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NPG इम्पैक्टः कलेक्टर का बड़ा एक्शन, सीमेंट प्लांट के रजिस्ट्री घोटाले में नुवोको कंपनी को दिया कड़ा नोटिस...,मांगा जवाब, आईजी रजिस्ट्रेशन को लिखा डीओ लेटर, पढ़िए नोटिस में क्या लिखा...

NPG इम्पैक्टः कलेक्टर का बड़ा एक्शन, सीमेंट प्लांट के रजिस्ट्री घोटाले में नुवोको कंपनी को दिया कड़ा नोटिस...,मांगा जवाब, आईजी रजिस्ट्रेशन को लिखा डीओ लेटर, पढ़िए नोटिस में क्या लिखा...
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By NPG News

जांजगीर,रायपुर, 10 दिसंबर 2021। मात्र एक हजार रुपए के स्टांप शुल्क में 164 हेक्टेयर की माईनिंग लीज नुवोको कंपनी को बेचने के मामले में कई और बड़े गड़बड़झालों का भंडाफोड़ हुआ हैं। एनपीजी न्यूज के खुलासे के बाद कलेक्टर ने जांच कराई तो पता चला है, रेमंड ने 2001 में प्लांट लाफार्ज को बेच दी और लाफार्ज ने नुवोको को मगर किसी ने भी प्लांट की रजिस्ट्री नहीं कराई गई। बल्कि, जांजगीर की डिप्टी रजिस्ट्रार ने मात्र एक हजार शुल्क लेकर माईनिंग लीज लाफार्ज से नुवाको कंपनी के हवाले कर दिया।


ज्ञातव्य है, एनपीजी ने लाफार्ज और नुवोको कंपनी के साथ रजिस्ट्री विभाग के खेल पर कल और आज दो एक्सक्लूजिव खबर ब्रेक किया था। इस पर कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला हरकत में आए। उन्होंने पटवारी से प्रतिवेदन मंगाया तो पता चला माईनिंग्र लीज तो बिक गई मगर प्लांट अभी भी रेमंड के नाम पर है। जबकि, रेमंड ने 2001 में सीमेंट प्लांट को लाफार्ज को बेच दिया और लाफार्ज ने जून 2018 में उसे निरमा ग्रुप की नुवोको कंपनी के हवाले कर दिया।

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बताते हैं, पटवारी का प्रतिवेदन देख कलेक्टर भी चकरा गए। रेमंड से लाफार्ज और नुवोको के बीच सीमेंट प्लांट बिकता रहा मगर सिर्फ माईनिंग लीज, प्लांट नहीं। माईनिंग लीज भी डिप्टी रजिस्ट्रार ने मात्र एक हजार लेकर नुवोको के नाम ट्रांसफर कर दिया गया। बताते हैं, अफसरों ने एक हजार में माईनिंग लीज बेचने पर कलेक्टर को यह कहते हुए गुमराह करने की कोशिश की कि राजस्व बोर्ड ने बलौदा बाजार के पक्ष में फैसला दिया था। इस पर कलेक्टर बेहद नाराज हुए।


कलेक्टर ने एनपीजी से बात करते हुए माना कि राजस्व बोर्ड ने अगर फैसला दिया तो उसे कोर्ट में चैलेंज किया जाना था।सूत्रों का कहना है कि बलौदा बाजार में इसी लाफार्ज कंपनी ने नुवोको को एक हजार के स्टांप में लीज ट्रांसफर करवा लिया, उसका आधार जांजगीर को बनाया गया। याने इस गड़बड़झाले की शुरूआत जांजगीर से हुई, इसलिए बलौदा बाजार के प्रकरण का हवाला देकर बचा नहीं जा सकता।

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कलेक्टर जीतेंद्र शुक्ला ने इस पर नाराज होकर आईजी रजिस्ट्र्रेशन को डीओ लेटर लिखकर पूछा है कि वे बताएं कि एक हजार रुपए में 164 हेक्टेयर लीज की सेल उचित है या अनुचित। उधर, नुवोको कंपनी के मुंबई मुखयाल को नोटिस भेजकर इस संबंध में सात दिन के भीतर जवाब मांगा है। उन्होंने लिखा है कि रेमंड से 2001 में लाफार्ज के साथ बिक्रीनामा जब हो चुका है तो नामांतरण किन वजहों से नहीं कराया गया। और फिर लाफार्ज ने जब प्लांट नुवोको को बेच दिया तो उसका रजिस्ट्री क्यों नहीं हुआ। बताते हैं, कलेक्टर की नोटिस के बाद हड़कंप मच गया है। बता दें, रेमंड ने 2001 में जो लाफार्ज को बैनामा किया, उसमें भी गड़बड़ी की गई। 784 करोड़ के प्लांट को 42 करोड़ बताकर बेच दिया गया। राजस्व बोर्ड ने इसके लिए रेमंड पर 200 करोड़ की लेनदारी ठोका है। रेमंड अब इस पर स्टे के लिए हाईकोर्ट का चक्कर लगा रही।

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