IAS Nidhi Chiibar: नए चीफ सिकरेट्री की IAS पत्नी निधि छिब्बर को जब सेंट्रल डेपुटेशन के लिए रिलीव करने से सरकार ने कर दिया था इंकार, जानिये फिर क्या हुआ...
IAS Nidhi Chiibar: 1994 बैच के आईएएस विकास शील को छत्तीसगढ़ का मुख्य सचिव बनाया गया है। विष्णुदेव साय सरकार ने उनका आदेश जारी कर दिया है। 30 सितंबर को वे मुख्य सचिव अमिताभ जैन से कार्यभार ग्रहण करेंगे। विकास शील की पत्नी निधि छिब्बर आईएएस में विकास शील की बैचमेट हैं। निधि छिब्बर को केंद्र में पोस्टिंग मिलने के बाद सरकार ने जब रिलीव करने से मना कर दिया तो भारत सरकार ने उन्हें पांच साल के लिए डेपुटेशन से डिबार कर दिया था।

IAS Nidhi Chiibar: रायपुर। एशियाई विकास बैंक मनीला में पोस्टेड आईएएस विकास शील को विष्णुदेव सरकार ने बुलाकर नया चीफ सिकरेट्री नियुक्त कर दिया है। आज देर शाम उनका आदेश भी जारी हो गया। छत्तीसगढ़ बनने के बाद यह पहली दफा है कि टाईम से छह दिन पहले नए चीफ सिकरेट्री का आदेश जारी किया गया। इससे पहले हमेशा चीफ सिकरेट्री के रिटायरमेंट के दिन ही नए सीएस का आदेश जारी होता था। पता चला है, विकास शील 29 सितंबर को दिल्ली से रायपुर आएंगे और अगले दिन 30 सितंबर को कार्यभार ग्रहण करेंगे।
विकास शील का पत्नी निधि छिब्बर भी आईएएस अफसर हैं। 1994 बैच के छत्तीसगढ़ में पोस्टेड आईएएस अधिकारियों में ऋचा शर्मा पहले नंबर पर हैं। उनके बाद निधि छिब्बर और फिर विकास शील। याने विकास शील अपने पत्नी निधि छिब्बर से एक पायदान जूनियर हैं। निधि इस समय सेंट्रल डेपुटेशन पर दिल्ली में पोस्टेड हैं।
पांच साल के लिए डिबार
2016 में निधि छिब्बर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जाना चाह रही थीं। राज्य सरकार से उन्हें एनओसी मिल गया था। आवश्यक प्रक्रिया के बाद भारत सरकार ने उन्हें ज्वाइंट सिकरेट्री डिफेंस की पोस्टिंग दे दी, मगर राज्य सरकार ने उन्हें रिलीव करने से इंकार कर दिया। हालांकि, आमतौर पर ऐसा होता नहीं। संबंधित राज्य सरकार के एनओसी के बाद ही केंद्र पोस्टिंग देता है। मगर छत्तीसगढ़ में एनओसी के बाद पोस्टिंग मिलने पर कार्यमुक्त नहीं किया गया। बताते हैं, तत्कालीन चीफ सिकरेट्री विवेक ढांड किसी बात से निधि छिब्बर से खफा हो गए थे। और उसका नतीजा डेपुटेशन रोकने के रूप में सामने आया। उधर, निर्धारित टाईम के भीतर निधि छिब्बर ने रक्षा मंत्रालय में ज्वाईन नहीं किया तो डीओपीटी ने नियमानुसार उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए पांच साल के लिए डिबार कर दिया। केंद्र में ऐसा नियम है कि पोस्टिंग के बाद कोई अफसर आने से मना करता है तो फिर वह अगले पांच साल के लिए सेंट्रल डेपुटेशन के लिए डिबार कर दिया जाता है। निधि छिब्बर को उसी नियम का सामना करते हुए डिबार होना पड़ा।
कैट की शरण में निधि
राज्य सरकार ने जब निधि छिब्बर को सेंट्रल डेपुटेशन पर जाने से कार्यमुक्त करने से मना कर दिया तो फिर निधि छिब्बर ने कैट की शरण ली। कैट ने लंबी सुनवाई के बाद निधि के पक्ष में फैसला दिया। कैट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अगर भारत सरकार में ज्वाईनिंग नहीं दी है तो इसमें उसकी कोई गलती नहीं। राज्य सरकार ने उसे रिलीव नहीं किया, इसलिए वे जा नहीं पाई। कैट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि निधि छिब्बर को रिलीव किया जाए और भारत सरकार ने पांच साल के लिए डिबार किया है, उसे हटाए। इसके बाद केंद्र ने निधि का डिबार समाप्त कर दिया और राज्य सरकार ने उन्हें रिलीव कर दिया। निधि को फिर से डिफेंस मिनिस्ट्री में ज्वाइंट सिकरेट्री बनाया गया।
जानिये निधि छिब्बर के बारे में
आईएएस निधि छिब्बर का जीवन परिचय |
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