7 साल पहले सड़क पर भटकती मिली महिला निकली पूर्व मुख्यमंत्री की बहन….बहन की खबर पाकर रो पड़े पूर्व सीएम…..मंदबुद्धि हालत में मिली थी महिला

Update: 2020-12-29 06:04 GMT

भरतपुर 29 दिसंबर 2020। 7 साल से गुमनामी की जिंदगी जी रही महिला पूर्व मुख्यमंत्री की बहन निकली। 2013 में सड़क पर भटकती मिली महिला ने 7 साल बाद बताया है कि वो झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता बाबूलाल मरांडी की सगी बहन है। पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) की बहन मैंसूरी देवी भरतपुर के ‘अपना घर’ आश्रम (‘Apna Ghar’ Ashram) में मिली हैं. जैसे ही मैंसूरी देवी के भरतपुर में होने की जानकारी झारखंड में मरांडी परिवार को मिली तो परिजन दौड़े आये और उन्हें यहां से अपने साथ ले गये. इस दौरान मैंसूरी देवी अपने बेटे और भाई को देख भावुक हो गईं. इस दृश्य को देखने वालों के भी आंसू बह निकले।

आश्रम के निदेशक डॉक्टर बीएम भारद्वाज ने बताया कि वर्ष 2013 में एक महिला लावारिस हालत में जो मंदबुद्धि थी वह घूमती हुई मिली. महिला को यहां लाया गया और इलाज के बाद जब ठीक होने लगी तो उसने अपना पता बताया और कहा कि वह झारखंड के मुख्यमंत्री की बहन है. जानकारी मिलने पर परिजनों को सूचित किया गया और परिजन उसे लेकर अपने घर गए हैं.

इसके अलावा फोन पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी उनसे बात की है और कहा है कि वह जल्द ही भरतपुर आकर अपना घर आश्रम को देखेंगे और यह भी तय करेंगे कि आश्रम जैसी सुविधाएं झारखंड में भी स्थापित की जाएं. दरअसल, मां माधुरी व्रज वारिस सेवा सदन अपना घर जो जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर अछनेरा मार्ग पर गांव बझेरा के पास स्थित है. इसकी स्थापना डॉक्टर बी एम भारद्वाज और उनकी पत्नी डॉक्टर माधुरी ने वर्ष 2002 में की थी.

अपना घर आश्रम के संचालकों ने बताया कि मैंसूरी देवी वर्ष 2000 से ही मानसिक अवसाद में थी. उनका रांची में इलाज चल रहा था. इसी दौरान उसी हालत में वह 2012 में परिवार से बिछुड़ गई थी और भटकते-भटकते भरतपुर के खोह डीग पहुंच गई थी. मई-2018 में उसे वहां से अपना घर आश्रम लाया गया. यहां पर उसका इलाज चला. स्वस्थ होने पर उसने अपना पता बताया. उस पते पर सूचित किया तो जानकारी मिली कि वह पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की बहन हैं.

 

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