Bilaspur High Court: रायपुर के एक अस्पताल में करोड़ों का घोटाला: जानिये... सीबीआई जांच की मांग पर महाधिवक्ता ने हाई कोर्ट में क्या कहा...
Bilaspur High Court:
Bilaspur High Court: बिलासपुर । राज्य स्त्रोत निशक्त जन संस्थान अस्पताल रायपुर के नाम पर हुए करोड़ों के घोटाले की सीबीआई से जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका में शुक्रवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी के लिए उपस्थित महाधिवक्ता ने हाई कोर्ट से जवाब पेश करने समय देने का अनुरोध किया। महाधिवक्ता के अनुरोध को स्वीकार करते हुए डीबी ने एक सप्ताह बाद अगली सुनवाई निर्धारित कर दी है।
रायपुर कुशालपुर निवासी कुंदन सिंह ठाकुर ने प्रदेश के वर्तमान और रिटायर्ड IAS अफसरों द्वारा NGO के नाम पर करोड़ो का घोटाला करने का आरोप लगाते हुए अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर के माध्यम से जनहित याचिका दायर की है। .इसमें बताया गया था कि, स्वयं याचिकाकर्ता को एक शासकीय अस्पताल राज्य स्त्रोत निशक्तजन संस्थान में कार्यरत बताते हुए सजे नाम से हर महीने वेतन निकाला जा रहा था। इसकी जानकारी मिलने पर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी हासिल की।
RTI से खुला राज
आरटीआई के तहत मिली जानकारी से पता चला कि नया रायपुर स्थित एक अस्पताल को एक एनजीओ द्वारा चलाया जा रहा है। जिसमें करोड़ों की मशीनें खरीदी गईं है।.इनके रखरखाव में भी करोड़ों का खर्च आना बताया गया।
चीफ जस्टिस की डीविजन बेंच में सुनवाई के दौरान शासन ने अपने जवाब ने कहा कि याचिकाकर्ता ने झूठे आरोप लगाये हैं कोई घोटाला नहीं हुआ है। इस मामले में पहले 2017में एक पिटीशन दायर की गई . बाद में 2018 में इसे जनहित याचिका के रूप में पेश किया गया।
हाई कोर्ट ने घोटाले में शामिल अफसरों पर एफआईआर का दिया था निर्देश
मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने पूर्व में हुई सुनवाई के बाद घोटाले मे शामिल अफसरों पर एफआईआर दर्ज कर कारवाई करने के निर्देश दिए थे। इसी मामले में सरकार ने एक पुनर्विचार याचिका दायर कर कहा था कि, सीबीआई की बजाय यह मामला पुलिस को दिया जाना चाहिए ।