CG High Court: जेल में कैदियों के बीच संघर्ष, हाई कोर्ट ने डीजी जेल से शपथ पत्र के साथ मांगा जवाब
CG High Court: जेल में कैदियों के बीच हो रहे संघर्ष को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। डीजी जेल को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने कहा है।
CG High Court: बिलासपुर। जेल में कैदियों के बीच हो रहे संघर्ष को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। डीजी जेल को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने कहा है। जेल में सुरक्षा व्यवस्था सहित आंतरिक सुरक्षा को लेकर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने कहा है।
बता दें कि जेल में कैदियों के बीच संघर्ष को लेकर मीडिया में प्रकाशित खबर को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने स्वत: संज्ञान में लेते हुए पीआईएल के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में जेलों की स्थिति और कैदियों के बीच संघर्ष को लेकर लगी स्वतः संज्ञान जनहित याचिका पर मंगलवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।
पुलिस महानिदेशक (जेल) ने 2018 से लेकर 2024 तक जेलों के निर्माण और कैदियों की संख्या की स्थिति को लेकर तुलनात्मक सुधार का ब्यौरा पेश किया गया। प्रदेश की जेलों के निर्माण में देरी को लेकर याचिकाकर्ता के वकील ने अपना पक्ष रखा। हाई कोर्ट ने निर्माणाधीन जेल की समय सीमा को लेकर निर्देश दिए हैं। जेल में कैदियों की बीच संघर्ष के मामले में कोर्ट ने डीजी जेल से शपथपत्र में जवाब मांगा है। वहीं इस मामले में अगली सुनवाई 16 जनवरी 2025 को तय की गई है।
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। जिसमें डिवीजन बेंच के 5 नवंबर 2024 के आदेश की परिपालन में पुलिस महानिदेशक जेल ने हलफनामा पेश किया। जिसमें 2018 और वर्तमान स्थिति में जिलों के निर्माण और कैदियों की संख्या का विवरण था। इसमें यह तथ्य निकलकर आया कि वर्तमान में 33 नए बैरक 8 जेलों में निर्माणाधीन हैं। जिसकी क्षमता 1650 होगी। वहीं बेमेतरा में 2000 कैदियों के लिए ओपन जेल बनाई जा रही है।
शपथ पत्र में बताया गया कि रायपुर में 4000 क्षमता वाला स्पेशल जेल और 1500 क्षमता वाला बिलासपुर में बनाया जाना है। सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव ने पूछा की स्पेशल जेल क्या होती है..? वहीं पुलिस महानिदेशक से इसकी जानकारी ली है। कोर्ट ने जेल के भीतर लाइन एंड ऑर्डर को बरकरार रखने के निर्देश भी दिए हैं। वहीं अगली सुनवाई 16 जनवरी 2025 को रखी गई है।