Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी,जिस पद पर नियुक्ति उसी में रिटायरमेंट, ठीक नहीं है यह
Bilaspur High Court: डाटा एंट्री आपरेटरों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य शासन के पदोन्नति नीति को लेकर तल्ख टिप्पणी की है। राज्य की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसर से कहा कि यह कहां का नियम है,कि जिस पद पर ज्वाइनिंग करे उसी पद पर रिटायर हो जाए। काम का कुछ तो अवार्ड मिले। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने आठ सप्ताह बाद का समय तय कर दिया है।
Bilaspur High Court: बिलासपुर। डाटा एंट्री आपरेटरों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य शासन के पदोन्नति नीति को लेकर तल्ख टिप्पणी की है। राज्य की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसर से कहा कि यह कहां का नियम है,कि जिस पद पर ज्वाइनिंग करे उसी पद पर रिटायर हो जाए। काम का कुछ तो अवार्ड मिले। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने आठ सप्ताह बाद का समय तय कर दिया है।
डाटा एंट्री आपरेटरों द्वारा पदोन्नति को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि कर्मचारी एक ही पद पर बिना किसी पदोन्नति के काम करे यह उचित नहीं है। कुछ तो अवार्ड मिलना ही चाहिए। जिस पद पर नियुक्ति होगी उसी पद पर रिटायर हो जाए, यह उचित नहीं है। राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के शासकीय अधिवक्ता ने याचिका को खारिज करने की मांग की। कोर्ट ने कहा कि आप जवाब पेश करिए। आगे सुनवाई करेंगे।
छ.ग. शासन के 15 विभागों में पदोन्नति चैनल निर्धारित कर डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों को पदोन्नति प्रदान किया जा रहा है। परन्तु छ.ग. शासन के अन्य विभागों में डाटा एन्ट्री ऑपरेटर पदोन्नति से वंचित हैं। छ.ग. शासन के समस्त विभागों में एक समान पदोन्नति चैनल निर्धारित करने एवं पदोन्नत पद के समान समयमान-वेतनमान प्रदान करने के संबंध में छ.ग. प्रदेश शासकीय कम्प्यूटर/डाटा एन्ट्री ऑपरेटर कर्मचारी एसोसिएशन द्वारा बीते 08-10 वर्षों से शासन, प्रशासन, विभाग प्रमुखों को पत्राचार किया जा रहा था। परन्तु शासन, प्रशासन एवं विभागों द्वारा डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों को पदोन्नति प्रदान करने के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही थी।
एक राज्य में एक ही पद के लिए दोहरी नीति के खिलाफ पेश की याचिका
एक ही राज्य में एक ही पद के पदोन्नति के संबंध में दोहरी नीति एवं उनके साथ हो रहे अन्याय को लेकर छ.ग. प्रदेश शासकीय कम्प्यूटर/डाटा एन्ट्री ऑपरेटर कर्मचारी एसोसिएशन के माध्यम से 10 विभागों-वन विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, निर्वाचन विभाग, खाद्य विभाग, रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग, जल संसाधन विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं नगर निगम बिलासपुर द्वारा उन 15 विभागों में जहां पदोन्नति चैनल निर्धारित है के समान पदोन्नति एवं पदोन्नति से वंचित डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों को पदोन्नति पद के बराबर समयमान दिये जाने की मांग करते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर किया है।
हाई कोर्ट ने शासन से मांगा जवाब
मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने कहा है। इसके लिए आठ सप्ताह की मोहलत दी है।
इन विभागों में पदोन्नति चैनल
छ.ग. शासन के विभिन्न विभागों जैसे- तकनीकी शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, वाणिज्य कर आयुक्त, राज्यपाल के सचिवालय, परिवहन विभाग, राजस्व विभाग, कोष लेखा एवं पेंशन, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, लोक निर्माण विभाग, विधानसभा सचिवालय, श्रम विभाग एवं छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में डाटा एन्ट्री ऑपरेटर को विभिन्न पदों पर पदोन्नति दिये जाने का चैनल निर्मित है।
डाटा एन्ट्री ऑपरेटर कॉमन पद
डाटा एन्ट्री ऑपरेटर का पद कोई विभाग विशेष का पद नहीं है जो केवल किसी एक विभाग में हो तथा जिनके पदोन्नति का प्रावधान करने के लिए वह विभाग विशेष ही जिम्मेदार हो, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर तो शासन के लगभग समस्त विभागों में है, जिनकी शैक्षणिक/तकनीकी अर्हता एकसमान है एवं एकसमान कार्य करते हैं तो फिर शासन द्वारा इनके पदोन्नति हेतु एकसमान पदोन्नति चैनल निर्धारित क्यों नहीं किया गया है? यह डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों के साथ अन्याय है।
भारतीय संविधान का उल्लंघन
डाटा एंट्री ऑपरेटरों की योग्यताएं, प्रवेश स्तर पर ग्रेड वेतन, उनके द्वारा किए जाने वाले कार्य एक समान हैं और इसलिए कुछ विभागों में डाटा एंट्री ऑपरेटरों के लिए पदोन्नति चैनल होना तथा अन्य विभागों में कोई पदोन्नति चैनल न होना, भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन है।