Sleeping Problems: मोबाइल के चलते कम होती नींद, कई बीमारियों की चपेट में आ रहे लोग, जानें नींद न आ रही तो तो क्या करें ?
एक स्वस्थ मनुष्य के लिए 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। वहीं बच्चों को 10 घंटे की नींद लेनी चाहिए, लेकिन आधुनिक तनावपूर्ण जीवनशैली और मोबाइल ने हमारी नींद को बुरी तरह से प्रभावित किया है। आज हम आपको बताएंगे कि नींद नहीं आने की क्या वजहें हैं, इससे क्या दिक्कतें हो सकती हैं और अनिद्रा दूर करने के क्या उपाय हैं..
रायपुर, एनपीजी डेस्क। एक स्वस्थ मनुष्य के लिए 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। वहीं बच्चों को 10 घंटे की नींद लेनी चाहिए, लेकिन आधुनिक तनावपूर्ण जीवनशैली और मोबाइल ने हमारी नींद को बुरी तरह से प्रभावित किया है। इसकी वजह से देश में करीब 30 परसेंट लोग अनिद्रा से पीड़ित हो गए हैं।
रील्स और वीडियो देखने में ही घंटों बिता देते हैं लोग
आजकल ओटीटी, रील्स और वीडियोज़ का जमाना है। ऐसे में लोग मोबाइल पर वेब सीरीज, फिल्में, रील्स और वीडियोज़ में ही घंटों बिता देते हैं और उन्हें पता तक नहीं चलता। लोगों को ये सब देखने की इतनी लत लग चुकी है कि वे दीन-दुनिया से बेखबर मोबाइल चलाते रहते हैं। इसकी वजह से कई शारीरिक और मानसिक परेशानियों के शिकार हो जाते हैं।
पर्याप्त नींद नहीं लेने से होती हैं कई समस्याएं
इधर पर्याप्त नहीं नहीं लेने की वजह से लोग चिड़चिड़ेपन, तनाव, काम में मन नहीं लगना, एंग्जायटी, बेचैनी, मूड स्विंग, आलस, थकावट, इनफर्टिलिटी के शिकार हो रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि 7 घंटे से कम की नींद शारीरिक और मानसिक सेहत दोनों के लिए खतरनाक है। इससे कम उम्र में ही डायबिटीज, मोटापा, हार्ट डिजीज, ब्रेन डिजीज समेत अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
सोने से पहले मोबाइल देखने से भी नहीं आती है नींद
विशेषज्ञों का कहना है कि 80 फीसदी से ज्यादा लोग सोने के दौरान बिस्तर पर मोबाइल जरूर देखते हैं, इससे नींद आने की क्षमता प्रभावित होती है। पूरी नींद नहीं लेने से आपके इमोशन्स भी प्रभावित होते हैं।
नींद नहीं आने की कुछ और वजहें
- तनाव- घर या बाहर के तनाव के चलते भी नींद नहीं आती।
- कार्यक्षेत्र- आजकल कई नौकरियों में शिफ्ट वाइज काम करना पड़ता है, इससे नींद का शेड्यूल बिगड़ जाता है।
- रात में ज्यादा और भारी खाना खाना- सोने से पहले अधिक खाना खाना, ज्यादा मसालेदार खाना खाने से भी नींद में गड़बड़ी हो सकती है। रात में सुपाच्य और हल्का भोजन करें।
- सोते समय टीवी देखना, मोबाइल यूज करना, वीडियो गेम खेलना, कम्प्यूटर चलाने से भी नींद नहीं आती।
- कुछ मेडिकल प्रॉब्लम्स जैसे- अस्थमा, कैंसर, दर्द, हृदय रोग, डायबिटीज, थायरॉइड, अल्जाइमर, पार्किंसंस, एलर्जी, अस्थमा की दवाओं के कारण भी नींद प्रभावित होती है।
- चाय-कॉफी का अधिक सेवन करने से भी नींद प्रभावित होती है।
नींद आने के लिए करें ये उपाय
- बिस्तर पर जाने से एक घंटे पहले मोबाइल देखना बंद करें।
- टीवी या कम्प्यूटर से भी सोने से एक घंटे पहले से दूर हो जाएं।
- अगर आप अल्कोहल लेते हैं, तो उससे दूरी बना लें।
- चाय-कॉफी का सेवन कम करें।
- रात में सोने से पहले गुनगुने पानी से स्नान करें, इससे थकावट भी दूर होगी और नींद भी अच्छी आएगी।
- अपनी दिनचर्या में व्यायाम, वॉकिंग, जॉगिंग, योगा, मेडिटेशन और स्वीमिंग को शामिल करें।
- ध्यान या मेडिटेशन करने से दिमाग शांत होता है और मन से नकारात्मक विचार दूर होते हैं।
- सही समय पर सोने की आदत डालें।
- लेट नाइट पार्टियों से बचें।
- कमरे का तापमान, रोशनी और शोर सभी नियंत्रित रखें।
- खुशबूदार कैंडल भी रूम में जला सकते हैं।
- बिस्तर आरामदायक होना चाहिए, बहुत नरम और बहुत कठोर बिस्तर दोनों ही नींद में बाधक हैं।
- धूम्रपान यानि स्मोकिंग से बचें।
- रात में सुपाच्य और हल्का भोजन करें।
- खाना खाने के बाद थोड़ी देर टहलने की आदत डालें। इससे भोजन भी आसानी से डाइजेस्ट हो जाता है।
- सोते वक्त हल्का संगीत सुनें।
- अपनी चिंताओं को लिख डालें।