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Bilaspur High Court: हाई कोर्ट को अरपा की चिंता, कहा - जब तक ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बनता, तब तक खोला जाए स्टॉप डैम

Bilaspur High Court:

Bilaspur High Court: हाई कोर्ट को अरपा की चिंता, कहा - जब तक ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बनता, तब तक खोला जाए स्टॉप डैम
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By Neha Yadav

Bilaspur High Court: बिलासपुर। अरपा नदी के उद्गम स्थल के संरक्षण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस संजय के. अग्रवाल की डिवीजन बेंच में शासन ने अपना जवाब पेश करते हुए बताया कि उद्गम स्थल के लिए 5 एकड़ निजी और 5 एकड़ वन भूमि अधिग्रहित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने में लगभग 16 माह लगेंगे। डिवीजन बेंच ने नगर निगम द्वारा गंदे पानी की निकासी रोकने में हो रही देरी और कार्ययोजना के अभाव पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि जब तक ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था नहीं हो जाती, नदी में गंदे पानी के बहाव को रोकने के लिए स्टाप डैम को खोल दिया जाए ताकि नदी का पानी निरंतर प्रवाहित होता रहे। नगर निगम की ओर से गंदे पानी की निकासी को लेकर विस्तृत शपथपत्र प्रस्तुत नहीं किया जा सका, जिस पर अदालत ने नाराजगी जताई और मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर को निर्धारित की है।

जीपीएम कलेक्टर ने शपथपत्र में दी ये जानकारी

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के कलेक्टर द्वारा प्रस्तुत शपथपत्र में बताया गया कि अरपा नदी के उद्गम स्थल को संरक्षित करने के लिए 5 एकड़ निजी और 5 एकड़ वन भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत दावे और आपत्तियों जैसी प्रक्रियाओं में समय लगेगा, जिसके कारण पूरी प्रक्रिया को पूर्ण होने में करीब 16 महीने लगने का अनुमान है।

गंदे पानी की निकासी को लेकर नगर निगम असमंजस में

नदी में गंदे पानी की निकासी रोकने को लेकर हाई कोर्ट ने नगर निगम से विस्तृत कार्ययोजना और फंड स्वीकृति की जानकारी शपथपत्र के जरिए मांगी थी। हालांकि, निर्धारित समय पर यह जानकारी पेश नहीं की जा सकी। नगर निगम ने बताया था कि, सीवरेज योजना के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया गया है और फंड स्वीकृति का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है।

नगर निगम का शपथपत्. को कोर्ट ने किया ख़ारिज

सुनवाई के दौरान नगर निगम बिलासपुर की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत किया गया, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार्य माना। कोर्ट ने कहा कि जब तक सीवरेज प्लांट की योजना को अंतिम रूप नहीं दिया जाता और गंदे पानी को ट्रीट किए बिना नदी में बहने से रोकने की ठोस योजना पेश नहीं की जाती, तब तक कोई संतोषजनक समाधान नहीं माना जाएगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने शासन और नगर निगम को निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई में विस्तृत कार्ययोजना और फंड स्वीकृति की अद्यतन जानकारी प्रस्तुत करें। अब इस मामले में आगे की सुनवाई 5 दिसंबर को होगी।

क्या है पीआईएल में

अरपा नदी बिलासपुर की जीवनरेखा मानी जाती है। इसके उद्गम स्थल के संरक्षण और नदी में गंदे पानी की निकासी रोकने के लिए यह जनहित याचिका दायर की गई थी। इस पर पूर्व में भी कोर्ट ने नगर निगम से विस्तृत योजना और समाधान पेश करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी है। इस याचिका के माध्यम से नदी के स्वच्छता और संरक्षण के लिए न्यायालय की ओर से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।

Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

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