पुनरीक्षित वेतनमान के लंबित एरियर्स राशि के भुगतान हेतु अपर मुख्य सचिव ने जारी किया पत्र …. उच्च न्यायालय में लगातार अवमानना याचिका दायर होने से बढ़ रही है विभाग की परेशानी

Update: 2020-02-02 18:20 GMT

रायपुर 2 फरवरी 2020। प्रदेश में अधिकांश शिक्षाकर्मियों का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन हो चुका है लेकिन जिला पंचायतों के द्वारा की गई लापरवाही का खामियाजा अब उन शिक्षाकर्मियों के साथ साथ विभाग को भी भुगतना पड़ रहा है और न्यायालय में विभाग के उच्च अधिकारियों को कनिष्ठ अधिकारियों के लापरवाही का खामियाजा भुगतने की चिंता सताने लगी है ।

पूरा मामला यह है कि प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के संविलियन के लिए सरकार द्वारा यह नीति तय की गई थी की जिन शिक्षाकर्मियों की सेवा अवधि 8 वर्ष पूर्ण होते जाएगी उन्हें हर साल की 1 जनवरी और 1 जुलाई को स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन का लाभ मिलते जाएगा और ऐसा हुआ भी, लेकिन प्रदेश के अनेक जिला पंचायतों के अधिकारियों ने अपने आप से यह मान लिया कि 8 वर्ष पूर्ण होने के बाद शिक्षाकर्मियों को पुनरीक्षित वेतनमान का भुगतान नहीं करना है और उनके 8 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने के बाद उनके पुनरीक्षित वेतनमान को रोक दिया ।

ऐसे में शिक्षाकर्मियों को बड़े आर्थिक नुकसान का खामियाजा भुगतना पड़ा और नाराज शिक्षाकर्मियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी इधर विभाग ने पुनरीक्षित वेतनमान रोकने का आदेश कभी जारी किया ही नहीं था और जब तक शिक्षाकर्मी पंचायत विभाग में रहेगा तब तक उसे पुनरीक्षित वेतनमान समेत अन्य लाभ जो पंचायत विभाग में पहले से देय हैं वह मिलते रहना है ऐसे में हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए विभाग को याचिकाकर्ताओं को पुनरीक्षित वेतनमान का एरियर्स भुगतान करने को निर्देशित किया ।

इसके बाद कोर्ट केस में पक्षकार बने पंचायत विभाग ने सभी जिला पंचायत सीईओ को आदेशित किया की शिक्षाकर्मियों को पुनरीक्षित वेतनमान का भुगतान किया जाए लेकिन यह राशि काफी लंबी चौड़ी है और जिला पंचायतों के पास इतना पैसा ही नहीं है कि इसका भुगतान किया जा सके ऐसे में विभाग ने यह व्यवस्था बनाई थी कि याचिकाकर्ताओं को पहले टोकन मनी के रूप में कुछ राशि उपलब्ध करा दिया जाए और यह कह दिया जाए की एरियर्स राशि का शेष भुगतान आबंटन प्राप्त होने के बाद किया जाएगा लेकिन कई जिला पंचायतों ने इसमें भी लापरवाही बरत दी है और ऐसे में शिक्षाकर्मी कोर्ट के आदेश की अवहेलना मानकर अवमानना याचिका दायर करते जा रहे हैं ।

इसी पर अब अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने सभी जिला पंचायत सीईओ को पत्र लिखकर व्यवस्था के तहत भुगतान करने का निर्देश जारी किया है और यह भी कहा है कि यदि न्यायालय में यदि किसी भी प्रकार का अवमानना का प्रकरण बनता है तो उसके लिए संबंधित अधिकारी उत्तरदायी होंगे । अब देखना होगा कि इस पत्र के जारी होने के बाद अधिकारियों में किस प्रकार की हलचल मचती है और शिक्षाकर्मियों को राशि का भुगतान होता है कि नहीं ।

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