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Bilaspur High Court: हाई कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा: अगर ऐसा किया तो हत्यारे शव नष्ट कर सजा से बचने का तलाशने लगेंगे रास्ते

Bilaspur High Court: अपहरण और हत्या के एक मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की डिवीजन बेंच ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए याचिका को खारिज कर दिया है। पढ़िए डिवीजन बेंच ने अपने फैसल में क्या खास टिप्पणी की है।

Bilaspur High Court: हाई कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा: अगर ऐसा किया तो हत्यारे शव नष्ट कर सजा से बचने का तलाशने लगेंगे रास्ते
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। अपरहण और हत्या के मामले की सुनवाई के बाद निचली अदालत ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जेल में बंद आरोपियों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की डिवीजन बेंच में हुई। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में परिस्थितिजन्य साक्ष्य को सही ठहराते हुए सजा के पर्याप्त सबूत माना है।

निचली अदालत द्वारा दिए गए आजीवन कारावास की सजा को चुनाैती देने वाली याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की डिवीजन बेंच में हुई। डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि हत्या के प्रत्येक मामले में शव की बरामदगी जरुरी नहीं है। अगर इसे सजा सुनाने के लिए अनिवार्य कर दिया जाएगा तो हत्यारे शव को नष्ट कर सजा से बचने के रास्ते तलाशने लगेंगे। कुछ एक मामले ऐसे होते हैं जिसमे शव की बरामदगी नहीं हो पाती पर परिस्थितिजन्य साक्ष्य से स्पष्ट हो जाता है कि आरोपी कौन है।

मौजूदा मामला भी कुछ इसी तरह का है। हरिप्रसाद देवांगन के अपहरण और हत्या के मामले में पेश अपील पर डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। इस प्रकरण में डीएनए जांच के बाद भी मृतक की पहचान नहीं हो पाई थी। डिवीजन बेंच ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर अपीलकर्ता आरोपी आकाश कोसरे और संजू वैष्णव की निचली अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को यथावत रखते हुए अपील खारिज कर दी है।

0 ये है मामला

18 जनवरी 2019 को आनंद देवांगन ने नेवई थाना दुर्ग में पिता हरिप्रसाद देवांगन के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच के बाद आकाश कोसरे और संजू वैष्णव को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान दोनों ने हरिप्रसाद के अपहरण और हत्या की बात स्वीकार की थी। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि हरिप्रसाद देवांगन की हत्या करने के बाद शव को खोरपा गांव के पास खेत में भूसे के ढेर में जला दिया था। पुलिस ने घटनास्थल से जली हुई हड्डियां, टिफिन बाक्स, जेवर और मृतक का अन्य सामान बरामद किया। फोरेंसिक जांच में पुष्टि हुई कि बरामद हड्डियां 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति की थी,हरिप्रसाद की उम्र से मेल खाती थी।

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