Chhattisgarh News: CG कुलपति बर्खास्त: इस कुलपति पर गिरी भर्ती में गड़बड़ी की गाज, कमिश्नर को सौंपा प्रभार
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Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ने प्रदेश के एक विश्वविद्यालय के कुलपति को बर्खास्त कर दिया है। इस संबंध में आज ही राजभवन से आदेश जारी किया गया है।
जानकारी के अनुसार महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 की धारा 17 अंतर्गत माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, पाटन, दुर्ग द्वारा डॉ. राम शंकर कुरील को महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, पाटन, दुर्ग के कुलपति के पद से तत्काल प्रभाव से हटाये जाने का आदेश दिया गया है।
महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 की धारा 14(7) अंतर्गत संभागायुक्त, रायपुर संभाग, रायपुर को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, पाटन, दुर्ग के कुलपति के रुप में दायित्व निवर्हन हेतु नामनिर्देशित किया गया है।
बता दें कि कुलपति कुरील के खिलाफ भर्ती घोटाले का आरोप लगा था। इस मामले में राज्यपाल से शिकायत की गई थी। राज्यपाल ने गड़बड़ी की जांच के लिए तीन कुलपतियों की जांच कमिटी बनाई थी। इसमें कृषि विवि के कुलपति गिरीश चंदेल, पत्रकारिता विवि के कुलपति बलदेव शर्मा और सुंदरलाल मुक्त विवि के कुलपति वंशगोपाल सिंह मेम्बर थे। इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल ने कुलपति को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है।
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवतर्न के साथ ही प्रशासन और प्रशासन का पूरा समीकरण भी बदलने लगा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाओं और कामों की समीक्षा कर रही है। बीते 5 वर्षों में राज्य में हुईं भर्तियां सरकार के राडार में है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजी पीएससी) में भर्ती के मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपने का फैसला हो चुका है। इधर, आज प्रदेश के कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय सांकरा (पाटन) में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित रखने के निर्देश जारी कर दिए।
कृषि मंत्री के इस निर्देश ने प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का टेंशन बढ़ा दिया है। बता दें, कई विश्वविद्यालयों में भर्तियां हो रही और कुछ में प्रक्रियाधीन है। कई कुलपतियों को उन्हें यहां हुई भर्ती की फाइल खुलने का डर सताने लगा है। महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक की खबर के बाद एक विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्र ने दावा किया कि बीते 5 सालों में राज्य के अधिकांश विश्वविद्यालयों में भर्तियों हुई हैं उनमें से ज्यादातर में नियम-कायदों को अनदेखी और बड़े पैमाने पर खेला किया गया। विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार कुलपतियों ने इसके लिए रेट तय कर रखा है। प्रोफेसरों के लिए 60 से 75 लाख रुपये। रीडर यानी एसोसियेट पद के लिए 40 से 50 लाख और लेक्चरर यानी सहायक प्राध्यापक के लिए 25 से 30 लाख। आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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रायपुर। कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय सांकरा (पाटन) में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित रखने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सांकरा, पाटन में दोषपूर्ण, नियम विरूद्ध भर्ती प्रक्रिया तथा प्रबंध मंडल के गठन में की गई अनियमितता की शिकायत छात्र-छात्राओं ने कृषि मंत्री से की थी, जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित कर दी गई है।
महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय पाटन में सहायक प्राध्यापक के 35 पदों की भर्ती के लिए तैयार किए गए स्कोर कार्ड में भारी गड़बड़ी की शिकायत आई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की गाइड लाइन के अनुसार पीएचडी एवं नेट की परीक्षा के लिए पृथक-पृथक अंक देना था, जो कि नहीं किया गया था। इस कारण बड़ी संख्या में पीएच.डी उम्मीदवार उपलब्ध होते हुए भी गैर पीएच.डी धारी अभ्यर्थियों का चयन एवं नियुक्ति की गई थी। विद्यार्थियों ने शिकायत में कहा कि सहायक प्राध्यापक की चयन समिति के गठन में भी दोषपूर्ण प्रक्रिया अपनाई गई थी। विश्वविद्यालय की चयन समिति में कुलसचिव द्वारा साक्षात्कार के अंक दिए गए थे, परंतु कुछ अभ्यर्थियों के चयन में कुलसचिव को अंक देने से रोक दिया गया था। साथ में सहायक प्राध्यापक की नियुक्तियों को अनुमोदन देने वाले प्रबंध मंडल का गठन भी त्रुटिपूर्ण किया गया था। विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में करीब 3 साल पहले बना महात्मा गांधी उद्यानिकी विश्वविद्यालय स्थापना के साथ ही चर्चा में रहा है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के निर्वाचन क्षेत्र पाटन में स्थित इस विवि में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती में अनियमितता के आरोप के बीच एक दिन पहले ही राज्य सरकार ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कुलपति डॉ. आरएल कुरील के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एबीवीपी ने कुलपति पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की है। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने अपनी इस मांग को लेकर राजधानी में प्रदर्शन किया और कृषि मंत्री राम विचार नेताम को ज्ञापन सौंपा है।
एबीवीपी के प्रदेश मंत्री यज्ञदत वर्मा ने अनुसार विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के 35 पदों की भर्ती प्रक्रिया में भारी अनियमितताहुई है। पदों लिए बनाए गए स्कोर कार्ड में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। यूजीसी के गाइड लाइन हिसाब से पीएचडी और नेट की परीक्षा के लिए अलग-अलग अंक देना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसकी वजह से बड़ी संख्या में पीएचडी उम्मीदवार के स्थान पर गैर पीएचडी अभ्यर्थियों का चयन व नियुक्ति की गई। इसके साथ ही एबीवीपी ने सहायक प्राध्यापक की चयन समिति के गठन में भी दोषपूर्ण प्रक्रिया अपनाए जाने का आरोप लगाया गया है। विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें