Raigarh Lok Sabha elections 2024: रायगढ़ लोकसभा चुनाव 2024: रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र, इतिहास, प्रत्याशी, चुनाव परिणाम
Raigarh Lok Sabha elections 2024: छत्तीसगढ़ की रायगढ़ संसदीय सीट अनुसूचित जाति (एसटी) आरक्षित है। पिछले कुछ वर्षों में रायगढ़ बड़े औद्योगिक केंद्र के रुप में विकसित हुआ है। रायगढ़ के साथ ही जशपुर जिला भी इसी संसदीय क्षेत्र में आता है। इस सीट की सीमाएं झारखंड और ओडिशा से लगती हैं। छत्तीगसढ़ के मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इस सीट का लगातार 4 बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
Raigarh Lok Sabha elections 2024: एनपीजी न्यूज डेस्क
रायगढ़ संसदीय क्षेत्र का चुनावी इतिहास 1962 के आम चुनाव से शुरू होता है। इस सीट से निर्वाचित होने वाले पहले सांसद राजा विजय भूषण सिंहदेव थे। राजा विजय भूषण जशपुर स्टेट के अंतिम शासक थे। 1962 से पहले वे जशपुर और बगीचा विधानसभा सीट से विधायक रहे। इनके बाद रजनीगंधा देवी यहां से सांसद चुनी गईं, जो राजा नरेशचंद्र सिंह की बेटी थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी गोमती साय सांसद चुनी गई थीं। बीजेपी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पत्थलगांव सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद साय ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया है।
रायगढ़ संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की कुल 8 सीटे हैं। 2023 के चुनाव परिणाम के लिहाज से देखा जाए तो यहां बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर है। 8 में से 4 सीटों जशपुर, पत्थलगांव, कुनकुरी और रायगढ़ सीट पर बीजेपी का कब्जा है। वहीं, खरसियां, धर्मजयगढ़, सारंगढ़ और लैलुंगा विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक चुने गए हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इस सीट से नए चेहरों पर दांव लगाया है। बीजेपी ने राधेश्याम राठिया को टिकट दिया है तो कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार के रुप में डॉ. मेनका सिंह को चुनावी रण में उतारा है।
रायगढ़ संसदीय सीट ने छत्तीसगढ़ को दिए दो मुख्यमंत्री
रायगढ़ संसदीय सीट से छत्तीसगढ़ को 2 मुख्यमंत्री मिले हैं। प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी 1998 में इस सीट से सांसद चुने गए थे। हालांकि इसके बाद 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में जोगी रायगढ़ छोड़कर शहडोल चले गए थे, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं, वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी इस सीट से सांसद रह चुके हैं।
सबसे लंबे समय तक विष्णुदेव साय ने किया प्रतिनिधित्व
छत्तीसगढ़ के मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 1999 से 2014 तक 4 बार इस सीट का संसद में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस दौरान वे केंद्र में राज्य मंत्री भी रहे। 1999 में अजीत जोगी ने जब इस सीट को छोड़ा तो कांग्रेस ने अपने पूर्व सांसद पुष्पा देवी सिंह को टिकट दिया। साय उन्हें हरा कर पहली बार सांसद बने। इसके बाद वे लगातार 2014 तक निर्वाचित होते रहे। 2019 में पार्टी ने साय के स्थान पर गोमती साय को टिकट दे दिया।
पुष्पा देवी 3 और नंद कुमार 2 बार रह चुके हैं सांसद
कांग्रेस की पुष्पा देवी सिंह रायगढ़ से 3 बार सांसद चुनी गईं। पहली बार वे 1980 में निर्वाचित हुईं, इसके बाद 1984 में भी वे सांसद चुनी गईं। 1989 में वे बीजेपी के नंदकुमार साय से हार गईं। 1991 के चुनाव में फिर उन्होंने नंद कुमार साय को हरा दिया और तीसरी बार सांसद चुनी गईं। इसके बाद 1996 में हुए चुनाव में फिर पुष्पा देवी और साय के बीच मुकाबला हुआ। इस बार साय जीत गए। इसके बाद पुष्पा देवी फिर कभी वापसी नहीं कर पाई और न ही साय इस सीट से जीत पाए।
कांग्रेस का गढ़ लेकिन 15 में से केवल 6 चुनाव ही जीत पाई पार्टी
रायगढ़ सीट पर अब तक 15 बार आम चुनाव हो चुके हैं। इस सीट से निर्वाचित होने वाले पहले सांसद राजा विजय भूषण राम राज्य परिषद पार्टी से चुनाव जीते थे। 1977 में भरतीय लोक दल की टिकट पर नरहरि प्रसाद सुखदेव साय ने जीत दर्ज की। इसके बाद 80 और 84 में कांग्रेस पार्टी को यहां से जीत मिली। 1998 के बाद कांग्रेस इस सीट से नहीं जीती है।
रायगढ़ संसदीय क्षेत्र में वोटरों की संख्या (2024)
कुल वोटर | 1829038 |
पुरुष वोटर | 904335 |
महिला वोटर | 924654 |
तृतीय लिंग वोटर | 49 |
रायगढ़ संसदीय क्षेत्र के अब तक के सांसद
वर्ष | निर्वाचित सांसद | पार्टी |
1962 | राजा विजय भूषण सिंह देव | आरआरपी |
1967 | आर. गंधा | कांग्रेस |
1971 | उमेदसिंह | कांग्रेस |
1977 | नरहरि प्रसाद सुखदेव साय | बीएलडी |
1980 | पुष्पा देवी सिंह | कांग्रेस (आई) |
1984 | पुष्पा देवी | कांग्रेस |
1989 | नंद कुमार साय | भाजपा |
1991 | पुष्पादेवी सिंह | कांग्रेस |
1996 | नंद कुमार साय | भाजपा |
1998 | अजीत जोगी | कांग्रेस |
1999 | विष्णुदेव साय | भाजपा |
2004 | विष्णुदेव साय | भाजपा |
2009 | विष्णुदेव साय | भाजपा |
2014 | विष्णुदेव साय | भाजपा |
2019 | गोमती साय | भाजपा |
Live Updates
- 9 April 2024 7:18 AM GMT
रायगढ़ से बीजेपी प्रत्याशी
भाजपा सांसद प्रत्याशी राधेश्याम राठिया का जीवन परिचय...
भाजपा ने लोकसभा क्षेत्र क्रमांक 2 रायगढ़ लोकसभा से राधेश्याम राठिया को अपना प्रत्याशी बनाया है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि रायगढ़ लोकसभा से जशपुर की बजाय रायगढ़ को प्रतिनिधित्व का मौका दिया गया है। राधेश्याम राठिया घरघोड़ा के वरिष्ठ भाजपा नेता है। राधेश्याम राठिया रायगढ़ जिले के घरघोड़ा ब्लॉक के छर्राटांगर गांव के रहने वाले हैं। उनका जन्म 12 जून 1972 को हुआ है। उनके पिता का नाम स्व. लीलाराम राठिया है। उनकी शैक्षणिक योग्यता हायर सेकेंडरी तक है। उनका विवाह निद्रावती राठिया से हुआ है।
राधेश्याम राठिया का लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है। हुए सन 1995 में अपने गांव के उप सरपंच बनकर सक्रिय राजनीति में आए। 1995 से 2000 तक वे अपने गांव छर्राटांगर के निर्विरोध अध्यक्ष रहे। फिर 2000 से 2005 तक सदस्य जिला पंचायत रायगढ़ रहे। 2005 से 2010 तक अध्यक्ष जनपद पंचायत घरघोड़ा रहे। वर्ष 2010 से 2015 तक सदस्य जिला पंचायत रायगढ़ रहे। 2015 से 2020 तक निर्विरोध जनपद सदस्य घरघोड़ा रहे।
भाजपा संगठन में भी राधेश्याम राठिया कई जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वर्ष 1991 से 2005 तक वे सदस्य भाजपा जिला कार्य समिति रायगढ़ रहे हैं। 2004 से 2005 तक अध्यक्ष भाजपा घरघोड़ा मंडल रहे हैं । वर्ष 2010 से 2015 तक प्रदेश कार्य समिति सदस्य अनुसूचित जनजाति मोर्चा छत्तीसगढ़ रहे हैं। 2014 से 2018 तक जिला उपाध्यक्ष अनुसूचित जनजाति मोर्चा जिला रायगढ़ रहे। 2017 से 2021 तक जिला उपाध्यक्ष भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा जिला रायगढ़ रहे। 2023 की विधानसभा चुनाव में उन्होंने धरमजयगढ़ सीट से दावेदारी की थी। पर उनकी जगह हरिश्चंद्र राठिया को टिकट दे दी गई। उन्हें इस चुनाव का संचालक बनाया गया।
- 9 April 2024 7:14 AM GMT
बड़ी जीत के लिए बदली सीट, मिली बड़ी हार
कलेक्टरी छोड़ राजनीति में आए एक ऐसे नेता की स्टोरी, जिनके साथ जुड़े हैं कई बड़े घटनाक्रम...
रायपुर। आईएएस देश की सबसे प्रतिष्ठित नौकरियों में शामिल हैं। इस नौकरी को हासिल करने के लिए करोड़ों युवा मेहनत करते हैं, लेकिन कुछ गिने चुने युवा ही किस्मत वाले साबित होते हैं।ऐसे में इस नौकरी को छोड़कर भला कोई राजनीति में क्यों आएगा, लेकिन बदलते दौर में लोगों की सोच बदली है। छत्तीसगढ़ में ही इसके कुछ उदाहरण मिल जाएंगे। सबसे ज्यादा चर्चा ओपी चौधरी के नाम की होती है। चौधरी रायगढ़ सीट से विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। लेकिन हम जिस नौकरशाह- नेता की यहां बात कर रहे हैं उन्होंने उस दौर में आईएएस की नौकरी छोड़ी थी जब इस नौकरी को छोड़ने की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। हम जिनकी बात कर रहे हैं उनका नाम अजीत प्रमोद कुमार जोगी है। वही अजीत जोगी जो छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने और 2000 से लेकर 2020 तक छत्तीसगढ़ की राजनीति में जितने भी बड़े घटनाक्रम में हुए उनमें किसी न किसी रुप में उनका नाम आया।
- 9 April 2024 7:13 AM GMT
CG ये बीजेपी के 11 प्रत्याशी
कौन है सबसे युवा, कितने पढ़े-लिखें हैं बीजेपी के उम्मीदवार और क्या है पॉलिटिकल बैकग्राउंड
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीजेपी के 11 लोकसभा प्रत्याशियों में से ज्यादातर उच्च शिक्षा प्राप्त हैं। इनमें एक प्रत्याशी केवल 9वीं तक पढ़ा है। उम्र के लिहाज से 3 प्रत्याशी 50 से कम आयु के हैं। वहीं, 2 प्रत्याशी 60 से ज्यादा उम्र के हैं। 11 में से दो प्रत्याशी इससे पहले केवल सरपंच का चुनाव लड़े हैं।
- 9 April 2024 7:13 AM GMT
CG कांग्रेस के इस गढ़ में 1989 में बीजेपी को मिली पहली जीत
अटल जी के इस एक वादे का पार्टी को आज तक मिल रहा है फायदा
रायपुर। छत्तीसगढ़ अलग राज्य बने अभी 24 वर्ष हुए हैं, लेकिन इसका चुनावी इतिहास काफी पुराना है। अविभाजित मध्य प्रदेश के दौर में इसे कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता था। इस क्षेत्र ने अविभाजित मध्य प्रदेश को 3-3 मुख्यमंत्री दिए। इनमें पं. रविशंकर शुक्ल मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे। पं. शुक्ल के पुत्र श्यामाचरण शुक्ल और फिर मोती लाल वोरा भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पं. शुक्ल के पुत्र विद्याचरण शुक्ल यानी वीसी शुक्ला की केंद्रीय राजनीति में अलग धाक थी। वीसी इंदिरा और संजय गांधी के करीबियों में शामिल थे।
- 9 April 2024 7:12 AM GMT
विधानसभा V/s लोकसभा
देखें कैसे-छत्तीसगढ़ में 4 महीने में ही बदल जाता है पूरा चुनावी समीकरण
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 और लोकसभा की 11 सीटें हैं। दोनों चुनावों के बीच केवल 4 महीने का अंतर होता है। विधानसभा का चुनाव नवंबर- दिसंबर में होता है तो लोकसभा चुनाव के लिए मतदान अप्रैल- मई में। लेकिन इन 4 महीने में भी प्रदेश का पूरा सियासी और सीटों का समीकरण बदल जाता है। विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ सीटों पर तीसरी पार्टियां मुकाबले को त्रिकोणी बनाने में सफल रहती हैं, लेकिन लोकसभा के चुनाव में तीसरी पार्टियां कोई विशेष असर नहीं दिख पाती हैं। 90 प्रतिशत वोट शेयर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बंट जाता है। बसपा सहित अन्य पार्टियां महज 10 प्रतिशत में सिमट कर रह जाती हैं।
- 9 April 2024 7:12 AM GMT
विधानसभा चुनाव के हिसाब से 3 लोकसभा सीट जीत रही है कांग्रेस:(
2019 में जीती हुई कोरबा और बस्तर नहीं है इसमें शामिल..
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 और लोकसभा की 11 सीट है। रायपुर और दुर्ग संसदीय क्षेत्र में 9-9 और बाकी 9 संसदीय क्षेत्रों में विधानसभा की 8-8 सीटें शामिल हैं। दो महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों में सत्तारुढ़ भाजपा का प्रदर्शन बिलासपुर और दुर्ग संभाग को छोड़कर बाकी तीनों संभागों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। सरगुजा संभाग की सभी 14 विधानसभा सीट भाजपा जीतने में सफल रही है।
- 9 April 2024 7:11 AM GMT
छत्तीसगढ़ की 11 सीटों पर 3 चरणों में होगा चुनाव
जानिए... राज्य की किस सीट पर कब होगा लोकसभा चुनाव
रायपुर। छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर 3 चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में केवल एक बस्तर सीट पर वोटिंग होगी। दूसरे चरण में कांकेर, राजनांदगांव और महासमुंद में मतदान होंगे। बाकी सीटों पर तीसरे चरण में वोट डाले जाएंगे। पहले चरण में बस्तर लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को मतदान होगा। वहीं, राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर सीट पर 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। वहीं रायपुर, दुर्ग, सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर पर 7 मई को वोट डाले जाएंगे। सभी सीटों के लिए एक साथ 4 जून को मतगणना होगी।