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Bilaspur High Court: बस्तर बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आया न्यायपालिका: चीफ जस्टिस की अपील पर दान किया एक दिन का वेतन...

Bilaspur High Court: हाई कोर्ट के न्यायाधीश, रजिस्ट्री के अधिकारी, जिला न्यायपालिका के न्यायिक अधिकारी एवं प्रतिनियुक्ति में पदस्थ न्यायिक अधिकारियों के द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष में योगदान की मानवीय पहल की है। बिलासपुर हाई कोर्ट के न्यायाधीश, रजिस्ट्री के अधिकारी, जिला न्यायपालिका के न्यायिक अधिकारी एवं प्रतिनियुक्ति में पदस्थ न्यायिक अधिकारियों के द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष में योगदान की मानवीय पहल की है।

Bilaspur High Court: बस्तर बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आया न्यायपालिका: चीफ जस्टिस की अपील पर दान किया एक दिन का वेतन...
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। बिलासपुर हाई कोर्ट के न्यायाधीश, रजिस्ट्री के अधिकारी, जिला न्यायपालिका के न्यायिक अधिकारी एवं प्रतिनियुक्ति में पदस्थ न्यायिक अधिकारियों के द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष में योगदान की मानवीय पहल की है।

छत्तीसगढ़ के सुदूरवर्ती बस्तर संभाग में बाढ़ आपदा पीड़ितों की सहायता हेतु चीफ जस्टिस मेश सिन्हा की संवेदनशीलता एवं मानवीय पहल के परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गण, रजिस्ट्री के अधिकारियों, जिला न्यायपालिका के न्यायिक अधिकारियों एवं विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति में पदस्थ न्यायिक अधिकारियों के द्वारा स्वेच्छा पूर्वक योगदान स्वरूप एक दिन का वेतन (कुल रूपये 26,40,506/-) मुख्यमंत्री सहायता कोष, छत्तीसगढ़ शासन में जमा किया गया है।

छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग में आई प्राकृतिक आपदा ने अनेक परिवारों को विषम परिस्थिति में डाल दिया है। इस विपदा की घड़ी में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के कुशल मार्गदर्शन में, संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व का परिचय देते हुए जस्टिस और न्यायिक अधिकारियों द्वारा एक दिन का वेतन मुख्य मंत्री सहायता कोष में दान करने का निर्णय मानवता और करूणा की भावना का प्रतीक है। यह सहयोग केवल आर्थिक योगदान ही नहीं, बल्कि उन पीड़ित परिवारों के प्रति एकजुटता और सहानुभूति का संदेश है। न्यायपालिका सदैव अपने संवैधानिक दायित्वों के साथ-साथ सामाजिक उत्तरदायित्व के निर्वहन में भी अग्रणी रही है। यह पहल निश्चित रूप से अन्य संस्थानों और नागरिकों को भी प्रेरित करेगी कि वे आगे बढ़कर प्राकृतिक आपदा पीड़ित परिवारों की सहायता में सहभागी बनें।

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