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Earthquake in Chhattisgarh फिर आ सकता है भूकंप! सरगुजा संभाग के बड़े एरिया में कोल माइनिंग, पांच साल में 7 बार झटके, इसलिए...

Earthquake in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ का अधिकांश हिस्सा जोन-2 में आता है, लेकिन सरगुजा का हिस्सा जोन-3 में, जहां भूकंप की संभावना बनी रहती है।

Earthquake in Chhattisgarh फिर आ सकता है भूकंप! सरगुजा संभाग के बड़े एरिया में कोल माइनिंग, पांच साल में 7 बार झटके, इसलिए...
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By NPG News

Earthquake in Chhattisgarh रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र में फिर भूकंप आ सकता है। ये हम नहीं कह रहे, बल्कि पिछले पांच साल के जो आंकड़े हैं, उसके आधार पर रिसर्चर यह अनुमान लगा रहे हैं। इसके दो कारण हैं। एक तो यह कि छत्तीसगढ़ का सरगुजा वाला हिस्सा भूकंप के खतरे के लिहाज से बांटे गए जोन-3 में आता है, जहां इसकी संभावना बनी रहती है। दूसरा कारण कोयले का खनन है। इस इलाके में लगातार कोयले का खनन हो रहा है, जिससे जमीन खोखली हो रही है। खाली स्थानों पर जो पानी है, उसे बड़े बोर से निकाला जा रहा है। टेक्टोनिक प्लेट के मूवमेंट के लिए यह भी एक कारण है, जिससे भूकंप आता है।

बता दें कि महीनेभर में तीसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। पहले 11 जुलाई को कोरिया में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 4.3 थी। इसके बाद कोरिया में ही 29 जुलाई को भूकंप आया। इसकी तीव्रता 4.6 थी। 4 अगस्त को सूरजपुर जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर भूकंप आया। इसकी तीव्रता 3.0 थी।

सीएम भूपेश बघेल भी इशारों-इशारों में कह चुके हैं कि बार-बार भूकंप आना चिंता का विषय है। राजधानी स्थित साइंस कॉलेज के प्रोफेसर एसएस भदौरिया भी यह मानते हैं कि सरगुजा इलाके में भूकंप के लिए कोयला खनन और खदान कारण हो सकते हैं।


सूरजपुर में भूकंप के बाद यह तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें दीवार पर दरार पड़ गई।

जो आंकड़े सामने आए वह चिंताजनक Earthquake in Chhattisgarh

टेक्टोनिक प्लेट पृथ्वी के ऊपरी सतह जिसे क्रस्ट कहा जाता है के नीचे का हिस्सा है। ऐसी कई प्लेटें हैं, जिसमंं मूवमेंट होता है। इन प्लेटों में जब घर्षण होता है, खिंचाव होता है या ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं तो उससे कंपन पैदा होता है। यही भूकंप है। अंबिकापुर स्थित राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र के रिसर्च असिस्टेंट यमलेश कुमार निषाद और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रंजीत कुमार ने 2018 के बाद हुई भूकंप की घटनाओं और केंद्र सरकार की अलग-अलग एजेंसियों से मिले डाटा के आधार पर जो अनुमान लगाया है, उसके मुताबिक सरगुजा इलाके में भूकंप की संभावना बनी रहेगी।


पांच साल में सरगुजा क्षेत्र में आए भूकंप के झटके Earthquake in Chhattisgarh

तारीख - तीव्रता

002 सितंबर 2018 - 3.0

22 फरवरी 2019 - 3.5

11 अप्रैल 2021 - 3.7

12 दिसंबर 2021 - 3.4

11 जुलाई 2022 - 4.3

29 जुलाई 2022 - 4.6

04 अगस्त 2022 - 3.0

Earthquake in Chhattisgarhऐसे समझें रिक्टर स्केल पर झटकों का असर

0-1.9 - सिर्फ सिस्मोग्राफ पर पता चलेगा।

2-2.9 - हल्के झटके आएंगे।

3-3.9 - कोई ट्रक नजदीक से गुजर जाए ऐसा असर।

4-4.9 - खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती है।

5-5.9 - फर्नीचर हिल सकता है। मकानों में दरारें आ सकती हैं।

6-6.9 - कच्चे मकान गिर सकते हैं। इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान।

7-7.9 - इमारतें-मकान गिर जाते हैं। काफी नुकसान। जैसा भुज में 2001 में और नेपाल में 2015 में हुआ था।

8-8.9 - इमारतों समेत बड़े पुल भी गिर जाते हैं। सुनामी का खतरा।

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