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High Court ने आदतन अपराधी को लेकर सुनाया अहम फैसला, सुधार की उम्मीद या जनता के लिए चेतावनी? पढ़िए क्या कहा कोर्ट ने

एक आदतन अपराधी जिसे निचली अदालत ने निर्वासन की सजा सुनाई है, हाई कोर्ट ने सजा को बरकरार रखते हुए कड़ी टिप्पणी की है। डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि एक आदतन अपराधी जिसे अदालत ने निर्वासन की सजा सुनाई है, उसका स्वतंत्र रूप से आवाजाही आम जनता के लिए बेहद खतरनाक है। पब्लिक की सुरक्षा बेहद जरुरी है।

CG High Court News:
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Bilaspur High Court

By Radhakishan Sharma

बिलासपुर। निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने कहा कि आदतन अपराधी का स्वतंत्र रूप से घुमना-फिरना आम जनता की सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक है। डिवीजन बेंच ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए रिट याचिका को खारिज कर दिया है। महासमुंद के जिला मजिस्ट्रेट ने एक आदेश जारी कर आदतन अपराधी को राज्य के कई जिलों की सीमाओं में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। इस फैसले को हाई काेर्ट में चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता आदतन अपराधी का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। पुलिस रिकार्ड में 1995 से 2023 के बीच कई मामलों में उसकी संलिप्तता रही है।

रिट याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की डिवीजन बेंच में हुई। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि याचिकाकर्ता के आपराधिक रिकार्ड और गतिविधियों के कारण शहर और आसपास के इलाकों में आतंक का माहौल है। लोग डरते हैं। याचिकाकर्ता का क्षेत्र और समाज में स्वतंत्र रूप से घुमन-फिरने से शांति व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो सकता है। यह आम नागरिकों के लिए उचित नहीं है। याचिकाकर्ता का आचरण क्षेत्र में रहने वालों के लिए किसी भी नजरिए से ठीक नहीं कहा जा सकता है। याचिकाकर्ता के खिलाफ पुलिस रिकार्ड,आपराधिक गतिविधियां जो दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है, सभ्य समाज के लिए यह खतरा हो सकता है। डिवीजन बेंच ने इस टिप्पणी के साथ जिला मजिस्ट्रेट के आदेश को सही ठहराते हुए रिट याचिका को खारिज कर दिया है।

जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी कर 6 जिलों से कर दिया बाहर-

महासमुंद के जिला मजिस्ट्रेट ने याचिकाकर्ता के विरुद्ध छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम, 1990 ('अधिनियम') की धारा 3 और धारा 5 (ए) (बी) के तहत के तहत कार्रवाई करते हुए आदेश पारित किया। जारी आदेश में याचिकाकर्ता को 24 घंटे के भीतर महासमुंद जिले के अलावा धमतरी,रायपुर,बलौदाबाजार,रायगढ़ व गरियाबंद जिले के समीपवर्ती राजस्व जिलों की सीमा से बाहर जाने का आदेश दिया था। जिला मजिस्ट्रेट ने एक साल तक इन जिलों से बाहर रहने की हिदायत दी थी।

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