सुबह उगते सूरज को अर्घ्य देकर छठ महापर्व की करेंगे समाप्ति, पूजा करने घाटों पर पहुंचे श्रद्धालु, डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य…

Update: 2020-11-20 10:53 GMT

नईदिल्ली 20 नवंबर 2020. लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन शुक्रवार शाम 5 बजे के बाद पूरे देश में ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया गया. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपने घरों और सार्वजनिक स्थलों पर ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया है. कोरोना वायरस की वजह से इस बार घाटों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे लेकिन लोगों के आस्था में किसी तरह की कमी नहीं देखी गई. घाटों पर इस महापर्व की रौनक देखने को मिली.

पटना, भोपाल, कोलकाता, अगरतला, गुवाहाटी और जबलपुर जैसी कई जगहों पर छठ महापर्व की धूम देखने को मिली.

दिल्ली-एनसीआर में भी महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ का महापर्व मनाया. कोरोना की वजह से व्रतियों ने छठ घाटों पर जाने से परहेज किया और घर की छतों पर ही अर्घ्य दिया.

सूर्य को अर्घ्य देने के बाद और छठी मइया की पूजा के बाद महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाया.कई महिलाओं ने नियमों को ध्यान में रखते हुए मास्क लगाकर छठी मइया की पूजा की.

प्रशासन की तरफ से कोरोना वायरस के चलते कड़े इंतजाम किए गए थे. घाट पर आने वाले हर व्यक्ति का तामपान चेक किया जा रहा था और हर किसी से मास्क लगाने की अपील की जा रही थी.

सूर्य देव को अर्घ्य देते समय भी लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा और पूरी श्रद्धा से सूर्य देव को अर्घ्य दिया.

महिलाओं ने समृद्धि के प्रतीक सूर्य देव के पूजन में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखे हुए हैं। इस कड़ी में शुक्रवार शाम 5 बजकर 26 मिनट पर डूबते सूरज को अर्घ्य दिया गया। इस बारे में कई ज्योतिषियों का मानना है कि ढलते सूर्य को अर्घ्य देने से स्वास्थ्य से जुड़ी कई दिक्कतें दूर होती हैं। इसके साथ ही वैज्ञानिक नजरिये से भी ढलते सूर्य को अर्घ्य देने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

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