Chief Secretary Vikas Sheel: 5 सीनियर अफसरों को सुपरसीड कर विकास शील बने छत्तीसगढ़ के 13वें मुख्य सचिव, आदेश जारी, जानिये कब तक रहेगा उनका कार्यकाल...
Chief Secretary Vikas Sheel: 1994 बैच के आईएएस विकास शील छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव बनाए गए हैं। राज्य सरकार ने उनका आदेश जारी कर दिया है। अमिताभ जैन के रिटायर होने के बाद वे छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक मुखिया की जिम्मेदारी संभालेंगे। अमिताभ 30 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं। चूकि प्रशासनिक मुखिया की कुर्सी खाली नहीं रखी जा सकती, लिहाजा परंपरा के अनुसार अमिताभ जैन की विदाई के साथ ही शाम को नए मुख्य सचिव विकास शील पदभार ग्रहण कर लेंगे। बता दें, मुख्य सचिव बनाने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भारत सरकार को पत्र लिख एडीबी मनीला में पोस्टेड विकास शील को वापिस बुलवाया।

Chief Secretary Vikas Sheel: रायपुर। पांच सीनियर आईएएस अधिकारियों को सुपरसीड कर आईएएस विकास शील को छत्तीसगढ़ का मुख्य सचिव बनाया गया है। वे छत्तीसगढ़ के 13वें चीफ सिकरेट्री होंगे। एक नवंबर 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर बने छत्तीसगढ़ में अब तक 12 मुख्य सचिव हुए हैं। विकास शील 13वें होंगे। राज्य सरकार ने उन्हें मुख्य सचिव बनाने का आदेश जारी कर दिया है।
30 सिंतबर को करेंगे ज्वाईन
मुख्य सचिव अमिताभ जैन 30 सिंतबर को रिटायर होंगे। मुख्य सचिव की कुर्सी खाली नहीं रखी जाती, इसलिए 30 सितंबर को शाम अमिताभ जैन औपचारिक तौर पर विकास शील को पदभार सौंप देंगे। आमतौर पर चीफ सिकरेट्री जिस दिन ज्वाईन करते हैं, कोई मीटिंग वगैरह नहीं होती। उस रोज मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात होती है। फिर अगले दिन मंत्रालय में अफसरों की परिचयात्मक बैठक रखी जाती है।
पौने चार साल रहेगा कार्यकाल
नए मुख्य सचिव विकास शील का जन्म जून 1969 का है। याने उनका 60 साल जून 2029 में कंप्लीट होगा। 30 सिंतबर को कार्यभार ग्रहण करने की स्थिति में वे पौने चार साल मुख्य सचिव रहेंगे। सबसे लंबे कार्यकाल के रूप में वे छत्तीसगढ़ के तीसरे मुख्य सचिव होंगे। चार साल 10 महीने के कार्यकाल के साथ अमिताभ जैन पहले नंबर पर हैं। उनके बाद तीन साल 11 महीने के साथ विवेक ढांड दूसरे नंबर पर हैं।
छत्तीसगढ़ में रहे ये 12 मुख्य सचिव
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद अभी तक 12 मुख्य सचिव हुए हैं। अरुण कुमार प्रथम मुख्य सचिव थे। उनके बाद एसके मिश्रा, एके विजयवर्गीय, आरपी बगाई, शिवराज सिंह, पी0 जॉय उम्मेन, सुनिल कुमार, विवेक ढांड, अजय सिंह, सुनील कुजूर, आरपी मंडल और अमिताभ जैन। विकास शील 13वें मुख्य सचिव होंगे।
5 अफसरों को सुपरसीड कर बने सीएस
94 बैच के आईएएस अधिकारी विकास शील तीन सीनियर अफसरों को सुपरसीड कर मुख्य सचिव बनाए गए हैं। सुपरसीड होने वालों में 91 बैच की रेणु पिल्ले, 92 बैच के सुब्रत साहू और 93 बैच के अमित अग्रवाल शामिल हैं। इन तीनों में से रेणु और सुब्रत छत्तीसगढ़ में हैं और अमित डेपुटेशन पर दिल्ली में। हालांकि, बैच वाइज अगर सीनियरिटी देखी जाए तो फिर 94 बैच में छत्तीसगढ़ कैडर में ऋचा शर्मा सबसे उपर हैं, उनके बाद फिर विकास शील की पत्नी निधि छिब्बर। विकास निधि से एक पायदान नीचे हैं। अगर बैचवाइज सीनियरिटी की बात करें तो फिर ऋचा और निधि को भी वे सुपरसीड करेंगे।
छत्तीसगढ़ में 3 बार सुपरसीड
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 25 साल में तीन बार सीनियरिटी को सुपरसीड कर मुख्य सचिव बनाए गए हैं। पहली बार 2007 में तीन अफसर सुपसीड हुए थे, जब शिवराज सिंह मुख्य सचिव बने थे। आरपी बगाई के रिटायर होने के बाद सीनियरिटी में सबसे उपर थे बीकेएस रे। फिर पी0 राघवन और बीके कपूर। रमन सरकार ने इन तीन आईएएस अधिकारियों को सुपरसीड कर शिवराज सिंह को चीफ सिकरेट्री की कमान सौंपी थी। इसके बाद 2011 में नारायण सिंह को सुपरसीड कर सुनिल कुमार मुख्य सचिव बनाए गए। हालांकि, तब प्रशासनिक चतुराई ये की गई थी कि सुनिल कुमार के सीएस बनने से पहले ही नारायण सिंह को मंत्रालय से शिफ्थ कर उन्हें माध्यमिक शिक्षा मंडल का चेयरमैन बना दिया गया था। सुनिल कुमार के बाद सुनिल कुजूर तक वरिष्ठता के अनुसार मुख्य सचिव की नियुक्ति होती रही। सुनिल कुमार के बाद विवेक ढांड, फिर अजय सिंह और सुनील कुजूर मुख्य सचिव बने। 86 बैच के आईएएस कुजूर के रिटायर होने के बाद 87 बैच में तीन आईएएस अफसर थे। इनमें से बीवीआर सुब्रमणियम को भारत सरकार पहले ही जम्मू-कश्मीर का मुख्य सचिव बना चुकी थी। बचे थे सीके खेतान और आरपी मंडल। 87 बैच में खेतान सबसे उपर थे, उसके बाद मंडल। भूपेश बघेल सरकार ने खेतान को सुपरसीड कर मंडल को मुख्य सचिव बनाया और खेतान को मंत्रालय से बाहर शिफ्थ करते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ राजस्व बोर्ड का चेयरमैन अपाइंट किया। इसके करीब पांच साल बाद सुपरसीड कर मुख्य सचिव बनाए जाने का इतिहास फिर दुहराएगा। विकास शील सीनियर अफसरों को सुपरसीड कर मुख्य सचिव बनने वाले छत्तीसगढ़ के चौथे आईएएस अधिकारी होंगे।
जानिये कौन हैं विकास शील
आईएएस विकाशील छत्तीसगढ़ कैडर के 1994 बैच के आईएएस अफसर है। उनका पूरा नाम विकासशील गुप्ता है। वैसे वे उत्तरप्रदेश के मूल निवासी हैं। मगर बाद में उनका परिवार उत्तराखंड के गढ़वाल का वशिंदा हो गया। विकासशील का जन्म 10 जून 1969 को हुआ। उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग से बीई किया फिर इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग से एमई किया। विकासशील गुप्ता ने 4 सितंबर 1994 को आईएएस की सर्विस ज्वॉइन की है। विकासशील की पत्नी भी छत्तीसगढ़ कैडर की आईएएस हैं। छत्तीसगढ़ में कई अहम पदों पर काम कर चुके विकासशील 2018 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। जनवरी 2024 से एडीबी में कार्यकारी निदेशक के पद पर थे। वहां से रिलीव होकर अब वे वापिस लौट रहे हैं।
आईएएस पत्नी
विकासशील का विवाह निधि छिब्बर से हुआ है। निधि छिब्बर हरियाणा की रहने वालीं है। वे छतीसगढ़ कैडर की 1994 बैच की आईएएस अफसर हैं। दोनों पति-पत्नी बैचमेट हैं। वर्तमान में वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर नीति आयोग में एडवाइजर थी। मई 2025 से उन्हें नीति आयोग में विकास निगरानी और मूल्यांकन कार्यालय (डीएमईओ) का महानिदेशक बनाया गया।
विकासशील का प्रोफ़ेशनल कैरियर
आईएएस विकासशील गुप्ता मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अफसर थे। राज्य बंटवारे के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ मिल गया। हालांकि, मध्यप्रदेश के समय वे कटघोरा और जांजगीर के एसडीएम रहे। नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ आने के बाद वे कोरिया, बिलासपुर और रायपुर के कलेक्टर रहे। इसके बाद वे स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य, फूड और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव रहे हैं। 2018 से वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भारत सरकार चले गए। वे स्वास्थ्य कल्याण विभाग में अतिरिक्त सचिव रहे। जल शक्ति मंत्रालय में पेयजल और स्वच्छता विभाग में जल जीवन मिशन के अतिरिक्त सचिव और मिशन निदेशक रहें। जनवरी 24 में एडीबी, मनीला, फिलीपींस के कार्यकारी निदेशक उन्हें पोस्ट किया गया। उनका कार्यकाल तीन साल का था मगर इससे पहले छत्तीसगढ़ का मुख्य सचिव बनाने के लिए उन्हें डेढ़ साल पहले ही वापिस बुला लिया गया।
