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Chhattisgarh News: CG प्राइवेट स्‍कूलों पर सरकार ने कसा शिकंजा: स्‍कूल शिक्षा सचिव ने RTE वाले बच्‍चों की मांगी ड्राप आउट रिपोर्ट, कलेक्‍टरों को 5 साल की समीक्षा करने के निर्देश...

Chhattisgarh News: प्रदेश की विष्‍णुदेव साय सरकार ने शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून में मनमानी करने वाले स्‍कूलों पर शिकंजा कस दिया है। स्‍कूल शिक्षा सचिव ने आरटीई के तहत दाखिला प्राप्‍त करने वाले बच्‍चों की ड्राप आउट रिपोर्ट तलब की है। इसके साथ ही कलेक्‍टरों को इस श्रेणी के बच्‍चे के ड्राप आउट की 5 साल की स्थिति की समीक्षा करने का निर्देश दिया है।

Chhattisgarh News: CG प्राइवेट स्‍कूलों पर सरकार ने कसा शिकंजा: स्‍कूल शिक्षा सचिव ने RTE वाले बच्‍चों की मांगी ड्राप आउट रिपोर्ट, कलेक्‍टरों को 5 साल की समीक्षा करने के निर्देश...
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By Sanjeet Kumar

Chhattisgarh News: रायपुर। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के मामले में मनमानी करने वाले प्राइवेट स्‍कूलों की अब खैर नहीं है। प्रदेश की विष्‍णुदेव साय सरकार शिक्षा सत्र की शुरुआत में ही आरटीई को लेकर सख्‍ती शुरू कर दी है। स्‍कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कलेक्‍टरों को पत्र लिखकर आरटीई वाले बच्‍चों की ड्राप आउट रिपोर्ट तलब की है।

कलेक्‍टरों को लिखे पत्र में स्‍कूल शिक्षा सचिव परदेशी ने कहा है कि जिले के गैर अनुदान प्राप्त विद्यालयों के प्रबंधक / प्राचार्यों की एक बैठक 10 दिन के भीतर बुलाकर यह समीक्षा करें कि उनके विद्यालय में कितने विद्यार्थियों ने आरटीई के तहत प्रवेश लिया था तथा उनमें से कितने बच्चे पढ़ाई छोड़कर ड्राप आउट हो गए हैं। इसकी एक रिपोर्ट भी मांगी है। सचिव ने कलेक्‍टरों को बीते 05 वर्षों में ड्राप आउट हुए बच्चों की जानकारी प्राप्त कर समीक्षा करें करने के लिए भी कहा है। सचिव ने कहा है कि ड्राप आउट रोकने की दिशा में समुचित पहल करने का कष्ट करें जिससे कि आपके जिले में आरटीई के मंशा के अनुरूप सभी बच्चे अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण कर सकें।

देखें स्‍कूल शिक्षा सचि का पत्र...

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रायपुर. राज्य सरकार ने प्राइवेट स्कूलों पर शिकंजा कस दिया है. सीबीएसई के ख़राब नतीजों पर एनपीजी न्यूज़ ने खबर प्रकाशित किया था कि मोटी फीस और पुस्तक, यूनिफार्म में कमीशन के बाद भी छत्तीसगढ़ देश में 33वें नंबर पर है. सरकार ने इसे संज्ञान में लिया. स्कूल शिक्षा विभाग को शिक्षा के अधिकार अधिनियम में भी स्कूलों द्वारा खेला किए जाने कि शिकायत मिल रही थी. लिहाजा, विभाग के सचिव सिद्धार्थ परदेशी ने कलेक्टरों को कार्रवाई करने पत्र लिख दिया. उन्होंने सिलसिलेवार कलेक्टरों को उनका अधिकार बताते हुए कहा है, इसमें आप कार्रवाई कीजिए. विस्‍तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें- CG आरटीई में खेला!: ग़रीब बच्चो को निःशुल्क शिक्षा से वंचित करने का आरोप, लोक आयोग में शिकायत

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) में बड़ा खेला चल रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता विकास तिवारी ने यह आरोप लगाया है। उन्‍होंने इस मामले में आज लोक आयोग में दस्‍तावेजों के साथ लिखित शिकायत की है। तिवारी के अनुसार राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में ग़ैर मान्यता वाले स्कूल को गली-कूचे के किराये के मकानों में खोलकर छात्र-छात्राओ के मौलिक अधिकार,बाल संरक्षण के अधिकारो की खुले तौर पर अवहेलना की जा रही है।

प्रवक्ता तिवारी ने बताया कि लगातार प्रदेश के सबसे बड़े प्राइवेट स्कूल समूह के द्वारा गली-कूचों में संचालित ग़ैर मान्यता वाले स्कूलों की लिखित सबूत के साथ की गयी शिकायत को संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रायपुर और ज़िला शिक्षा अधिकारी रायपुर द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही न करते हुए उन ग़ैर मान्यता वाले स्कूलों के संरक्षक के रूप में खड़े रहने का कार्य किया जा रहा है। इन ग़ैर मान्यता वाले स्कूलों में फ़ीस नियामक के नियमों की अवहेलना करते हुए पालकों से मोटा पैसा वसूला जाता है जो की अवैध वसूली की श्रेणी में आता है। शिक्षा विभाग के आला अधिकारियो और ज़िला शिक्षा कार्यालय के कर्मचारियों के द्वारा संगठित रूप से प्राइवेट स्कूल समूह के साथ मिलकर इस संगठित अपराध को अमलीजामा पहनाया जाता है। संयुक्त संचालक शिक्षा और ज़िला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के आस पास ही कई ग़ैर मान्यता वाले स्कूल संचालित हो रहे है और शिक्षा विभाग के आला अधिकारी इन स्कूलों के संरक्षक की भूमिका अदा कर रहे है। विस्‍तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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