एन्टी करप्शन ब्यूरो की अंबिकापुर, बिल्हा एवं कोण्डागांव में ट्रेप कार्रवाई, एक ही दिन में तीन तीन घूसखोर पकड़ाए….ACB की बड़ी कार्रवाई….तीन रिश्वतखोरों को रंगे हाथों पकड़ा 

Update: 2020-08-13 16:38 GMT

रायपुर 13 अगस्त 2020। एन्टी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अलग अलग मामलों में तीन घूसखोरों को पकड़ा है। तीनों आरोपी पीड़ितों से रिश्वत ले रहे थे। पहला मामला अंबिकापुर का है।आवेदक लोचन सिंह द्वारा अपने पिता लघुराम जो कि जल संसाधन विभाग में 2015 में चौकीदार के पद से सेवानिवृत्त हो गये थे, उनका आज तक ग्रेच्युटि एवं पेंशन का पैसा नहीं मिला था, जिसको निकालने के लिए जल संसाधन विभाग में पदस्थ लिपिक विनय कुमार सिन्हा के द्वारा 7000 रूपये रिश्वत की मांग की गई थी। आवेदक ने पूर्व में आरोपी को 3000 रूपये भी दे चुके थे। आवेदक की शिकायत पर एसीबी, अंबिकापुर के द्वारा कार्रवाई करते हुए आज आरोपी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।

वहीँ इसी तरह के दूसरे मामले में प्रार्थी गणेश राम साहू, उम्र 26 वर्ष, निवासी पोड़ी बिल्हा जो की राजमिस्त्री का काम करता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित होने वाले मकानों के लिए हितग्राहियों को प्राप्त होने वाली राशि को जारी कराने बाबत् नगर पंचायत बिल्हा में पदस्थ
अमन पालीवाल, सीएलटीसी द्वारा राशि को स्वीकृति कराने के एवज में 70000 हजार
रूपये की मांग की गई थी, जिसकी शिकायत पर एसीबी बिलासपुर अमन पालीवाल
को रेल्वे स्टेशन बिल्हा के पास से एसीबी की टीम ने 20000रू. रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है.

तीसरे मामले में पीड़ित जुबेर मेमन, निवासी केसकाल के द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार निर्माण कार्यक्रम (पीएमईजीपी) एक ऋण से जुड़ा हुआ सब्सिडी कार्यक्रम है, जिसे सूक्ष्म, लघु एवं मझौले
उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा लागू किया गया है, इस योजना के अनुपालन के लिए
राष्ट्रीय स्तर पर खादी एवं ग्रामीण उद्योग आयोग (केवीआईसी) नोडल एजेंसी है के तहत
सब्सिडी वाले लोन के लिए आवेदन करने पर आरोपी नितिन बैस, सहायक संचालक,
खादी ग्रामोद्योग कोण्डागांव द्वारा 30000रू0 रिश्वत की मांग की गई, जिसके संबंध में
15000 रूपये देने की बात हुई। इसकी शिकायत प्रार्थी द्वारा एसीबी में किया गया था।
उक्त शिकायत के सत्यापन किये जाने पर सही पाये जाने के उपरांत एसीबी, जगदलपुर
की टीम ने कार्यवाही करते हुए आरोपी को 5000रू. की किश्त के रूप में रिश्वत लेते रंगे
हाथ पकड़ा गया।सभी आरोपियों के विरूद्ध धारा 7 (क) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

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