Begin typing your search above and press return to search.

CG Right to Education Act: RTE पर प्राइवेट स्‍कूलों की क्‍लास: सोमवार को होगी समीक्षा, ड्राप आउट रिपोर्ट के साथ आने DEO ने भेजा लेटर...

CG Right to Education Act: शिक्षा का अधिकार (आरटीई) में ड्राप आउट को लेकर सरकार ने नकेस कस दी है। जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी स्‍कूल प्रबंधकों समीक्षा बैठक के लिए बुलावा भेजा है। स्‍कूल संचालकों को ड्राप आउट रिपोर्ट के साथ आने के लिए कहा गया है।

CG Right to Education Act: RTE पर प्राइवेट स्‍कूलों की क्‍लास: सोमवार को होगी समीक्षा, ड्राप आउट रिपोर्ट के साथ आने DEO ने भेजा लेटर...
X
By Sanjeet Kumar

CG Right to Education Act: रायपुर। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) में ड्राप आउट रेट को लेकर सरकार ने मंथन शुरू कर दिया है। स्‍कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परेदशी के निर्देश के बाद जिला स्‍तर पर समीक्षा का दौर शुरू हो गया है। रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने जिला के सभी नोडल प्रचार्यों (आरटीई) के साथ प्राइवेट स्‍कूलों के प्रबंधकों और प्रचार्यों की समीक्षा बैठक में बुलाई है। प्राचार्यों और स्‍कूल प्रबंधकों को बैठक में स्‍कूल का ड्राप आउट रिपोर्ट लेकर आने के लिए कहा गया है। यह बैठक सोमवार (27 मई) को रायपुर के मेडिकल कॉलेज स्थित अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम में रखी गई है।

दरअसल सरकार को संदेह है कि आरटीई वाले बच्‍चों का ड्राप आउट (पढ़ाई छोड़ने) रेट बढ़ गया है और इसके लिए जिम्‍मेदार प्राइवेट स्‍कूल वाले हैं। सरकार के पास ऐसी सूचना पहुंची है कि दबाव की वजह से पहले साल तो स्‍कूल वाले आरटीई में गरीब बच्‍चों का दाखिला अपने स्‍कूल में कर लेते हैं, लेकिन उसके बाद ऐसे हालात बना देते हैं कि बच्‍चे खुद ही स्‍कूल छोड़ देते हैं। इसी संदेह की पुष्टि के लिए सरकार बड़े स्‍तर पर कवायद कर रही है। ड्राप आउट रिपोर्ट की समीक्षा के साथ ही शिक्षा सचिव ने कलेक्‍टरों को पूरे 5 साल के ड्राव आउट के आंकड़ों की समीक्षा करने के लिए कहा है।

सरकार के बढ़ते दबाव के बीच प्राइवेट स्‍कूल प्रबंधन की तरफ से सरकार पर उल्‍टा दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। स्‍कूल प्रबंधकों की तरफ से यह खबर फैलाई गई कि सरकार ने आरटीई का 285 करोड़ रुपये नहीं दिया। प्राइवेट स्‍कूलों की इस अफवाह पर सरकार की तरफ से तुरंत पलटवार किया गया। सरकार ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि प्राइवेट स्‍कूल संचालक झूठ बोल रहे हैं। अफसरों ने बताया कि जनवरी 2024 से अप्रैल 2024 तकं वर्ष 2022-23 हेतु नर्सरी से 8वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों की शुल्क प्रतिपूर्ति राशि 185.91 करोड़ और कक्षा 9वीं से 12वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों की शुल्क प्रतिपूर्ति राशि 20.71 करोड़ के विरूद्ध कुल 134,30,27,339 रुपये निजी विद्यालयों के खाते में ट्रांसफर किया जा चुका है। वर्ष 2022-23 में शेष लंबित राशि लगभग 70.00 करोड़ के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसी तरह वर्ष 2023-24 की प्रतिपूर्ति के लिए सत्रांत अगस्त का समय निर्धारित है। विद्यालयों द्वारा समय-सीमा में दावा किए जाने के पश्चात् शुल्क प्रतिपूर्ति राशि के भुगतान के लिए कार्यवाही की जावेगी।


यह भी पढ़ें- आरटीई के हर ड्राप आउट बच्‍चे के पालक से सरकार करेगी बात: पूछेगी-बच्‍चे ने क्‍यों छोड़ दी पढ़ाई, क्‍या इसके लिए स्‍कूल प्रबंधन है जिम्‍मेदार...

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत हर साल हजारों गरीब परिवार के बच्‍चों का प्राइवेट स्‍कूलों में दाखिला होता है। इन बच्‍चों की पढ़ाई का खर्च सरकार वहन करती है। इसके बावजूद ज्‍यादातर बच्‍चे एक या दो साल में पढ़ाई छोड़ देते (ड्राप आउट) हैं। यह मामला अब सरकार के संज्ञान में आया है। पता चला है कि ऐसा बड़े और नामी स्‍कूलों में ज्‍यादा हो रहा है। वहां पहले साल तो बच्‍चों का दाखिला होता जाता है, लेकिन आगे की क्‍लास में बच्‍चे नहीं पढ़ते हैं। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी पड़ताल शुरू कर दी है। एक दिन पहले स्‍कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने प्रदेश के सभी कलेक्‍टरों को पत्र जारी करके आरटीई के बच्‍चों की ड्राप आउट पर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही कलेक्‍टरों को पूरे पांच साल की रिपोर्ट की समीक्षा करने के लिए कहा है। इस खबर को विस्‍तार से पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें- CG प्राइवेट स्‍कूलों पर सरकार ने कसा शिकंजा: स्‍कूल शिक्षा सचिव ने RTE वाले बच्‍चों की मांगी ड्राप आउट रिपोर्ट, कलेक्‍टरों को 5 साल की समीक्षा करने के निर्देश...

रायपुर। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के मामले में मनमानी करने वाले प्राइवेट स्‍कूलों की अब खैर नहीं है। प्रदेश की विष्‍णुदेव साय सरकार शिक्षा सत्र की शुरुआत में ही आरटीई को लेकर सख्‍ती शुरू कर दी है। स्‍कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कलेक्‍टरों को पत्र लिखकर आरटीई वाले बच्‍चों की ड्राप आउट रिपोर्ट तलब की है। इस खबर को विस्‍तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

Read MoreRead Less

Next Story