Paswan Family Dispute: पासवान के परिवार में फिर घमासान, राजकुमारी देवी ने देवरानियों पर किया FIR, सच्चाई जान कर रह जायेंगे दंग
Paswan Family Dispute: बिहार की सियासत में अहम स्थान रखने वाले दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का परिवार एक बार फिर विवादों में घिर गया है। इस बार मामला पैतृक संपत्ति और जमीन के बंटवारे का है।
Paswan Family Dispute: बिहार की सियासत में अहम स्थान रखने वाले दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का परिवार एक बार फिर विवादों में घिर गया है। इस बार मामला पैतृक संपत्ति और जमीन के बंटवारे का है। रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी ने अपने ही परिवार के पांच लोगों के खिलाफ खगड़िया के अलौली थाने में FIR दर्ज कराई है, जिसने न सिर्फ पारिवारिक तनाव को उजागर किया, बल्कि बिहार के राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है।
FIR में किस-किस पर आरोप?
राजकुमारी देवी (75) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पत्नी शोभा देवी, दिवंगत सांसद रामचंद्र पासवान की पत्नी सुनैना देवी, उनके बॉडीगार्ड अमित पासवान और दो ड्राइवरों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि इन लोगों ने मिलकर उन्हें घर से बेदखल करने की साजिश रची। राजकुमारी देवी ने कहा, "29 मार्च की शाम को मेरी दोनों देवरानियां बॉडीगार्ड और ड्राइवरों के साथ घर आईं। अगले दिन, 30 मार्च को उन्होंने मेरे कमरे में घुसकर मेरे कपड़े, गहने और बिस्तर बाहर फेंक दिए। मेरे बेडरूम और बाथरूम में ताले लगा दिए गए।" इस घटना से उनकी तबीयत बिगड़ गई, और फिलहाल उनका इलाज घर पर ही चल रहा है।
विवाद की जड़: पैतृक संपत्ति
यह घटना रामविलास पासवान के पैतृक गांव शहरबन्नी (अलौली, खगड़िया) में हुई। सूत्रों के मुताबिक, यह झगड़ा लंबे समय से चले आ रहे संपत्ति बंटवारे के विवाद का नतीजा है। रामविलास पासवान की मृत्यु (2020) के बाद उनके बेटे चिराग पासवान और चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को लेकर पहले ही तनातनी चल रही थी। अब यह पारिवारिक कलह संपत्ति के मुद्दे पर खुलकर सामने आ गई है। राजकुमारी देवी पिछले 60 साल से इस घर में रह रही हैं और इसे अपनी विरासत का हिस्सा मानती हैं।
चिराग-पारस की सियासी जंग में नया मोड़
चिराग पासवान, जो वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं और LJP (रामविलास) के अध्यक्ष हैं, अपने चाचा पशुपति कुमार पारस से पहले ही राजनीतिक रूप से अलग हो चुके हैं। 2021 में पारस ने LJP से अलग होकर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) बनाई थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में BJP ने चिराग को तरजीह दी, जिसके बाद उनकी पार्टी ने सभी 5 सीटें जीतीं, जबकि पारस को एक भी सीट नहीं मिली। अब यह पारिवारिक विवाद सियासी रंग ले सकता है, खासकर जब बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।
पुलिस जांच शुरू, लेकिन अभी कोई गिरफ्तारी नहीं
अलौली थाने में दर्ज FIR के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष ने बताया कि शिकायत में दुर्व्यवहार और संपत्ति से बेदखली का आरोप लगाया गया है। हालांकि, अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि सभी पक्षों से बातचीत के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बिहार की सियासत पर असर?
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। पासवान परिवार का दलित वोट बैंक में मजबूत प्रभाव है, और यह झगड़ा चिराग और पारस दोनों के लिए सियासी चुनौती बन सकता है। क्या यह पारिवारिक रार चुनावी समीकरणों को प्रभावित करेगी? यह सवाल बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है। फिलहाल, सभी की नजर इस मामले के अगले घटनाक्रम पर टिकी है।