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Bilaspur High Court: RTI से जानकारी हासिल करने एक भूमि स्वामी को लड़नी पड़ी लंबी कानूनी लड़ाई, अब हाईकोर्ट ने कहा..

Bilaspur High Court: केंद्रीय सूचना आयुक्त को कोर्ट ने याचिकाकर्ता को मांगी गई जानकारी देने दिया निर्देश! मामला एनएच के लिए भूमि अधिग्रहण का है। आरटीआई से जानकारी के लिए याचिकाकर्ता भूमि स्वामी को एक जानकारी के लिए पूरे चार साल कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी

Bilaspur High Court: RTI से जानकारी हासिल करने एक भूमि स्वामी को लड़नी पड़ी लंबी कानूनी लड़ाई, अब हाईकोर्ट ने कहा..
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। केंद्र सरकार के कानून का मातहत अधिकारी व कर्मचारी किस तरह माखौल उड़ाते हैं, एक अदद जानकारी के लिए लोगों को कैसे चक्कर कटवाते हैं इसका ताजा उदाहरण छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में दायर याचिका और याचिकाकर्ता की परेशानी है। अपनी ही भूमि के अधिग्रहण के बाद पारित अवार्ड को लेकर उसे कहीं से भी जानकारी नहीं मिली। हाई कोर्ट में याचिका दायर की तब कहीं जाकर राहत मिल पाई है। कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयुक्त नईदिल्ली को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता को मांगी गई जानकारी आरटीआई के तहत देने का निर्देश दिया है।

एनएचएआई ने दर्रीघाट-पेंड्रीडीह राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण के साथ ही भूमि स्वामियों को अवार्ड पारित किया था। अवार्ड के संबंध में हेमूनगर निवासी संजय सिंह ने आरटीआई के जरिए जानकारी मांगी। उसे विभाग के अफसरों ने नहीं दी।

मामला कुछ इस प्रकार है। वर्ष 2011-2012 में दर्रीघाट-पेंड्रीडीह नेशनल हाईव के लिए 21 गांव की भूमि अधिग्रहण करने के संबंध में अधिसूचना जारी की गई थी। अधिसूचना के बाद भूमि अधिग्रहण कर जनवरी 2013 में अवार्ड पारित किया गया। हेमूनगर निवासी संजय सिंह की जमीन का भी अधिग्रहण एनएचएआई ने किया था। उचित मुआवजा ना मिलने पर भू स्वामी संजय सिंह ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन देकर प्रस्तावित एनएच के भूमि अधिग्रहण के एवज में एनएचएआई ने कितना एवार्ड पारित किया है, जानकारी मांगी। उप पंजीयक ने क्षेत्राधिकार का हवाला देते हुए जानकारी देने से इन्कार कर दिया।

द्बितीय अपील पेश की। दूसरी अपील में भी जानकारी नहीं मिली। केन्द्रीय सूचना आयोग नई दिल्ली में आवेदन पेश कर जानकारी मांगी। उनके आवेदन को सूचना आयोग से खारिज कर दिया।

2019 में दायर की याचिका

केंद्रीय सूचना आयोग के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अवार्ड से संबंधित जानकारी की मांग की। जस्टिस संजय एस अग्रवाल के सिंगल बेंच में याचिका की सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग नईदिल्ली को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता को आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी निर्धारित प्रक्रिया के तहत उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

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