Bilaspur High Court: गेस्ट लेक्चरर पहुंचे हाई कोर्ट 500 याचिकाओं पर शुरू हुई सुनवाई,पढ़िए क्या कहा हाई कोर्ट ने

Bilaspur High Court: पहले दिन की सुनवाई में गेस्ट लेक्चरर को मिली राहत।हाई कोर्ट के आदेश से बाधित रहेंगी नियुक्तियां। पूर्व में हाई कोर्ट ने लगाई थी रोक।

Update: 2024-08-12 15:07 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। प्रदेश के सरकारी कालेजों में गेस्ट लेक्चरर के पद पर काम कर रहे प्राध्यापकों के स्थान पर उच्च शिक्षा विभाग ने नई नियुक्ति करने के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है। जारी विज्ञापन का विरोध करते हुए और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अलावा पूर्व में इसी मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट केआदेश का हवाला देते हुए प्रदेश के अलग-अलग सरकारी कालेजों में पदस्थ तकरीबन 500 गेस्ट लेक्चरर ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अलग-अलग याचिका दायर की है। सोमवार से हाई कोर्ट के सिंगल बेंच में याचिका की सुनवाई प्रारंभ हुई है। मंगलवार को भी मामले की सुनवाई होगी।

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अतिथि व्याख्याताओं के स्थान पर नई नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है। विज्ञापन के विरोध में गेस्ट लेक्चररों ने बड़ी संख्या में याचिका दायर की है। याचिका पर सोमवार को जस्टिस सचिन सिंह राजपूत के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता गेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति को हाई कोर्ट के निर्णय से बाधित रखा है।

प्रदेश के विभिन्न शासकीय महाविद्यालय में पूर्व में पदस्थ अतिथि व्याख्याताओं द्वारा एक वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद उनके स्थान पर नई नियुक्ति के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने विज्ञापन जारी कर दिया था। जिसके विरुद्ध अतिथि व्याख्याताओं द्वारा पूर्व में ही रिट याचिका दायर किया गया था। मामले की सुनवाई के बाद हाई काेर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन जिसमें संविदा के बदले संविदा या अतिथि व्याख्याता के बदले अतिथि व्याख्याता नहीं रखने के संबंध में जारी आदेश का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता के पद के विरुद्ध जारी विज्ञापन पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। तब से लेकर वर्ष 2023- 24 तक अतिथि व्याख्याताओं द्वारा अपने पूर्व के महाविद्यालयों में अध्ययन अध्यापन का कार्य करा रहे हैं। वर्ष 2022-23 में अतिथि व्याख्याता द्वारा अपने पद की सुरक्षा हेतु हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अतिथि व्याख्याता की नियुक्ति हेतु पालिसी बनाने की निर्देश राज्य शासन को दिया था।

कोर्ट के निर्देश पर बनाई पालिसी,जारी किया विज्ञापन

हाई कोर्ट के पूर्व के आदेश के तहत राज्य शासन ने अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति को लेकर नई पालिसी बनाई। इसी पालिसी के तहत उनके स्थान पर नई नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। इस विज्ञापन से वे गेस्ट लेक्चरर भी प्रभावित हो रहे हैं जिनको पूर्व के आदेश के तहत हाई कोर्ट से राहत मिली है और कोर्ट के स्टे आर्डर के आधार पर कालेजों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

गेस्ट लेक्चरर पहुंचे हाई कोर्ट

हाई कोर्ट के स्थगन आदेश के बाद से कालेजों में नौकरी कर गेस्ट लेक्चरर ने शासन द्वारा जारी विज्ञापन का विरोध करते हुए अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी अजय श्रीवास्तव गोविंद देवांगन विकास दुबे, प्रसून अग्रवाल और फैजल अख्तर, नरेंद्र मेहेर व अन्य के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नए विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता सिद्दीकी ने

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी पालिसी की कंडिका 13.2 में दिए गए प्रावधान का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे गेस्ट लेक्चरर जिनके मामले में कोर्ट ने पूर्व में स्थगन आदेश जारी किया है,शासन द्वारा नई बनाई गई पालिसी लागू नहीं होगा। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता गेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति को हाई कोर्ट के आदेश से बाधित रखा है। मतीन सिद्दीकी, अजय श्रीवास्तव, गोविंद देवांगन विकास दुबे, प्रसून अग्रवाल और फैजल अख्तर व अन्य शामिल थे।

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