लखपति बनने जीजा ने साले को मार डाला…..बैगा ने दी थी हत्या की सलाह… कहा था- “फांसी लगाकर किसी बच्चे को मारोगे, तो हो जाओगे करोड़पति”….ऐसे खुला हत्या का राज

Update: 2020-01-01 14:22 GMT

दुर्ग 1 जनवरी 2019। तीन दिन पहले 15 वर्षीय बच्चे की मिली लाश मामले को दुर्ग पुलिस ने सुलझा लिया है। हत्यारा कोई और नहीं बल्कि मृतक का जीजा ही निकला है। आरोपी अंधविश्वास में पड़ कर लखपति बनना चाहता था, इसलिये उसने बच्चे की हत्या की थी। आरोपी ने हत्या के बाद पकड़े जाने के डर से शव को पैरा में रखकर जला दिया था। आज इस मामले का दुर्ग एसएसपी ने खुलासा किया। मामले में पुलिस ने आरोपी जीजा सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है।

मामला अंडा थाने का है। दुर्ग पुलिस को 29 दिसबंर को सूचना मिली थी कि आलबरस गांव के खेत में बच्चे की जली लाश मिली है। अज्ञात लाश के बारे में पता लगाने पर पता चला कि सीमावर्ती जिला बालोद के थाना अर्जुंदा में 26 तरीख को एक 15 वर्षीय बच्चे की गुम होने की सूचना थाने में दर्ज करायी गयी थी। इसी आधार पर दुर्ग पुलिस ने गुम बच्चे के माता पिता को बुलाकर लाश के पास मिले जुतों से बच्चे की पहचान रूद्र नारायण देशमुख के रूप में की गयी। पुछताछ में मृत बच्चे के माता पिता ने बताया कि 23 की रात को मडई देखने को ग्राम आलबरस गया था। बच्चे के उसका जीजा पंचूराम देशमुख भी साथ था।

घटना के बाद से ही बच्चे का जीजा पंचूराम फरार था। पुलिस ने फरार युवक की खोजबीन करते हुये पंचू को धमतरी के गुटकेल क्षेत्र के ग्राम बोराई से पकड़ा गया। पुलिस पूछताछ में पंचू देशमुख पहले तो पुलिस को गुमराह करता रहा जब कड़ाई से पूछताछ की गयी तो आरोपी पंचू ने हत्या की बात स्वीकार की।

आरोपी ने दुर्ग पुलिस को बताया कि ढाई वर्ष पहले उसकी पहचान धमतरी निवासी धनराज नेताम से हुई थी। धनराज बंदर भगाने का काम करता है और वो उसके ससुराल बालोद आया था, उस दौरान ही उससे उसकी पहचान हुई। धनराज ने कहा था कि अगर वो उसे फांसी लगी रस्सी और मृतक बच्चे का नाम और मृत्यु का समय लाकर देगा तो वो उसे 10 लाख रूपये देगा। बातों में आकर आरोपी बच्चे की तलाश में जुट गया। आरोपी पंचू देशमुख के साथ उसके पड़ोस का 15 वर्षीय बच्चा रूद्र नारायण जो कि उसका दूर के रिश्ते में साला लगता था। आरोपी ने 23 तारीख को अपने गांव आलबरस मे होने वाले मड़ई में रूद्र को साथ चलने को कहा। दोनों रात में आमटी मोड़ के पास खेत में जाकर शराब पीये और फिर आरोपी ने बच्चे का गला रस्सी से दबा दिया।

आरोपी पकड़े जाने के डर से बच्चे के शव को पैरावट में डालकर आग लगा दिया। घटना के बाद आरोपी ने इसकी जानकारी धनराज नेताम को दी। दूसरे दिन पंचू अपने साथ हत्या में उपयोग की गयी रस्सी और बच्चे की हत्या के समय को कागज में नोट कर धमतरी निकल गया। धनराज ने रस्सी की पूजा मंगलवार 31 दिसंबर को करने की बात कही थी। पुलिस ने इस मामले में पंचू देशमुख और धनराज को गिरफ्तार और हत्या का समय नोट की हुई पर्ची बरामद की गयी है। एसएसपी अजय यादव ने आरोपियों को पकड़ने वाली पुलिस टीम को पुरस्कार देने की घोषणा की है।

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