैंक प्रबंधन द्वारा जॉइनिंग नहीं देने पर हंगामा भी मचाया था।

सिंगल बेंच के फैसले की CEO ने दी थी चुनौती

सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर और कलेक्टर प्राधिकृत अधिकारी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर के द्वारा डिविज़न बेंच में अपील की गई। अपील पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की डिविज़न बेंच में सुनवाई हुई।

डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद सभी बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल करने के सिंगल बेंच के फैसले को निरस्त कर दिया है। साथ ही जिन बर्खास्त कर्मचारियों ने अपने बर्खास्तगी को चुनौती दी थी उनका पक्ष जानने और पक्ष जानने के बाद उन्हें नौकरी पर रखना है या बर्खास्त करना है यह निर्णय लेने का आदेश दिया है। इसके लिए अदालत ने बैंक प्रबंधन को तीन माह का समय दिया है।

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