Korba Lok Sabha elections 2024: कोरबा लोकसभा चुनाव 2024: कोरबा लोकसभा क्षेत्र, इतिहास, प्रत्याशी, चुनाव परिणाम
Korba Lok Sabha elections 2024:Korba Lok Sabha elections 2024: कोरबा लोकसभा सीट छत्तीगसढ़ की सबसे नई सीट है। कोरबा को देश का पॉवर हब कहा जाता है। कोयला खदानों से के बीच बसे कोरबा में राज्य और केंद्र सरकारों के साथ ही बड़े पैमाने पर निजी पॉवर प्लांट हैं। इस संसदीय क्षेत्र के सियासी समीकरण को स्थानीय और बाहरी दोनों प्रभावित करते हैं।
Korba Lok Sabha elections 2024: एनपीजी न्यूज डेस्क
ऊर्जा नगरी के रुप में पहचाना जाने वाला कोरबा लोकसभा सीट परिसीमन के बाद 2009 में अस्तित्व में आया। कोरबा के सीट के गठन के साथ ही सारंगढ़ सीट खत्म हो गया। सारंगढ़ अनुसूचित जाति (एससी) आरक्षित सीट था। कोरबा सीट पर अब तक 3 बार लोकसभा के चुनाव हुए हैं। विधानसभा चुनाव के हिसाब से देखा जाए तो इस सीट पर बीजेपी का दबदबा है। संसदीय क्षेत्र में शामिल 8 में से विधानसभा की 6 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। वहीं, एक रामपुर सीट कांग्रेस और पाली- तानाखार सीट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पाले में गई है। इस संसदीय क्षेत्र में शामिल विधानसभा की कई सीटें एसटी आरक्षित हैं।
इस बार महिलाओं के बीच मुकाबला
कोरबा सीट पर इस बार महिलाओं के बीच सीधा मुकाबला है। कांग्रेस ने अपने सीटिंग एमपी ज्योत्सना महंत को फिर से प्रत्याशी बनाया है। ज्योत्सना महंत छत्तीगसढ़ के दिग्गज कांग्रेसी नेता डॉ. चरण दास महंत की पत्नी हैं। डॉ. महंत पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान विधानसभा अध्यक्ष थे। इस बार फिर से सक्ती सीट से विधायक चुने गए हैं और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। ज्योत्सना महंत के मुकाबले के लिए बीजेपी ने सरोज पांडेय को टिकट दिया है। सरोज पांडेय की गिनती बीजेपी के फायर ब्रांड नेताओं में होती है। पांडेय दुर्ग में रहती हैं और दुर्ग सीट से सांसद भी रह चुकी हैं, लेकिन पार्टी ने इस बार उन्हें कोरबा से प्रत्याशी बनाया है। कोरबा सीट पर तीसरे चरण में चुनाव होना है।
डॉ. महंत पहले सांसद
कोरबा सीट 2009 में अस्तित्व में आया। पहले चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर डॉ. चरण दास महंत ने जीत दर्ज की। 2009 के आम चुनाव में कांग्रेस प्रदेश की यही एक मात्र सीट जीत पाई थी। डॉ. महंत केंद्र की डॉ. मनमोहन सिंह सरकार में राज्य मंत्री रहे। 2014 के चुनाव में बीजेपी के डॉ. बंशीलाल महतो ने उन्हें हरा दिया। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव हुआ, तब डॉ. महंत छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष थे। ऐसे में उन्होंने इस सीट से अपनी पत्नी ज्योत्सना महंत को टिकट दिला दिया।
कोरबा लोकसभा क्षेत्र में वोटरों की संख्या (2024)
कुल वोटर | 1609993 |
पुरुष वोटर | 800063 |
महिला वोटर | 809877 |
तृतीय लिंग | 53 |
कोरबा संसदीय क्षेत्र के अब तक के सांसद
वर्ष | निर्वाचित सांसद | पार्टी |
2009 | डॉ. चरण दास महंत | कांग्रेस |
2014 | डॉ. बंशीलाल महतो | भाजपा |
2019 | ज्योत्सना चरणदास महंत | कांग्रेस |
Live Updates
- 8 April 2024 1:21 PM GMT
कोरबा संसदीय सीट से बीजेपी प्रत्याशी
कोरबा सीट से बीजेपी प्रत्याशी सरोज पांडेय का जीवन परिचय
सरोज पांडेय को बीजेपी ने कोरबा सीट से लोकसभा चुनाव 2024 के रण में उतारा है। सरोज पांडेय की पहचान तेजर्रार नेत्री की है। एक साधारण परिवार से निकली सरोज पांडेय ने न केवल प्रदेश बल्कि देश की राजनीति में अपनी पहचान बनाई है। वे बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुकी हैं। बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव के पद पर भी काम कर चुकी हैं। वर्तमान वे पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। सरोज पांडेय ने दुर्ग मेयर रहते हुए सबसे लंबे समय तक इस पद पर रहने का रिकार्ड बनाया है। विधानसभा और लोकसभा का चुनाव जीता तो फिर एक रिकार्ड बनाया। सरोज पांडेय ने राज्यसभा चुनाव लड़ा तो वहां भी एक नया इतिहास लिखा गया। सरोज पांडेय को पार्टी ने तीसरी बार लोकसभा चुनाव के रण में उतरी हैं। सबसे पहले उन्होंने 2009 में दुर्ग सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था।2009 में वे कांग्रेस के प्रदीप चौबे को हराकर पहली बार सांसद चुनी गईं। 2014 में भी पार्टी ने उन्हें दुर्ग से टिकट दिया, लेकिन वे कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू से हार गईं।
सरोज पांडेय के माता पिता उत्तर प्रदेश से आए थे। उनके पिता का नाम श्यामजी पांडेय और माता का नाम गुलाव देवी पांडेय हैं। मूलत: उत्तर प्रदेश के रहने वाले श्यामजी पांडेय शिक्षक थे। वे यहां भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) के स्कूल में प्रिंसिपल थे। सरोज पांडेय का पूरा परिवार पहले बीएसपी के ही क्वाटर में रहता था। सरोज पांडेय का जन्म भिलाई में ही 22 जून 1968 को हुआ था। सरोज पांडेय से भिलाई स्थित महिला कॉलेज से एमएसी (बाल विकास) की डिग्री हासिल करने के बाद रायपुर के पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय से पीएचडी की है।
- 8 April 2024 1:19 PM GMT
कोरबा संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी
सांसद ज्योत्सना महंत का जीवन परिचय...
सांसद ज्योत्सना महंत 17वीं लोकसभा के लिए कोरबा लोकसभा से सांसद निर्वाचित हुईं हैं। वह पहली बार सांसद निर्वाचित हुई हैं। वे कांग्रेस के कद्दावर नेता और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत की पत्नी है। ज्योत्सना का जन्म 18 नवंबर 1953 को हुआ था। उनके पीता का नाम रामरूप सिंह और माता का नाम लीलावती सिंह है। हुउन्होंने 1971 में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से एचएससी किया है। फिर 1974 में भोपाल विश्वविद्यालय से बीएससी किया है। 1976 में भोपाल विश्वविद्यालय से एमएससी प्राणी शास्त्र से स्नातकोत्तर किया । 23 नवंबर 1980 को ज्योत्सना महंत का विवाह चरणदास महंत के साथ हुआ। ज्योत्सना महंत की तीन पुत्रियां और एक पुत्र है। ज्योत्सना महंत के पति चरणदास महंत कद्दावर कांग्रेस के नेता हैं। वे अविभाजित मध्यप्रदेश के गृहमंत्री व जनसंपर्क मंत्री रहें हैं। लोकसभा सांसद रहने के अलावा यूपीए 2 में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रहे हैं। 2018 से 2023 में कांग्रेस की छत्तीसगढ़ में सरकार रहने के दौरान चरण दास महंत विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं। वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष हैं।
ज्योत्सना महंत की तीन बेटियां व एक बेटा है। 17वीं लोकसभा में कोरबा लोकसभा से 2019 में चुनाव लड़कर ज्योत्सना महंत ने प्रचंड मोदी लहर में भी जीत हासिल की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में से कांग्रेस ने केवल दो जीती थी जिसमें से एक ज्योत्सना महंत थीं। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी ज्योति नंद दुबे को चुनाव हराया था। ज्योत्सना महंत को कुल 5,23, 410 (46%) वोट मिले। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी ज्योति नंद दुबे को 26,349 वोट से चुनाव हराया। ज्योति नंद दुबे को 4,97,061 (44%) वोट मिलें। वोट के प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो ज्योति नंद दुबे केवल दो प्रतिशत वोटो से चुनाव हारे।
- 8 April 2024 1:14 PM GMT
CG कांग्रेस के इस गढ़ में 1989 में बीजेपी को मिली पहली जीत
अटल जी के इस एक वादे का पार्टी को आज तक मिल रहा है फायदा
रायपुर। छत्तीसगढ़ अलग राज्य बने अभी 24 वर्ष हुए हैं, लेकिन इसका चुनावी इतिहास काफी पुराना है। अविभाजित मध्य प्रदेश के दौर में इसे कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता था। इस क्षेत्र ने अविभाजित मध्य प्रदेश को 3-3 मुख्यमंत्री दिए। इनमें पं. रविशंकर शुक्ल मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे। पं. शुक्ल के पुत्र श्यामाचरण शुक्ल और फिर मोती लाल वोरा भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पं. शुक्ल के पुत्र विद्याचरण शुक्ल यानी वीसी शुक्ला की केंद्रीय राजनीति में अलग धाक थी। वीसी इंदिरा और संजय गांधी के करीबियों में शामिल थे।
- 8 April 2024 1:13 PM GMT
विधानसभा V/s लोकसभा
देखें कैसे-छत्तीसगढ़ में 4 महीने में ही बदल जाता है पूरा चुनावी समीकरण
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 और लोकसभा की 11 सीटें हैं। दोनों चुनावों के बीच केवल 4 महीने का अंतर होता है। विधानसभा का चुनाव नवंबर- दिसंबर में होता है तो लोकसभा चुनाव के लिए मतदान अप्रैल- मई में। लेकिन इन 4 महीने में भी प्रदेश का पूरा सियासी और सीटों का समीकरण बदल जाता है। विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ सीटों पर तीसरी पार्टियां मुकाबले को त्रिकोणी बनाने में सफल रहती हैं, लेकिन लोकसभा के चुनाव में तीसरी पार्टियां कोई विशेष असर नहीं दिख पाती हैं। 90 प्रतिशत वोट शेयर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बंट जाता है। बसपा सहित अन्य पार्टियां महज 10 प्रतिशत में सिमट कर रह जाती हैं।
- 8 April 2024 1:12 PM GMT
विधानसभा चुनाव के हिसाब से 3 लोकसभा सीट जीत रही है कांग्रेस:
2019 में जीती हुई कोरबा और बस्तर नहीं है इसमें शामिल..
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 और लोकसभा की 11 सीट है। रायपुर और दुर्ग संसदीय क्षेत्र में 9-9 और बाकी 9 संसदीय क्षेत्रों में विधानसभा की 8-8 सीटें शामिल हैं। दो महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों में सत्तारुढ़ भाजपा का प्रदर्शन बिलासपुर और दुर्ग संभाग को छोड़कर बाकी तीनों संभागों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। सरगुजा संभाग की सभी 14 विधानसभा सीट भाजपा जीतने में सफल रही है।
- 8 April 2024 1:12 PM GMT
छत्तीसगढ़ की 11 सीटों पर 3 चरणों में होगा चुनाव:
जानिए... राज्य की किस सीट पर कब होगा लोकसभा चुनाव
रायपुर। छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर 3 चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में केवल एक बस्तर सीट पर वोटिंग होगी। दूसरे चरण में कांकेर, राजनांदगांव और महासमुंद में मतदान होंगे। बाकी सीटों पर तीसरे चरण में वोट डाले जाएंगे। पहले चरण में बस्तर लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को मतदान होगा। वहीं, राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर सीट पर 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। वहीं रायपुर, दुर्ग, सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर पर 7 मई को वोट डाले जाएंगे। सभी सीटों के लिए एक साथ 4 जून को मतगणना होगी।