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Mahatma Gandhi University of Horticulture and Forestry: महात्मा गांधी उद्यानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ एबीवीपी ने खोला मोर्चा, कुरील को हटाने मंत्री को सौंपा ज्ञापन, देखें वीडियो

Mahatma Gandhi University of Horticulture and Forestry: महात्‍मा गांधी उद्यानिकी विश्‍वविद्यालय में भ्रष्‍टाचार का मामला तुल पकड़ लिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विवि के कुलपति डॉ. आरएस कुरील के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एबीवीपी ने कुलपति को हटाने की मांग करते हुए राजधानी रायपुर में रैली निकाला और कृषि मंत्री रामविचार नेताम को ज्ञापन सौंपा है।

महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय सांकरा (पाटन) के कुलपति को हटाने की मांग को लेकर कृषि मंत्री राम विचार नेताम को ज्ञापन सौंपते एबीवीपी के कार्यकर्ता।
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महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय सांकरा (पाटन) के कुलपति को हटाने की मांग को लेकर कृषि मंत्री राम विचार नेताम को ज्ञापन सौंपते एबीवीपी के कार्यकर्ता।

By Sanjeet Kumar

Mahatma Gandhi University of Horticulture and Forestry: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में करीब 3 साल पहले बना महात्‍मा गांधी उद्यानिकी विश्‍वविद्यालय स्‍थापना के साथ ही चर्चा में रहा है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के निर्वाचन क्षेत्र पाटन में स्थित इस विवि में सहायक प्राध्‍यापकों की भर्ती में अनियमितता के आरोप के बीच एक दिन पहले ही राज्‍य सरकार ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कुलपति डॉ. आरएल कुरील के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एबीवीपी ने कुलपति पर भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाते हुए उन्‍हें हटाने की मांग की है। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने अपनी इस मांग को लेकर राजधानी में प्रदर्शन किया और कृषि मंत्री राम विचार नेताम को ज्ञापन सौंपा है।

एबीवीपी के प्रदेश मंत्री यज्ञदत वर्मा ने अनुसार विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के 35 पदों की भर्ती प्रक्रिया में भारी अनियमितताहुई है। पदों लिए बनाए गए स्कोर कार्ड में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। यूजीसी के गाइड लाइन हिसाब से पीएचडी और नेट की परीक्षा के लिए अलग-अलग अंक देना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसकी वजह से बड़ी संख्या में पीएचडी उम्मीदवार के स्थान पर गैर पीएचडी अभ्यर्थियों का चयन व नियुक्ति की गई। इसके साथ ही एबीवीपी ने सहायक प्राध्यापक की चयन समिति के गठन में भी दोषपूर्ण प्रक्रिया अपनाए जाने का आरोप लगाया गया है।

महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में प्राध्‍यापकों की भर्ती में गड़बड़ी, सरकार ने रोकी भर्ती प्रक्रिया

कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय सांकरा (पाटन) में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित रखने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सांकरा, पाटन में दोषपूर्ण, नियम विरूद्ध भर्ती प्रक्रिया तथा प्रबंध मंडल के गठन में की गई अनियमितता की शिकायत छात्र-छात्राओं ने कृषि मंत्री से की थी, जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित कर दी गई है।

महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय पाटन में सहायक प्राध्यापक के 35 पदों की भर्ती के लिए तैयार किए गए स्कोर कार्ड में भारी गड़बड़ी की शिकायत आई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की गाइड लाइन के अनुसार पीएचडी एवं नेट की परीक्षा के लिए पृथक-पृथक अंक देना था, जो कि नहीं किया गया था। इस कारण बड़ी संख्या में पीएच.डी उम्मीदवार उपलब्ध होते हुए भी गैर पीएच.डी धारी अभ्यर्थियों का चयन एवं नियुक्ति की गई थी।

विद्यार्थियों ने शिकायत में कहा कि सहायक प्राध्यापक की चयन समिति के गठन में भी दोषपूर्ण प्रक्रिया अपनाई गई थी। विश्वविद्यालय की चयन समिति में कुलसचिव द्वारा साक्षात्कार के अंक दिए गए थे, परंतु कुछ अभ्यर्थियों के चयन में कुलसचिव को अंक देने से रोक दिया गया था। साथ में सहायक प्राध्यापक की नियुक्तियों को अनुमोदन देने वाले प्रबंध मंडल का गठन भी त्रुटिपूर्ण किया गया था।

नामांकित व्यक्ति एवं विशेषज्ञ विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुरूप नहीं थे। इससे छत्तीसगढ़ प्रदेश के पात्र एवं पीएच.डी उपाधि प्राप्त अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में कम अंक देकर अन्य प्रदेश के उम्मीदवारों की नियुक्ति की गई थी। इन तथ्यों के अलावा भी अन्य तथ्य शिकायत पत्र में दिए गए थे, जिस पर संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया की जाँच तीन सदस्यीय समिति गठित कर सात दिवस के भीतर करवाकर नियमानुसार आगामी कार्यवाही किये जाने का निर्णय प्रदेश के कृषि मंत्री रामविचार नेताम द्वारा लिया गया।

यह भी पढ़ें- राडार पर वीसी और भर्तियांः 75 लाख में प्रोफेसर, 40 लाख में रीडर और 30 लाख में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए विश्वविद्यालयों में चल रहे सौदे

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में सत्‍ता परिवतर्न के साथ ही प्रशासन और प्रशासन का पूरा समीकरण भी बदलने लगा है। मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय के नेतृत्‍व वाली भाजपा सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाओं और कामों की समीक्षा कर रही है। बीते 5 वर्षों में राज्‍य में हुईं भर्तियां सरकार के राडार में है। छत्‍तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजी पीएससी) में भर्ती के मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपने का फैसला हो चुका है। इधर, आज प्रदेश के कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय सांकरा (पाटन) में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित रखने के निर्देश जारी कर दिए।

कृषि मंत्री के इस निर्देश ने प्रदेश के दूसरे विश्‍वविद्यालयों के कुलपतियों का टेंशन बढ़ा दिया है। बता दें, कई विश्वविद्यालयों में भर्तियां हो रही और कुछ में प्रक्रियाधीन है। कई कुलपतियों को उन्‍हें यहां हुई भर्ती की फाइल खुलने का डर सताने लगा है। महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्‍यापकों की भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक की खबर के बाद एक विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्र ने दावा किया कि बीते 5 सालों में राज्य के अधिकांश विश्वविद्यालयों में भर्तियों हुई हैं उनमें से ज्‍यादातर में नियम-कायदों को अनदेखी और बड़े पैमाने पर खेला किया गया। इस खबर को विस्‍तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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