शिक्षकों की बिग ब्रेकिंग खबर : शिक्षा विभाग ने स्कूल खोलने से पहले शिक्षकों व कर्मचारियों से वैक्सीनेशन की जानकारी मांगी….गुगल फार्म के जरिये 2 दिनों में शिक्षकों से मांगा गया टीकाकरण का स्टेटस… देखिये वो गूगल फार्म जिसे भरना है

Update: 2021-07-19 02:03 GMT

रायपुर 19 जुलाई 2021। छत्तीसगढ़ में स्कूल खोलने को लेकर कल फैसला होगा। कल दोपहर मुख्यमंत्री निवास में भूपेश कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें ख्कूल खोलने के फैसले के साथ-साथ विषम परिस्थिति में तबादले को लेकर निर्णय लिया जा सकता है। इधर स्कूल खुलने से पहले शिक्षा विभाग ने शिक्षकों व शैक्षणिक कर्मचारियों के टीकाकरण की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है।शनिवार को हुई शिक्षा विभाग के बेवीनार में इस बात का निर्णय लिया गया है कि शिक्षा विभाग के तमाम शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों के टीकाकरण संबंधी जानकारी जुटायी जाय़े। ये निर्णय सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के साथ-साथ अनुदान प्राप्त शैक्षणिक स्टाफ, अनुदान प्राप्त गैर शैक्षणिक स्टाफ, निजी शैक्षणिक स्टाफ और निजी गैर शैक्षणिक स्टाफ को लेकर लिया गया है।

https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSciIExL-9C_AoxuZOKgei-XcCC-Aq4Rwr9YQ4K4qlUWSJv0hw/formResponse

शिक्षा विभाग ने इस संदर्भ में एक गुगल फार्म भी लांच किया है, जिसे भरकर शिक्षकों से मंगाया गया है। इस फार्म में कुल 5 कॉलम है।पहले कॉलम में नाम लिखा जाना है, उसके बाद मोबाइल नंबर, जिला, नियोजन का प्रकार और कितने टीके हैं, उसकी जनकारी मांगी गयी है। दरअसल इस फार्म के जरिये शिक्षा विभाग ये सुनिश्चित करना चाह रहा है कि स्कूल खोलने का अगर निर्णय लिया जाता है, तो बच्चे कितने सुरक्षित रहेंगे। दरअसल पिछली दफा जब स्कूल खोला गया था तो कई जगहों पर स्कूलों के संक्रमित होने की खबरें आ रही थी, शिक्षकों के संक्रमण की वजह बच्चों तक भी संक्रमण पहुंचने का खतरा ज्यादा हो सकता है।

शिक्षा विभाग टीकाकरण करा चुके शिक्षकों की संख्या के आधार पर ये तय करेगा कि टीका नहीं लेने वाले शिक्षकों को वैक्सीनेट करने को लेकर क्या किया जाये। अगर कम संख्या शिक्षकों की वैक्सीनेशन की होगी, तो कैंप लगाकर भी वैक्सीनेशन जैसे आदेश भी सरकार जारी कर सकते हैं।बेबीनार कार्यक्रम के दौरान ही स्कूल शिक्षा सचिव कमलप्रीत के निर्देशानुसार टीकाकरण संकलन संबंधी जानकारी को दो हजार से अधिक शिक्षकों ने भरा। इसे गूगल लिंक के माध्यम से साझा किया गया है, जिसे एक दो दिनों में राज्य के सभी शासकीय, निजी एवं अनुदान प्राप्त शिक्षकों एवं गैर-शिक्षकीय स्टाफ एवं शिक्षा विभाग के समस्त अमले से भरवाया जाना है।

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