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Earthquake In Ambikapur: अंबिकापुर में भूकंप: रात 8 बजकर 3 मिनट पर महसूस किए गए हल्‍के झटके

Earthquake In Ambikapur:

Earthquake In Ambikapur: अंबिकापुर में भूकंप: रात 8 बजकर 3 मिनट पर महसूस किए गए हल्‍के झटके
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By Sanjeet Kumar

Earthquake In Ambikapur: अंबिकापुर। संभाग में आज रात 8 बजकर 3 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। धरती के कांपते ही दहशत में लोग घरों से बाहर निकल गए। झटके 4 सेकेंड तक महसूस किए गए। इसकी वजह से किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। राज्य के उत्तरी हिस्से में स्थित अंबिकापुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। अब से थोड़ी देर पहले ही कुछ मिनटों के अंतराल में दो झटके महसूस किए गए। इसके बाद अफरातफरी मच गई और लोग घरों से बाहर निकल गए हैं। हाल ही में इस क्षेत्र में दो से तीन बाहर भूकंप के झटके महसूस ​किए जा चुके हैं।

इसी वर्ष 24 मार्च को अंबिकापुर मेंं भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। बता दें कि 8 महीने में पांचवीं बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। पहले 11 जुलाई को कोरिया में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 4.3 थी। इसके बाद कोरिया में ही 29 जुलाई को भूकंप आया। इसकी तीव्रता 4.6 थी। 4 अगस्त को सूरजपुर जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर भूकंप आया। इसकी तीव्रता 3.0 थी।

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र में फिर भूकंप आ सकता है। ये हम नहीं कह रहे, बल्कि पिछले पांच साल के जो आंकड़े हैं, उसके आधार पर रिसर्चर यह अनुमान लगा रहे हैं। इसके दो कारण हैं। एक तो यह कि छत्तीसगढ़ का सरगुजा वाला हिस्सा भूकंप के खतरे के लिहाज से बांटे गए जोन-3 में आता है, जहां इसकी संभावना बनी रहती है। दूसरा कारण कोयले का खनन है। इस इलाके में लगातार कोयले का खनन हो रहा है, जिससे जमीन खोखली हो रही है। खाली स्थानों पर जो पानी है, उसे बड़े बोर से निकाला जा रहा है। टेक्टोनिक प्लेट के मूवमेंट के लिए यह भी एक कारण है, जिससे भूकंप आता है।

जो आंकड़े सामने आए वह चिंताजनकटेक्टोनिक प्लेट पृथ्वी के ऊपरी सतह जिसे क्रस्ट कहा जाता है के नीचे का हिस्सा है। ऐसी कई प्लेटें हैं, जिसमंं मूवमेंट होता है। इन प्लेटों में जब घर्षण होता है, खिंचाव होता है या ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं तो उससे कंपन पैदा होता है। यही भूकंप है। अंबिकापुर स्थित राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र के रिसर्च असिस्टेंट यमलेश कुमार निषाद और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रंजीत कुमार ने 2018 के बाद हुई भूकंप की घटनाओं और केंद्र सरकार की अलग-अलग एजेंसियों से मिले डाटा के आधार पर जो अनुमान लगाया है, उसके मुताबिक सरगुजा इलाके में भूकंप की संभावना बनी रहेगी। आगे पढ़ने के लिए यहां क्‍लीक करें

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कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा में भूकंप के झटके महसूस किए गए है। भूकंप के झटके से पसान इलाके कुछ घरों में दरार पड़ गए। झटके से लोगों में अफरा-तफरी की स्थिति भी निर्मित हो गई। बताया जा रहा है कि सुबह 9 बजकर 9 मिनट में भूकंप के झटके लोगों ने महसूस किए। रिएक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.6 आंकी गई है। जिसका केंद्र कोरबा जिले में 22.79 अक्षांश और 82.16 देशांतर पर जमीन के 0.5 किमी नीचे था।

वहीं, कोरबा के पड़ोसी जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में भी हल्के झटके महसूस किए गए। फिलहाल इस झटके से किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि धरती मुख्यत: चार परतों से बनी हुई है। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहा जाता है। अब ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। यानि धरती की ऊपरी सतह 7 टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है। ये प्लेटें कभी भी स्थिर नहीं होती, ये लगातार हिलती रहती हैं, जब ये प्लेटें एक दूसरे की तरफ बढ़ती है तो इनमें आपस में टकराव होता है। कई बार ये प्लेटें टूट भी जाती हैं। इनके टकराने से बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है जिससे इलाके में हलचल होती है। कई बार ये झटके काफी कम तीव्रता के होते हैं, इसलिए ये महसूस भी नहीं होते। जबकि कई बार इतनी ज्यादा तीव्रता के होते हैं, कि धरती फट तक जाती है।

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Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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